'मैं मरना नहीं जीना चाहती हूं, आरोपियों को छोड़ना मत, उन्हें सजा दिलाना', उन्नाव की बेटी के आख़िरी शब्द
Unnao Case : उन्नाव की बेटी अब इस दुनिया में नहीं रही. वो हम सबको छोड़कर चली गई. वह जाना नहीं चाहती थी, लेकिन कुछ दुर्दांत लोगों ने उसे मौत के मुंह में धकेल दिया. उसके जीने की चाह को 'आग' लगा दी.
नई दिल्ली:
Unnao Case : उन्नाव की बेटी अब इस दुनिया में नहीं रही. वो हम सबको छोड़कर चली गई. वह जाना नहीं चाहती थी, लेकिन कुछ दुर्दांत लोगों ने उसे मौत के मुंह में धकेल दिया. उसके जीने की चाह को 'आग' लगा दी. पहले रेप कर उसकी 'आत्मा को मारा' और फिर जब जमानत पर छूटकर आए तो जिंदा जला दिया. करीब 72 घंटे की असह्य पीड़ा के बावजूद वह जीना चाहती थी. वह न्याय चाहती थी, लेकिन अब उसकी आस जमाने वालों की जिम्मेदारी बन गई है. उसे न्याय देना ही होगा, आरोपियों को सजा देनी ही होगी. जाते-जाते वह कहती रही- 'मैं मरना नहीं चाहती. मैं जीना चाहती हूं, आरोपियों को छोड़ना मत, उन्हें सजा जरूर दिलाना.'
यह भी पढ़ें : 'आरोपियों को दौड़ा-दौड़ाकर मारो', पीड़िता के पिता ने लगाई इंसाफ की गुहार
उधर, दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की है कि एक माह में ही आरोपियों को फांसी पर लटकाया जाए. रेप पीड़िताओं के लिए त्वरित न्याय की मांग को लेकर राजघाट (Rajghat) स्थित समता स्थल (Samta Sthal) पर अनशन पर बैठीं स्वाति मालीवाल ने कहा, मैं उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से अपील करती हूं कि उन्नाव रेप मामले में बलात्कारियों को एक महीने के भीतर फांसी दी जाए.
स्वाति मालीवाल ने न्यूज नेशन से बातचीत करते हुए कहा, बहादुर लड़की जलने के बाद भी एंबुलेंस को फोन करती है. अपने भाई से कहती है कि मुझे बचा लो. वह चाहती है कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले. वह जिंदगी के लिए लड़ती है. उसके साहस को शत-शत नमन.
यह भी पढ़ें : आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई उन्नाव रेप पीड़िता, शुक्रवार रात 11: 40 बजे ली अंतिम सांस
स्वाति मालीवाल ने कहा, मैं अपील करना चाहती हूं कि जो पुलिस हमारे नेताओं की, उनके परिवारों की, वीवीआईपी की सुरक्षा में व्यस्त है, उसे देश की बेटियों की सुरक्षा में लगाई जानी चाहिए. तभी उन्हें समझ में आएगा कि असुरक्षित होना क्या होता है.
उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा, एक महीने में उन्नाव की बेटी के कातिलों को फांसी के फंदे पर चढ़ा देना चाहिए. मालीवाल ने यह भी कहा, मुझे राजस्थान, हैदराबाद और उन्नाव की बहनों से शक्ति और साहस मिलती है. आज मेरे अनशन का पांचवां दिन है. शरीर थक गया है पर मैं गीता पर विश्वास करती हूं. कर्म पर विश्वास करती हूं. मैं भी मरने के लिए तैयार हूं, लेकिन आमरण अनशन नहीं छोड़ूंगी.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
-
Arti Singh Wedding: आरती की शादी में पहुंचे गोविंदा, मामा के आने पर भावुक हुए कृष्णा अभिषेक, कही ये बातें
धर्म-कर्म
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी
-
Ganga Saptami 2024 Date: कब मनाई जाएगी गंगा सप्तमी? जानें शुभ मूहूर्त, महत्व और मंत्र
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव