कानपुर: राम जानकी मंदिर को बाबा बिरयानी वाले ने बनाया नॉनवेज किचन, शत्रु संपत्ति का भी एंगल
कानपुर प्रशासन ने 99/14 ए बेकनगंज स्थित संपत्ति को शत्रु घोषित किया है. इसके लिये बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार अहमद बाबा को नोटिस जारी कर दिया है. नोटिस में सवाल-जवाब किया गया है. सूत्रों के मुताबित, मंदिर की जमीन राम-जानकी मंदिर ट्रस्ट के नाम पर दर
highlights
- कानपुर का राम जानकी मंदिर कब हुआ बाबा बिरयानी सेंटर?
- मंदिर की जमीन मुस्लिम की कैसे?
- शत्रु संपत्ति का हस्तांतरण कैसे? प्रशासन के सामने खड़े हैं कई सवाल
कानपुर:
उत्तर प्रदेश के कानपुर से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. अभी तक पूरा शहर जिस 'बाबा बिरयानी सेंटर' पर चटखारे लेकर बिरयानी का मजा लेता था, वो राम जानकी मंदिर पर अवैध कब्जा करके बना है. राम जानकी मंदिर के बाहर 18 दुकानें हुआ करती थी, उसे भी बाबा बिरयानी वालों ने कब्जा कर लिया. खास बात ये है कि अब ये मामला कथित तौर पर शत्रु संपत्ति से भी जुड़ा हुआ दिख रहा है, जिसमें प्रशासन ने जवाब देने के लिए बाबा बिरयानी वाले को नोटिस भेजा है. ऐसे में सवाल भी उठ रहे हैं कि बाबा बिरयानी वाली जो जगह बेकनगंज में प्लॉट नंबर 99/14-ए पर है, वो राम जानकी मंदिर है या शत्रु संपत्ति? क्योंकि प्रशासन जो कार्रवाई कर रहा है, वो शत्रु संपत्ति के मामले में कर रहा है.
ऐसे हुआ राम जानकी मंदिर पर कब्जे का खेल
जानकारी के मुताबिक, कानपुर प्रशासन ने 99/14 ए बेकनगंज स्थित संपत्ति को शत्रु घोषित किया है. इसके लिये बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार अहमद बाबा को नोटिस जारी कर दिया है. नोटिस में सवाल-जवाब किया गया है. सूत्रों के मुताबित, मंदिर की जमीन राम-जानकी मंदिर ट्रस्ट के नाम पर दर्ज है. नगर निगम के रिकॉर्ड में भी वहां पर 18 दुकानें हिंदुओं को आबंटन की बात लिखी है. ऐसे में ये ट्रस्ट कहां गया? और कैसे ये जमीन पाकिस्तानी नागरिक आबिद रहमान के नाम चली गई, जिससे 1982 में आदरा बेगम ने जमीन खरीद ली. फिर उनके बेटे और बाबा बिरयानी के संचालक तीन भाइयों मुमताज, मुश्ताक और मुख्तार बाबा के नाम पर वसीयत के तौर पर ट्रांसफर हो गई. बताया ये भी जा रहा है कि मंदिर के बचे-खुचे हिस्से को बिरयानी के लिए रसोई बना दी गई. जबकि सवाल ये है कि अगर जमीन मंदिर की है, तो पाकिस्तानी नागरिक के नाम कैसे गए? कैसे प्रशासन अब तक आंख बंद किये रहा. कैसे दुकानों पर कब्जे हो गए और दुकान के लोगों को वहां से भागना पड़ा. सवाल ये भी है कि जब जमीन किसी शत्रु के नाम पर है, तो उसका ट्रांसफर कैसे हो सकता है?
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क्या कहता है प्रशासन?
पूरे मामले में एसडीएम सदर अनुराग जैन का बयान आया है. उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट के मुताबिक जमीन रामजानकी मंदिर ट्रस्ट के नाम पर है. बाबा बिरयानी व उसके भाइयों ने कैसे कब्जा कर पूरी जमीन ले ली. इसके लिए नोटिस दिया गया है. जवाब आने पर कस्टोडियन से राय लेकर आगे की कार्रवाई होगी.
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