यूपी में दौड़ेंगी 'भगवा बसें', सीएम योगी ने दिखाई 'संकल्प बस सेवा' को हरी झंडी
आज से यूपी की सड़को पर भगवा बसें फर्राटा भरते दिखाई देंगी। सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार को सुबह 9 बजे अपने सरकारी आवास से भगवा रंग में रंगी 50 संकल्प बसों को हरी झंडी दिखाई
नई दिल्ली:
आज से यूपी की सड़को पर भगवा बसें फर्राटा भरते दिखाई देंगी। सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार को सुबह 9 बजे अपने सरकारी आवास से भगवा रंग में रंगी 50 संकल्प बसों को हरी झंडी दिखाई। इनमे 10 बसें वाराणसी, 10 गोरखपुर, 6 झाँसी, 6 इलाहाबाद, 6 बरेली, 6 मुरादाबाद, और 6 सहारनपुर को मिली हैं।
इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा, 'हमने पहले से बिगड़ी हुई परिवहन व्यवस्था को ठीक किया है। अब इसे और बेहतर बना सकें इसके लिए लगातार प्रयासरत हैं। मुझे लगता है कि अच्छी यात्रा सेवा के लिए अच्छी सड़क भी होनी चाहिए। मैने ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण गौरवशाली नॉजवानों शहीदों के नाम पर करने की बात की है।'
हालांकि बसों के रंग बदलने का सियासी चलन नया नहीं है। यह सिलसिला साल 2007 से शुरू हुआ था। तब बसपा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में काबिज हुयी थी। उसके बाद सत्ता में आयी अखिलेश सरकार में बसों को समाजवादी चोला नसीब हुआ।
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अब जब योगी सरकार सत्ता में है तो अब बसों का रंग भगवा हो गया है। जिन्हें संकल्प बस सेवा नाम दिया गया है। दिलचस्प यह है कि खटारा बसों की मरम्मत कराने के बजाय सिर्फ उनके खस्ता हाल ढांचे पर रंग रोगन कर उनको नया रूप दे दिया गया है।
बसपा ने शुरू किया चलन
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों का रंग मानक के अनुसार हरा और पीला ही रहता था। लेकिन जब साल 2007 में उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की सरकार बनी तो साधारण बसों को सर्वजन सुखाय का नाम देकर उनको नीले रंग से रंग दिया गया। पार्टी ने बजट का प्रस्ताव केवल बसों को नीले रंग में भरने के लिए कर दिया। 100 करोड़ रुपये का अनुदान मिला। आज भी कभी-कभी सड़कों पर सर्वजन हिताय नाम की नीले बसें दिख जाती हैं।
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सपा ने लोहिया नाम से लाल हरे रंग में बसों को दौड़ा दिया
साल 2012 में जब समाजवादी पार्टी की सरकार बनती है तो वे भी पूर्व पार्टी सरकार के नक्शे कदम पर चलना प्रारंभ कर देते हैं। ऐसा लगता है कि जैसे रोडवेज बसों के रंग बदलने की होड़ रही हो। समाजवादी सरकार के लोगों ने समाजवादी लोहिया ग्रामीण बस सेवा के नाम से बसों का नया संचालन चालू कर दिया। वर्ष 2014 में करीब 1,500 लोहिया ग्रामीण बसों को यूपी की सड़कों पर उतार दिया गया। रोडवेज की बसों को पार्टी के झंडे के लाल और हरे रंग में भरा गया। इसके बाद से अभी तक समाजवादी रंग में रंगी बसों को ही परिवहन निगम चला रहा है। समाजवादी सरकार ने अपने महापुरूषों के नाम पर बसों के नाम रख दिए।
24 लाख में एक भगवा बस तैयार
भगवा बसों में यात्रियों के लिए विशेष इंतजाम हो रहे हैं। सीटों से लेकर बसों की बॉडी पर विभागीय तौर से नजर रख रही है। सूत्रों के मुताबिक एक भगवा बस को तैयार करने में 24 लाख रुपये का खर्चा आया है। बसों को आधुनिक मॉडल पर तैयार किया गया है।
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