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मेडिकल योजनाओं के अभाव में CM अशोक गहलोत का सपना 'निरोगी राजस्थान हो अपना' कैसे होगा साकार?

गहलोत सरकार राइट टू हेल्थ की दिशा में काफी हद तक काम पूरा कर चुकी है. इस कानून का मसौदा तैयार हो चुका है, जिसे अगले बजट सत्र में विधानसभा में रखा जाएगा. इसके बाद राजस्थान देश का पहला राज्य बनेगा, जहां जनता को स्वास्थ्य का कानूनन अधिकार मिलेगा.

Updated on: 22 Jan 2020, 10:00 AM

नई दिल्ली:

हैल्थ इज वैल्थ कहावत तो पुरानी है लेकिन सूबे के मुखिया अशोक गहलोत इसको साकार करने की कवायद में जुटे हैं. सबको शिक्षा, सबको भोजन और सबको आवास के लिए योजना शुरू चुके गहलोत ने अब प्रदेश में 'सबको स्वास्थ्य' के सपने को साकार करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं. राइट टू हैल्थ को लेकर संजीदा गहलोत सरकार अब इसे आमजन का कानूनी अधिकार बनाने जा रही है. मगर केंद्र सरकार की प्रदेश से जुड़ी मेडिकल योजनाओं में पिछड़ना सवालिया निशान लगा रहा.

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निरोगी राजस्थान की दिशा में ये अहम कदम उठाए है सरकार ने

1. निशुल्क दवा-जांच योजना का बढ़ा दायरा

सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पिछले कार्यकाल में निशुल्क दवा-जांच योजना की शुरूआत कर देशभर में राजस्थान को अलग पहचान दिलाई. इस कार्यकाल की शुरूआत में ही गहलोत ने संकेत दिए थे कि योजना का दायरा बढ़ाया जाएगा. जिसे पूरा करते हुए कैंसर समेत कई गंभीर बीमारियों की दवाएं 104 नई दवाएं निशुल्क दवा योजना में जोड़ी गई. मुफ्त जांच योजना का दायरा भी 70 से बढ़ाकर 90 किया गया है. होम्योपैथी की 24 दवाओं को 'ट्रिपल ए' यानी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी और एएनएम के जरिए आमजन तक पहुंचाने का अधिकार दिया.

2. राजस्थान की जनता को स्वास्थ्य का अधिकार

गहलोत सरकार राइट टू हेल्थ की दिशा में काफी हद तक काम पूरा कर चुकी है. इस कानून का मसौदा तैयार हो चुका है, जिसे अगले बजट सत्र में विधानसभा में रखा जाएगा. इसके बाद राजस्थान देश का पहला राज्य बनेगा, जहां जनता को स्वास्थ्य का कानूनन अधिकार मिलेगा.

3. एक साल में 15 मेडिकल कॉलेज की सौगात

सीएम अशोक गहलोत ने लक्ष्य दिया था कि सभी 33 जिला मुख्यालयों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज खुले. पहले फेज में सितम्बर माह में अलवर, बांरा, बांसवाड़ा, चित्तौडगढ़, जैसलमेर, करौली, नागौर, श्रीगंगानगर, सिरोही एवं बूंदी जिले में मेडिकल कॉलेज की डीपीआर को मंजूरी, करीब 1000 एमबीबीएस सीटों का  इजाफा होगा.  दूसरे फेज में हाल में ही हनुमानगढ़, दौसा, टोंक, सवाईमाधोपुर तथा झुंझुनूं के मेडिकल कॉलेज की डीपीआर भी स्वीकृत, करीब 500 एमबीबीएस सीट्स की बढ़ोत्तरी होगी.

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एक साल में 15 नए मेडिकल कॉलेज की सौंगात, शेष बचे जालोर, राजसमन्द, प्रतापगढ़ में मेडिकल कॉलेज खोलने की डीपीआर भी जल्द केन्द्र को भेजी जाएगी. विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे राजस्थान में 70 साल में 1178 पीजी की सीटे थी, एक साल में 960 सीटों का इजाफा किया गया. जोधपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर की लेबोरेट्री, मौसमी बीमारियों पर लगाम लगेगी.

4. चिकित्सा विभाग में बम्पर भर्तियों का पिटारा

- साढ़े 15 हजार नर्सेज की भर्ती दिसम्बर में होगी पूरी

- 737 डॉक्टर्स की भर्ती प्रक्रियाधीन दो माह में पूरा होगा काम

- 2000 डॉक्टर की नई भर्ती का वित्त विभाग को भेजा गया प्रस्ताव

- 98 खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की भर्ती प्रक्रियाधीन

5. प्रदेश के एसएमएस को नई पहचान

- सीनियर सिटीजन के लिए ओपीडी में अलग से रजिस्ट्रेशन-दवा काउंटर

- आईपीडी में भर्ती मरीजों को बेड साइट दवा उपलब्ध कराने की शुरूआत

- कैंसर मरीजों का समझा दर्द, एक छत के नीचे आया मेडिकल ऑन्कोलॉजी, सर्जिकल

- ऑन्कोलॉजी और रेडियोलॉजी

6. मिलावट के खिलाफ छेड़ी जंग

- गहलोत ने हर मंच पर कहा कि मिलावट मानवता के साथ जघन्य अपराध है

- इसका फील्ड में नजर आया असर, पूरे सालभर मिलावटखोरी के खिलाफ चला अभियान

- मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कानून लाने की तैयारी में गहलोत सरकार

- रासुका के तहत मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई

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7. नशामुक्ति की ओर बढ़ता राजस्थान

- गांधी विचारधारा वाले सीएम अशोक गहलोत ने नशामुक्ति की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए.

- युवाओं को नशे के आगोश में रहे रही ई-सिगरेट और हुक्के पर लगाया प्रतिबन्ध

- जहरकारक तत्वों से युक्त पान मसाला और गुटखे के खिलाफ भी युद्धस्तर पर कार्रवाईयां

बिहार की तर्ज पर शराबबंदी को लेकर कवायद शुरू, उच्च स्तरीय कमेटी का किया गया गठन.

8. अंगदान-महादान को बढ़ाया

- राजस्थान में अंगदान को बढ़ाया देने की मंशा से नोटो की तर्ज पर सोटो का गठन

- एसएमएस में हार्ट ट्रांसप्लांट सेन्टर की शुरूआत

- राजस्थान जल्द रचेगा सरकारी क्षेत्र में कैडेबर हार्ट ट्रांसप्लांट का इतिहास

9. दिल विदाउट बिल

- हार्ट से पीड़ित बच्चों को निशुल्क ऑपरेशन के लिए किया गया एमओयू

- गुजरात की प्रशांती मेडिकल सर्विसेज रिसर्च फाउण्डेशन के साथ किया गया एमओयू

- सरकार गुजरात तक जाने के लिए मरीज और उसके परिजनों को दे रही है परिवहन भत्ता

- पांच हजार रुपए तक का खर्च खुद उठा रही सरकार

10. रक्तदान की मुहिम

- गांधी की जयंति के मौके पर इतिहास की सबसे बड़ी रक्तदान मुहिम, एक दिन में 18336 यूनिट रक्तदान.

- लाडली योजना में एक से 14 साल की बच्चियों को बगैर रिप्लेसमेंट रक्त उपलब्ध
कराया जा रहा है.

- गांव-ढ़ाणियों तक रक्तदान की मुहिम पहुंचाने के लिए 14 रक्त संग्रहण-परिवहन वैन की शुरूआत

11. निरोगी राजस्थान की थीम

- गहलोत सरकार एक साल पूरा होने पर दे रही 'निरोगी राजस्थान' की सौगात
- कोई बीमार हो तो उसे तत्काल इलाज मिले.

12. स्वास्थ्य के क्षेत्र में 'सामाजिक क्रांति' चाहती है सरकार

स्वास्थ्य को सामाजिक क्रांति के रूप में देखना चाहती है सरकार इसके लिए इतनी जागरूकता हो कि लोग स्वास्थ्य को खुद का अधिकार समझे. वहीं कांग्रेस सरकार में डिप्टी सीएम और प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट का कहना है कि सरकार जनहित में सभी कदम उठाए जाएंगे.

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लेकिन तस्वीर का दूसरा पहलू निरोगी राजस्थान की पहल पर सवाल खड़े कर रहा है. मेडिकल क्षेत्र से जुड़ी केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं को लागू करने पिछड़ रही है. आयुष्मान भारत वेलनेस सेंटर संचालन में राजस्थान देश के अंतिम पायदान पर है. दिसम्बर में रैंकिंग में प्रदेश 28 वे नंबर पर रहा है, वहीं खुद पायलट भी कोटा में बच्चों की मौत पर सवाल उठा चुके हैं.

सीएम गहलोत ने इसको ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि ये सरकार का संकल्प है किसी पर एहसान नहीं है. यदि राजस्थान के साढ़े सात करोड लोगों को निरोगी रख पाए तो राजस्थान आदर्श राज्य बनकर उभरेगा.