ऐसे सीएम को सलाम! चेहरा दिखाई पड़े इसलिए नहीं पहनते हेल्मेट
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणस्वामी और लेफ्टिनेंट गवर्नर किरण बेदी के बीच एक बार फिर से तलवारें खिंचती दिख रही हैं. इस बार मसला हेल्मेट से जुड़ा हुआ है.
highlights
सीएम वी नारायणस्वामी और एलजी किरण बेदी में फिर खिंची तलवारें.
बगैर हेल्मेट पहने चुनावी रैली के दौरान बाइक पर घूमने का मसला.
एलजी पर लगाया यातायात नियमों से खिलवाड़ का आरोप.
New Delhi:
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणस्वामी और लेफ्टिनेंट गवर्नर किरण बेदी के बीच एक बार फिर से तलवारें खिंचती दिख रही हैं. इस बार मसला हेल्मेट से जुड़ा हुआ है. किरण बेदी की नए मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर की गई पोस्ट के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगर वह हेल्मेट पहनेंगे, तो लोग उन्हें पहचानेंगे कैसे. खासकर रैलियों के दौरान उन्होंने हेल्मेट पहनने से इंकार कर दिया.
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न करें ऐसे मामलों में हस्तक्षेप
किरण बेदी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम नारायणस्वामी ने कहा, 'बाइक पर प्रचार करते समय अगर हम लोग हेल्मेट लगाएंगे, तो लोगों को पता कैसे चलेगा कि वोट मांगने कौन आया है. श्रीमती बेदी को क्या इतना भी नहीं पता है! चुनाव के दौरान आचार संहिता के लागू होने पर लेफ्टिनेंट गवर्नर को इस तरह के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.'
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डीजीपी करें कार्रवाई
राज्य की एलजी पर और तीखा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि लगभग पांच महीने पहले शहर में घूमते वक्त किरण बेदी ने खुद हेल्मेट नहीं पहन रखा था. उन्होंने उस घटना को आधार बनाते हुए कहा, 'वह चुनाव का समय भी नहीं था और उन पर भी सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के नियम-कायदे लागू होते हैं. इस बारे में एक शख्स ने डीजीपी से उनकी शिकायत भी की थी. बगैर खुद अमल करे, उन्हें दूसरों को नसीहत नहीं देनी चाहिए. मैंने किरण बेदी की फोटो वाली ट्वीट देखी है और यह साफ-साफ सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है. डीजीपी को उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.'
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एनआईसी के निर्देशों का भी उल्लंघन
यही नहीं, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणस्वामी ने किरण बेदी पर नेशनल इन्फॉर्मेटिव सेंटर के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एनआईसी ने स्पष्ट कहा है कि आधिकारिक संवाद के लिए एलजी समेत मंत्री सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. इस दिशा-निर्देश का उल्लंघन कर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की भी अवहेलना की है. उन पर तो अदालत की अवमानना का मामला चलना चाहिए.
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