राष्ट्रपति चुनाव : ममता बनर्जी बोलीं- महाराष्ट्र के बाद द्रौपदी मुर्मू के जीतने की बढ़ी संभावना
कांग्रेस और टीएमसी सहित गैर-भाजपा दलों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त उम्मीदवार बनाया है.
नई दिल्ली:
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि अगर भाजपा ने उन्हें मैदान में उतारने से पहले उनके साथ चर्चा की होती तो विपक्षी दल राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने पर विचार कर सकते थे. उन्होंने कहा कि मुर्मू के पास 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव जीतने की बेहतर संभावना है, महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद एनडीए की संख्या में वृद्धि हुई है, बनर्जी ने जोर देकर कहा कि "एक आम सहमति वाला उम्मीदवार हमेशा देश के लिए बेहतर होता है."
बनर्जी ने यहां एक रथ यात्रा कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, "भाजपा की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पास महाराष्ट्र के विकास के कारण (राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए) बेहतर संभावनाएं हैं. अगर भाजपा ने मुर्मू के नाम की घोषणा करने से पहले हमारा सुझाव मांगा होता, तो हम भी अधिक हितों को ध्यान में रखते हुए इस पर विचार कर सकते थे."
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टीएमसी सुप्रीमो ने कहा कि वह "विपक्षी दलों के निर्णय के अनुसार चलेंगी." कांग्रेस और टीएमसी सहित गैर-भाजपा दलों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त उम्मीदवार बनाया है.
द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) नाम देश की पहली आदिवासी महिला गवर्नर का तमगा भी है. 2015-2021 के बीच वह झारखंड की गवर्नर रही हैं. 20 जून 1958 में जन्मीं मुर्मू की पढ़ाई-लिखाई भुवनेश्वर के रमादेवी वुमेंस कॉलेज से हुई है. वह स्नातक हैं. उनके पति श्याम चरण मुर्मू इस दुनिया में नहीं हैं. उनके एक बेटी है. उसका नाम इतिश्री मुर्मू है. इतिश्री का विवाह हो चुका है.
2013 से 2015 तक मुर्मू बीजेपी की एस.टी. मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रहीं. 2010 में उन्होंने मयूरभंज (पश्चिम) से बीजेपी की जिला अध्यक्ष की कमान संभाली. उन्हें 2007 में सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए 'नीलकंठ पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था. 2006-2009 के बीच वह बीजेपी की एस.टी. मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रहीं. 2004-2009 के बीच द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ओडिशा के रायरंगपुर से विधानसभा सदस्य थीं. 2002-2009 के बीच मुर्मू ने बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य के तौर पर एस.टी. मोर्चा की जिम्मेदारी संभाली. 2000-2004 के बीच वह ओडिशा सरकार में परिवहन और वाणिज्य विभाग की मंत्री रही हैं. 2002-2004 के बीच उन्होंने ओडिशा सरकर के पशुपालन विभाग की जिम्मेदारी संभाली. 1997 में वह पार्षद बनीं और रायरंगपुर की वाइस-चेयरपर्सन नियुक्त की गईं.
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