logo-image

टाटा-मिस्त्री विवाद में नया खुलासा, चार महीने पहले ही हुई थी मिस्त्री के कामकाज की सराहना

टाटा ग्रुप और साइरस मिस्त्री के बीच जारी विवाद पर नया खुलासा हुआ है। मिस्त्री की ग्रुप से हुई छुट्टी से महज चार महीने पहले कंपनी की एक रिव्यू कमेटी ने उनके काम की न केवल सराहनी की थी, बल्कि उनका वेतन बढ़ाए जाने की सिफारिश भी की थी।

Updated on: 02 Nov 2016, 11:46 AM

नई दिल्ली:

टाटा ग्रुप और साइरस मिस्त्री के बीच जारी विवाद पर नया खुलासा हुआ है। मिस्त्री की ग्रुप से हुई छुट्टी से महज चार महीने पहले कंपनी की एक रिव्यू कमेटी ने उनके काम की न केवल सराहनी की थी, बल्कि उनका वेतन बढ़ाए जाने की सिफारिश भी की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साइरस के करीबी सूत्रों ने इसका खुलासा किया है।

इस नॉमिनेशन पैनल की बैठक 28 जून को हुई थी और मिस्त्री के कामकाज का आकलन करते हुए माना था कि हाल के वर्षों में टाटा ग्रुप में उनका योगदान बेहद अहम रहा। उनके प्रदर्शन को देखते हुए बोर्ड ने मिस्त्री के वेतन में अच्छी हाइक की सिफारिश भी की थी। लेकिन मिस्त्री ने खुद इस बात पर जोर दिया कि उनका वेतन ग्रुप की टॉप टीम को दिए 6 फीसदी की बढ़ोतरी से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

कमेटी की उस बैठक की जानकारी बाद में टाटा सन्स के सभी बोर्ड सदस्यों को दी गई। अगले ही दिन बोर्ड की भी बैठक हुई और उन्होंने भी मिस्त्री के वेतन को बढ़ाए जाने की सिफारिश को मंजूरी दी थी।

टाटा के उस नॉमिनेशन पैनल में रोनेन सेन, विजय सिंह और फैरिडा खांबाटा शामिल थे। रोनेन इस कमेटी में बतौर चेयरमैन शामिल थे जबकि टाटा ट्रस्ट का प्रतिनिधित्व कर रहे विजय नॉमिनी डायरेक्टर थे।

गौरतलब है कि पिछले महीने 24 तारीख को रतन टाटा की बतौर अंतरिम चेयरमैन ग्रुप में वापसी हुई थी। इसके बाद टाटा सन्स बोर्ड और टाटा ट्रस्ट के नाम मिस्त्री की एक चिट्टी पर भी बवाल मचा जिसमें उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की और अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया था। साथ ही इस बात का भी जिक्र किया था कि पिछले चार साल में उन्हें ग्रुप में किन-किन तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा।