राजस्थान : राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस बनाम निर्दलीय में कड़ा मुकाबला
राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटों के लिए मतदान शुक्रवार को होगा. चार सीट के लिए पांच उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें तीन कांग्रेस, एक बीजेपी और एक बीजेपी समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में हैं.
जयपुर:
राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटों के लिए मतदान शुक्रवार को होगा. चार सीट के लिए पांच उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें तीन कांग्रेस, एक बीजेपी और एक बीजेपी समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में हैं. राजस्थान में मुख्य मुकाबला चौथी सीट पर है, जहां निर्दलीय और कांग्रेस प्रत्याशी के बीच कांटे की टक्कर है. क्रॉस वोटिंग के डर से कांग्रेस-बीजेपी दोनों के विधायक होटलों में कैद है. बाड़ेबंदी से निगरानी में वोट डालने पहुंचेंगे. राजस्थान में निर्दलीय प्रत्याशी को जीत के लिए आठ अतिरिक्त वोट चाहिए और कांग्रेस को तीसरी सीट जीतने के लिए.
राजस्थान में राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद तिवारी और बीजेपी समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा के बीच कांटे की टक्कर है. कांग्रेस को तिवारी की तीसरी सीट जीतने के लिए 41 वोट चाहिए. ये वोट तभी मिल सकते हैं जब कांग्रेस के खुद के 108 और सहयोगी दलों को मिलाकर 123 वोट मिले. वजह ये है कि कांग्रेस के तीन प्रत्याशी मैदान में हैं. रणदीप सुरजेवाला, मुकल वासनिक और प्रमोद तिवारी. सभी को 41-41 वोट चाहिए.
सुरेजवाला और वासनिक की दो सीट कांग्रेस आसानी से जीत जाएगी, लेकिन तीसरी सीट जीतने की संभावना 13 निर्दलीय, 02 बीटीपी और 02 सीएपीएम के विधायकों के वोट पर टिकी है. हालांकि, निर्दलीय और सहयोगी दलों के विधायक कांग्रेस के साथ ही बाड़ेबंदी में है, इसिलए कांग्रेस को यकीन है कि तीसरी सीट जीतेंगे, लेकिन डर इतना है कि एंटी करप्सन ब्यूरो से लेकर चुनाव आयोग को होर्ट ट्रेडिंग की आंशका की शिकायत कर दी. दूसरी मुश्किल ये कि बीटीपी ने व्हिप जारी कर अपने विधायकों को किसी भी प्रत्याशी को वोट नहीं देने का फरमान सुनाया. सीपीएम अभी खामोश है. बाड़ेबंदी में जरूर है लेकिन कुछ निर्दलीय और कांग्रेस विधायक भी खफा है. हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पाला मजबूत करने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है.
दूसरी तरफ निर्दलीय विधायक सुभाष चंद्रा बीजेपी विधायकों के साथ निर्दलीयों के भरोसे पर हैं. बीजेपी ने भी सेंधमारी के डर से अपने विधायकों की जयपुर में एक होटल में बाड़ेबंदी कर रखी है. बीजेपी के प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी भी मैदान में हैं. बीजेपी के पास 71 विधायक हैं. ऐसे में तिवारी को जीत के लिए महज 41 वोट चाहिए, उसमें परेशानी नहीं, बीजेपी के पास 30 अतिरिक्त वोट रहेंगे. जिन्हें निर्दलीय प्रत्याशी सुभा चंद्रा को देंगे. चंद्रा को बीजेपी के 30 वोट के अलावा हनुमान बेनिवाल की पार्टी आरएलपी के 03 विधायको का समर्थन है. ऐसे में चंद्रा को जीत के लिए आठ अतिरिक्त वोट चाहिए. ये वोट कांग्रेस कौंप में सेंधमारी या निर्दलीयों के समर्थन से ही मुमकिन है, लेकिन मौजूदा सियासी हालात को देख ये बेहद मुश्किल है. आरएलपी संयोजक हनुमान बेनिवाल ने आरोप लगाया कि गहलोत राज्यसभा सीट जीतने के लिए विधायकों कीन फोन टैंपिग कर रहे हैं.
इन चुनाव में हार जीत का बीजेपी पर खास असर नहीं पड़ेगा, लेकिन कांग्रेस का काफी कुछ दांव पर है. तीन सीट पर संख्या बल से जीत तय मान रही कांग्रेस के सामने निर्दलीय की बड़ी चुन्नौती है. डर है कि कहीं क्रॉस वोटिंग या निर्दलीय पाला न बदल ले. राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के किसी भी प्रत्याशी की हार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने पार्टी के अंदर मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं. गहलोत तीनों सीट जिताकर अपनी काबिलियत और उपयोगिता साबित कनरे की पूरी कोशिश करेंगे.
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