ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उठाए कमलनाथ सरकार के सर्वे पर सवाल, बोले- मैं नहीं हूं संतुष्ट
मध्य प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए इलाकों में कांग्रेस सरकार द्वारा कराए गए सर्वे पर कांग्रेस के ही दिग्गज नेता और मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सवाल उठाए हैं.
नीमच:
मध्य प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए इलाकों में कांग्रेस सरकार द्वारा कराए गए सर्वे पर कांग्रेस के ही दिग्गज नेता और मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सवाल उठाए हैं. सिंधिया ने कहा कि वो बाढ़ पीड़ितों और फसलों के नुकसान को लेकर हुए प्राथमिक सर्वे से संतुष्ट नहीं हैं. इसके साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दो-तीन दिन बाद दोबारा सर्वे कराने की बात कही है.
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दरअसल, मध्य प्रदेश का मंदसौर और नीमच जिला बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. जिसकी वजह से इन इलाकों में नेताओं के दौरे जारी हैं. इसी कड़ी में ज्योतिरादित्य सिंधिया भी नीमच जिले के बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों का दौरा करने पहुंचे थे. नयागांव में बाढ़ पीड़ितों से बातचीत करते हुए सिंधिया ने कहा, 'मैं फसलों के नुकसान को लेकर जो प्राथमिक सर्वेक्षण हुआ है, वो संतुष्ट नहीं हूं.'
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, 'पिछले दिनों मैंने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी. मैंने सरकार को 3 सुझाव दिए. बाढ़ पीड़ितों को तीन स्तर पर राहत और सहायता मिलना चाहिए. बाढ़ पीड़ित किसानों को सबसे पहले राजस्व विभाग, फिर बीमा कंपनियों और आखिर में केंद्र के आपदा राहत कोष से सहायता मिलनी चाहिए.' उन्होंने कहा, 'मैं भरोसा दिलाता हूं कि इस संकट के समय में हम अन्नदाताओं के साथ खड़े हैं. दो से तीन दिन में दोबारा सर्वे होना चाहिए.'
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वहीं बुधवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चंबल संभाग के मुरैना जिले में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और लोगों से मुलाकात की. इस बीच उन्होंने कहा कि ग्वालियर-चम्बल से मेरा राजनीतिक नहीं पारिवारिक नाता है. आफत की इस घड़ी में संभाग के किसानों के साथ खड़े होना मेरी जिम्मेदारी, नहीं बल्कि मेरा धर्म है. उन्होंने कहा कि वे विश्वास दिलाते हैं कि बाढ़ से प्रभावित एक-एक व्यक्ति के नुकसान की भरपाई की जाएगी.
सिंधिया ने कहा कि मैंने अपने 18 साल के जनसेवा के जीवन में आज तक ऐसे भयानक दृश्य नहीं देखे. 8-10 दिन पहले चारो तरफ पानी ही पानी सड़कें डूब चुकी थीं. हमें राशन लेने भी नाव से आना जाना पड़ रहा था. उन्होंने कहा कि ये बाढ़ नहीं है एक प्राकृतिक आपदा है जो हम सब पर विपत्ति बनकर आई है. मुरैना दौर के दौरान किसानों के बीच कहा कि वे यहां से दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री जी से जल्द से जल्द मध्य प्रदेश को सहायता दिए जाने की मांग करेंगे.
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