Petrol-diesel prize: इंतजार हुआ खत्म, अब पेट्रोल-डीजल का खेल खत्म
Petrol-diesel prize: रोजान बढ़ते पेट्रोल-डीजल (Petrol-diesel) के भाव अब लोगों को बहुत चुभने लगे हैं. इससे लोगों के व्यापार ही प्रभावित नहीं हो रहे हैं, बल्कि लोगों का निजी वाहनों से चलना तक दुभर हो गया है.
नई दिल्ली :
Petrol-diesel prize: रोजान बढ़ते पेट्रोल-डीजल (Petrol-diesel) के भाव अब लोगों को बहुत चुभने लगे हैं. इससे लोगों के व्यापार ही प्रभावित नहीं हो रहे हैं, बल्कि लोगों का निजी वाहनों से चलना तक दुभर हो गया है. लोगों की परेशानी को देखते हुए है परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Transport Minister Nitin Gadkari) ने इसका तोड़ निकाल लिया है. हाल ही में एक निजी चैनल के कॅांक्लेव में उन्होने स्पष्ट कर दिया है कि बहुत जल्द लोगों पेट्रोल-डीजल का विकल्प मिल जाएगा. केन्द्रीय मंत्री (central minister) के मुताबिक बहुत जल्द देश में फ्लेक्स-फ्यूल (Flex-Fuel)इंजन अब अनिवार्य रुप से लागू होने जा रहा है. उन्होने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी वाहन कंपनियों से बात चल रही है. बस कुछ ही टाइम में फ्लेक्स-फ्यूल ईंधन की कारें प्रयाप्त मात्रा में आपको सड़कों पर दिखाई देंगी. साथ ही आम आदमी को भी इसकी डिलीवरी के लिए ज्यादा वेट नहीं करना पड़ेगा. इसके साथ ही इलेक्ट्रिक वाहन भी प्रयाप्त मात्रा में मार्केट में उपलब्ध होंगे. यही नहीं उनकी कीमत भी बहुत ज्यादा नहीं होगी.
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गडकरी विगत सोमवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत हर साल आठ लाख करोड़ रुपये के पेट्रोलियम उत्पादों का आयात करता है. यदि भारत की पेट्रोलियम उत्पादों पर निर्भरता बनी रहती है, तो अगले पांच साल में आयात बिल बढ़कर 25 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा. उन्होंने कहा, पेट्रोलियम आयात को कम करने के लिए मैं अगले दो-तीन दिन में एक आदेश पर हस्ताक्षर करने जा रहा हूं. इसके तहत कार विनिर्माताओं के लिए फ्लेक्स-ईंधन इंजन लाना अनिवार्य हो जाएगा. जिसके बाद कार कंपनियां फ्लेक्स ईंधन से चलने वाले इंजन बनाना शुरु कर देंगे. इसके बाद देश की जनता को रोजाना बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों से मुक्ती मिल जाएगी.
ऐसे काम करता है फ्लेक्स इंजन
फ्लेक्स इंजन में एक तरह के फ्यूल मिक्स सेंसर यानी फ्यूल ब्लेंडर सेंसर का इस्तेमाल होता है. यह मिश्रण में ईंधन की मात्रा के अनुसार खुद को एड्जेस्ट कर लेता है. जब आप गाड़ी चलाना शुरू करते हैं, तो ये सेंसर एथेनॉल, मेथनॉल और गैसोलीन का अनुपात, या फ्यूल की अल्कोहल कंसंट्रेशन को रीड करता है. इसके बाद यह इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल मॉड्यूल को संकेत भेजता है और ये कंट्रोल मॉड्यूल तब अलग-अलग फ्यूल की डिलीवरी को कंट्रोल करता है.
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