Assembly By Election: राजस्थान की करणपुर सीट पर 12570 वोटों से हारे सुरेंद्र पाल टीटी, 10 दिन पहले बने थे मंत्री
Assembly By Election: राजस्थान के गंगानगर की करणपुर सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे हुए घोषित, कांंग्रेस प्रत्याशी रूपिंदर सिंह 12570 वोटों से जीते
New Delhi:
Assembly By Election: राजस्थान में श्रीगंगानगर की करणपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं. इस रिजल्ट में कांग्रेस के उम्मीदवार रूपिंदर सिंह कूनर ने बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्र पाल टीटी को करारी शिकस्त दी है. सुरेंद्र पाल टीटी चुनाव में 12570 वोटों से हार गए हैं. खास बात यह है कि 10 दिन पहले ही भजनलाल शर्मा की कैबिनेट में इन्हें मंत्री बनाया गया था. चुनाव जीतने से पहले भारतीय जनता पार्टी ने सुरेंद्र पाल टीटी को मंत्री पद से नवाजा था, लेकिन चुनाव में उनकी करारी शिकस्त हुई है.
कैसे खाली हुई थी सीट
करणपुर सीट की बात करें तो बीते महीने चुनाव प्रचार के दौरान ही कांग्रेस के कैंडिडेट और तात्कालीन विधायक गुरमीत सिंह कूनर की मौत हो गई थी. ऐसे में इस सीट पर चुनाव आयोग की ओर से मतदान स्थगित कर दिया गया था. इसके बाद इस सीट पर उपचुनाव का ऐलान किया गया. कांग्रेस ने इस सीट पर गुरमीत के ही बेटे रूपिंदर को इस सीट से दोबारा चुनावी मैदान में उतारा. रूपिंदर ने सीट पर पिता का वर्चस्व बरकरार रखते हुए बीजेपी के उम्मीदवार सुरेंद्र पाल टीटी को 12570 वोटो से करारी शिकस्त दी है.
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30 दिसंबर को ही बने थे मंत्री
सुरेंद्र पाल टीटी को बीजेपी ने 30 दिसंबर को मंत्री पद की शपथ दिलाई थी. इस दौरान सुरेंद्र पाल सिंह भजनलाल सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सौंपा गया था.
अशोक गहलोत ने भी दी बधाई
उपचुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गलहोत भी काफी उत्साहित नजर आए. उन्होंने तुरंत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए रूपिंदर सिंह कूनर को जीत की बधाई दे डाली. उन्होंने लिखा- जीत की हार्धिक बधाई एवं शुभकामनाएं. यह जीत स्व. गुरमीत सिंह कूनर के जनसेवा कार्यों को समर्पित है.
टीटी की शपथ पर कांग्रेस ने जताया था एतराज
बता दें कि जब बीजेपी ने सुरेंद्र पाल टीटी को मंत्री पद की शपथ दिलाई थी, उस दौरान कांग्रेस ने इसका विरोध किया था. कांग्रेस का कहना ता कि यह आचार संहिता का उल्लंघन है. किसी भी कैंडिडेट के हार-जीत के नतीजे से पहले उसे किसी लाभ के पद पर शपथ नहीं दिलाई जा सकती. कांग्रेस इसे गैर कानूनी भी बताया था.
बता दें कि इससे पहले राजस्थान में 199 सीटों पर विधानसभा चुनाव हुए थे. इसमें भारतीय जनता पार्टी ने 115 सीट पर जीत हासिल की थी. जबकि कांग्रेस के खाते में 69 सीट आई थीं. इस करणपुर सीट को मिलाकर कांग्रेस के पास 70 सीट हो गई हैं.
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