Raigad Landslide: इरशालवाड़ी गांव के कई बच्चों की ऐसे बची जान, मां-बाप को खोने से हो गए अनाथ
Maharashtra Landslide: महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में हुए भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 27 हो गई है. इस हादसे में कई ऐसे बच्चे हैं जो बोर्डिंग स्कूल में होने की वजह से जिंदा बच गए लेकिन अब उनके सामने भविष्य की तमाम चिंताएं हैं.
highlights
- रायगढ़ भूस्खलन में अब तक 27 की मौत
- 78 लोग अभी भी लापता
- बोर्डिंग में पढ़ने की वजह से जिंदा बचे कई बच्चे
New Delhi:
Maharashtra Landslide: महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के इरशालवाड़ी गांव नें बुधवार-गुरुवार की रात में हुए भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 27 हो गई है. जबकि अभी भी कई लोग लापता है जिनती तलाश जारी है. हादसे के तीसरे दिन यानी रविवार को मलबे से छह शव और बरामद किए गए. अधिकारियों के मुताबिक, इस गांव के अभी भी 78 लोग लापता हैं. इस प्राकृतिक आपदा में कई परिवारों के भी सदस्यों की मौत हो गई तो कई बच्चे अनाथ हो गए हैं. ऐसे कई बच्चे हैं जो बोर्डिंग स्कूल में पढ़ते थे. जिसके चलते उनकी जान तो बच गई लेकिन अब उन्हें सहारा देने वाला कोई नहीं बचा.
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टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, 9 साल के वसंत पिरकाड अब भी उस त्रासदी के बारे में कुछ नहीं जानता. बुधवार रात हुइ भूस्खलन में वसंत पिरकाड के माता-पिता समेत उसके परिवार के 12 सदस्यों की मौत हो गई. इसी तरह तीन बहनों राधिका पारधी (12), मोनिका (9) और माधुरी (4) ने अपने परिवार के 7 सदस्यों को खो दिया है. जो भीषण लैंडस्लाइड के वक्त बोर्डिंग स्कूल में थी. जिसके चलते उनकी भी जान बच गई. इनके अलावा भी कई और बच्चे हैं जो इस हादसे में अपनों को खो चुके हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को गांव में जब भूस्खलन हुई उस वक्त वसंत पिरकाड कर्जत में आदिवासी बच्चों के लिए बनाए गए एक आवासीय विद्यालय, मंगावाड़ी आश्रमशाला में थे. शनिवार को उनके एक रिश्तेदार उन्हें खालापुर में एक राहत शिविर में लेकर आए. वसंत पिछले चार सालों से आश्रमशाला में रहकर पढ़ाई कर रहा है. वह गर्मियों की छुट्टियों में ही अपने गांव इरशालवाड़ी आता था. वसंत के माता-पिता अभी भी लापता है. अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को मलबे से निकाला गया एक शव वसंत के पिता मधु पिरकाड का है लेकिन बाद में पता चला कि वह शव किसी अन्य ग्रामीण का है.
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वसंत की तरह ही राधिका और मोनिका भी माथेरान में स्कूल में थीं, जबकि उनकी सबसे छोटी बहन माधुरी कर्जत में एक रिश्तेदार के यहां थी. राधिका ने बताया कि हमारे माता-पिता जून में स्कूल आए थे. उन्होंने स्कूल में हमारे साथ एक घंटा बिताया. इन बहनों के लापता परिवार के सदस्यों में उनके माता-पिता, दादा-दादी, दो चाचा और एक चाची शामिल हैं.
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