Jhalawar Baran Result Live Update: दुष्यंत सिंह ने प्रमोद शर्मा को हराया
राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से एक झालावाड़-बारां लोकसभा सीट वीआईपी सीट है. यहां से बीजेपी के दुष्यंत सिंह और कांग्रेस के प्रमोद शर्मा लड़ाई में हैं. दुष्यंत सिंह ने इस सीट से सांसद भी हैं.
जयपुर:
Jhalawar Baran Lok Sabha Election Result Update
राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से एक झालावाड़-बारां लोकसभा सीट वीआईपी सीट है. यहां से बीजेपी के दुष्यंत सिंह और कांग्रेस के प्रमोद शर्मा लड़ाई में हैं. दुष्यंत सिंह ने इस सीट से सांसद भी हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें 676102 वोट मिले थे. उन्होंने कांग्रेस के प्रोमोद भाया को 281546 वोटों से हराया था. झालावाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा सीटें हैं.
अंता, किशनगंज, बारां-अटरू, छबड़ा, डग, झालरापाटन, खानपुर, मनोहर थाना. 2008 में यह निर्वाचन क्षेत्र बनाया गया. 2009 में यहां पहली बार चुनाव हुआ. दुष्यंत सिंह राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के बेटे हैं. कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया दुष्यंत के ममेरे भाई हैं. दोनों ही नेताओं का बचपन ग्वालियर के जय विलास पैलेस में बीता है.
वहीं कांग्रेस के प्रमोद शर्मा की बात करें तो वह राजस्थान विधनसभा के चुनाव से पहले ही बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे. वह झालावाड़ कॉलेज में छात्रसंघ के अध्यक्ष रह चुके हैं. प्रमोद शर्मा शुरू से ही संघ व भाजपा से जुड़े रहे हैं. दस साल पहले लोकसभा सीट बनी झालावाड़-बारां की जनता किसे चुनेगी यह आज पता चलेगा.
वसुंधरा राजे सिंधिया के बेटे दुष्यंत सिंह 402996 वोटों से कांग्रेस के प्रमोद शर्मा से आगे हैं.
अब तक मिले रुझानों के मुताबिक एनडीए को 342 सीटें, यूपीए को 86 सीटें, सपा-बसपा गठबंधन को 20 और अन्य को 91 सीटों पर बढ़त हासिल है. इस हिसाब से पीएम मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री बन सकते हैं.
झालावाड़ बारां लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र 55 हजार मतों से आगे।
एक राउंड की गणना में लगता है इतना समय
प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र के लिए एक साथ 14 ईवीएम की गिनती एक साथ होती है. अमूमन हर दौर में 30 से 45 मिनट का समय लगता है. मतगणना टेबल के चारों ओर पार्टियों या उम्मीदवारों के एजेंट पैनी निगाह रखे रहते हैं. उनके लिए भी मतगणना अधिकारी तय फार्म 17 सी का अंतिम हिस्सा भरवाते हैं. फॉर्म 17 सी का पहला हिस्सा मतदान के पोलिंग एजेंट की मौजूदगी और दस्तखत के साथ पोलिंग प्रक्रिया शुरू करते समय भरा जाता है. मतगणना के समय आखिरी हिस्सा भरा जाता है.
गिनती शुरू करने की क्या है नियमावली
पोस्टल बैलेट बाद इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफरेबल पोस्टल बैलेट (ETPBS) भी अगर आए हों तो उनकी गिनती होती है. इन पर QR कोड होता है. उसके जरिए गिनती होती है. आयोग की नियमावली के मुताबिक पोस्टल बैलेट और ईटीपीबीएस की गिनती पूरी होने के आधा घंटा बाद ईवीएम में दिए गए मतों की गिनती शुरू होती है. इसके लिए हरेक विधान सभा इलाके के हिसाब से सेंटर में 14 टेबल लगाए जाते हैं.
7:45 बजे से शुरू होगी काउंटिंग
सुबह 7:45 से मतों की गणनाशुरू हो जाती है. सरकारी ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों द्वारा पोस्टल बैलेट के जरिए डाले गए वोटों की गिनती पहले होती है. सेना के कर्मचारियों को भी पोस्टल बैलेट से मतदान का अधिकार है. पोस्टल बैलेट के लिए चार टेबल तय होते हैं. सभी राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों के नुमाइंदे इस गणना के गवाह होते हैं. हरेक टेबल पर मतगणना कर्मचारी को हरेक राउंड के लिए पांच सौ से ज्यादा बैलेट पेपर नहीं दिए जाते हैं.
ये करते हैं वोटों की गिनती
Counting से पहले किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को यह नहीं बताया जाता है कि उसे किस सेंटर पर भेजा जाएगा. काउंटिंग के दिन इन कर्मचारियों को सुबह 5 बजे काउंटिंग टेबल पर बैठना होता है. हर काउंटिंग टेबल पर काउंटिंग सुपरवाइजर, असिस्टेंट व माइक्रो पर्यवेक्षक होता है. इसके बाद इनके टेबल पर बैलेट यूनिट रखी जाती हैं. टेबल के चारों ओर जाली की घेराबंदी भी की जाती है.
मतगणना में सरकारी विभागों में कार्यरत केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारी शामिल होते हैं. इन्हें एक हफ्ते पहले काउंटिंग सेंटर पर ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग में जिला निर्वाचन अधिकारी और चुनाव से संबंधित जिले के वे अधिकारी शामिल होते हैं जिनकी ड्यूटी चुनाव में लगी है. काउंटिंग से एक दिन पहले ट्रेंनिंग देने बाद उन्हें संबंधित संसदीय क्षेत्र में 24 घंटे के लिए भेज जाता है.
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