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Sita Navami 2024: साल 2024 में कब मनाई जाएगी सीता नवमी? इस मूहूर्त में पूजा करने से घर में आएगी सुख-समृद्धि!

Sita Navami 2024 Kab Hai: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सीता नवमी के दिन माता सीता धरती से प्रकट हुई थीं. तो चलिए फिर जानते हैं कब मनाई जाएगी सीता नवमी. साथ ही जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में.

Updated on: 10 May 2024, 03:31 PM

नई दिल्ली:

Sita Navami 2024 Kab Hai: हिंदू धर्म में सीता नवमी का खास महत्व होता है. सीता नवमी भगवान राम की पत्नी और आदर्श भारतीय नारी, माता सीता के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है. यह हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है. सीता नवमी को जानकी नवमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन मां सीता की विशेष रूप से उपासना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन की उपासना करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है साथ ही जीवन में आ रही सभी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है. तो चलिए फिर जानते हैं कब मनाई जाएगी सीता नवमी. साथ ही जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में. 

कब है सीता नवमी 2024? (Sita Navami 2024 Kab Hai)

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल सीता नवमी 16 मई को मनाई जाएगी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन माता सीता धरती से प्रकट हुई थीं. 

सीता नवमी का शुभ मुहूर्त   (Sita Navami 2024 Shubh Muhurat)

व्रत प्रारंभ का समय: 16 मई ,गुरुवार को सुबह 6 बजकर 22 मिनट से
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का समापन: 17 मई दिन शुक्रवार को सुबह 08 बजकर 48 मिनट पर
सीता नवमी का मध्याह्न मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 04 मिनट से दोपहर 01 बजकर 43 मिनट तक 

सीता नवमी की पूजा विधि (Sita Navami Puja Vidhi)

सीता नवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. पूजा स्थान को साफ करके गंगाजल से धो लें. भगवान राम और माता सीता की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें. रोली, चंदन, अक्षत, फूल, फल, मिठाई, दीप आदि अर्पित करें. धूप और दीप जलाएं. अब माता सीता और भगवान राम की आरती गाएं. उसके बाद सीता नवमी व्रत कथा का पाठ करें. फिर व्रत रखें और पूरे दिन भगवान का ध्यान करें. शाम को फिर से पूजा करें और प्रसाद वितरित करें. 

सीता नवमी का महत्व (Sita Navami Importance)

सीता नवमी माता सीता के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है. माता सीता को आदर्श पतिव्रता और त्याग की प्रतिमूर्ति माना जाता है. इस दिन मां सीता की पूजा करने से पति-पत्नी के बीच प्रेम और स्नेह बढ़ता है. सीता नवमी के दिन माता सीता और भगवान राम की पूजा करने से सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन में खुशहाली प्राप्त होती है. इस दिन व्रत रखने वाले लोग केवल एक बार भोजन ग्रहण करते हैं. भोजन में सात्विक भोजन ग्रहण करें. दिन भर भगवान राम और माता सीता का ध्यान करें. गरीबों और जरूरतमंदों को दान दें. सीता नवमी एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो हमें माता सीता के आदर्शों और त्याग की याद दिलाता है. इस दिन उनकी पूजा करने से हमें जीवन में सुख, समृद्धि और सदाचार प्राप्त होता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)