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PM Kisan Yojana: 4 करोड़ किसान क्यों कर दिये गए योजना के लाभ से वंचित, जानें क्या है सरकार की प्लानिंग

PM Kisan Yojana: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि सरकार की महत्वपूर्ण योजना है. लेकिन लाभार्थियों की संख्या दिन पर दिन घटती जा रही है. पहली से लेकर आठंवी किस्त तक लाभार्थियों की संख्या लगभग 12 करोड़ थी.

Updated on: 09 Feb 2024, 02:08 PM

highlights

  • इसी माह के लास्ट में होने वाली है निधि की 16वीं किस्त रिलीज
  • योजना में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सरकार उठा रही ये कदम
  • इस बार भी करोड़ों लोगों को लग सकता है झटका, लिस्ट बनकर हुई तैयार

नई दिल्ली :

PM Kisan Yojana: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि सरकार की महत्वपूर्ण योजना है. लेकिन लाभार्थियों की संख्या दिन पर दिन घटती जा रही है. पहली से लेकर आठंवी किस्त तक लाभार्थियों की संख्या लगभग 12 करोड़ थी. वर्तमान की बात करें तो 15वीं किस्त सिर्फ 8 करोड़ ही किसानों के खाते में पहुंची. आखिर क्या वजह रही. जिसके चलते लगातार लाभार्थियों की संख्या में इतनी बड़़ी देखने को मिल रही है. अब जब 16वीं किस्त को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है. तब एक बार फिर यही सवाल लोगों के जहन में क्या इस बार सभी लाभार्थियों को किस्त का लाभ मिल पाएगा या नहीं? सूत्रों का दावा है कि लाभार्थियों सूची बनकर तैयार हो गई है. सूची में आने वाले लाभार्थियों को ही 16वीं किस्त का लाभ मिलेगा.. 

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क्या है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने पिछली सरकार ने में ही पीएम किसान सम्मान निधि की शुरूआत की थी. सरकार की महत्वकांशी योजना होने के चलते इसकी मानिटरिंग भी पीएम मोदी स्वयं ही करते हैं. योजना के तहत लघू एवं सिमांत किसानों को सालाना 6,000 रुपए का लाभ दिया जाता है. साल के प्रति तीन माह में पीएम मोदी स्वयं ही डिजिटली माध्यम से किसानों के खाते में स्कीम के 2000 रुपए ट्रांसफर करते हैं. इसके अलावा स्कीम की पात्रता भी काफी फिल्टर की गई है. कोई भी टैक्सपेयर्स या पीएफ खाता धारक किसान योजना का लाभ नहीं ले सकता है. 

योजना की 15 किस्त हुई जारी
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की अभी तक 15 किस्त जारी हो चुकी हैं. पहली किस्त से लेकर आंठवी किस्त तक लाभार्थियों की संख्या थो़ड़ी-बहुत ही ऊपर नीचे होती थी. लेकिन इसके बाद नौंवी किस्त में लाभार्थियों की संख्या 2 करोड़ के आसपास कम हो गई थी. उसके बाद 11वीं किस्त में लगभग 3 करोड़ किसानों की संख्या कम हो गई थी. वहीं 15वीं किस्त की बात करें तो केवल 8 करोड़ किसानों के खाते में ही योजना का लाभ पहुंचा था. यानि 4 करोड़ किसान स्कीम के लाभ से वंचित कर दिये गए थे. अब देखना ये है कि इस बार कितने किसानों के खाते में स्कीम का पैसा पहुंचेगा अथवा नहीं? 

कैसे पनपा फर्जीवाड़ा 
दरअसल, योजना में पहली किस्त के बाद ही फर्जीवाड़े की बू आने लगी थी. लेकिन फर्जीवाड़े की सूचना संबंधित अधिकारियों तक पहुंचने में 2 साल लग तीन साल लग गए. लाखों की संख्या में ऐसे किसान भी योजना का लाभ ले रहे थे. जो वास्तव में इसके लिए हकदार ही नहीं है. क्योंकि सरकार ने सिर्फ लघू एवं सिमांत किसानों के लिए ही योजना की शुरूआत की थी. ताकि किसानों को कुछ लाभ पहुंच सके. लेकिन ऐसे किसान जिन्होने अपनी जमीन को सेल कर दिया है. वे किसान भी योजना का लाभ ले रहे थे. साथ कई अन्य फर्जी किसान बनकर योजना का फायदा उठा रहे थे. अकेले उत्तर प्रदेश में 50 लाख से ज्यादा ऐसे किसान थे.  

10वीं किस्त के बाद किये नियम अनिवार्य
दरअसल, सरकार ने योजना में पारदर्शिता लाने के लिए कई ऐसे नियमों को लागू कर दिया. जिन्हें फॅालो करना हर लाभार्थी किसान के लिए जरूरी था. लेकिन आज भी करोड़ों की संख्या में ऐसे किसान हैं. जिन्होने अभी तक भी नियमों को फॅालो नहीं किया है. जिसकी वजह से अभी भी काफी किसान ऐसे हैं. जिन्हें योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा हर नियम के पीछे कुछ न कुछ उद्देश्य है.

1. ईकेवाईसी कराना
योजना में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने 10वीं किस्त के बाद ही ईकेवाइसी के लिए सभी किसानों से अपील की थी. ताकि कोई भी अपात्र किसान योजना का लाभ न ले सके. इसके लिए सरकार ने फेस एप भी लॅान्च किया था. क्योंकि बहुत से अनपढ़ किसान ईकेवाइसी नहीं करा पा रहे थे. ईकेवाईसी को आसान बनाने के लिए ही फेस एप लॅान्च क किया गया था. ताकि हर किसान चेहरा दिखाकर अपनी ईकेवाईसी करा सके..  

2. भूलेख सत्यापन 
ऐसे किसान जो अपनी जमीन को बेच चुके हैं. उसके बावजूद भी योजना का लाभ पा रहे हैं. ऐसे किसानों पर शिकंजा कसने के लिए सरकार ने भूलेख सत्यापन कराना अनिवार्य किया था. ताकि ऐसे किसानों को चिंहित कर योजना के लाभ से अलग कर दिया जाए. लेकिन अभी भी करोड़ों ऐसे किसान है जिन्होने भूलेख सत्यापन नहीं कराया है. इसलिए किसानों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था.  बाताया जा रहा है कि इस बार भी लगभग 3 करोड़ से ज्यादा ऐसे किसान है. जिन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा. 

3. आधार से खाता लिंक
इसके बाद सरकार ने आधार से बैंक खाते को लिंक करने के लिए भी किसानों से अपील की थी. लेकिन करोड़ों ऐसे किसान अभी भी हैं. जिन्होने खाते को आधार से लिंक नहीं कराया है. जिसकी वजह से उन्हें योजना के लाभ से वंचित रहना पड़ रहा है. विभागीय अधिकारियों की अपील है कि यदि कोई किसान तीनों काम कराने के बाद भी योजना के लाभ से वंचित है. उसे अपना रजिस्ट्रेशन एक बार जरूर चैक करना चाहिए. ताकि पीएम निधि का लाभ मिल सके.