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लोकसभा चुनाव में अपनी हार का दर्द अब तक नहीं भुला पाएं हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया

शिवपुरी जिले के दौरे के दौरान कांग्रेस नेता सिंधिया रविवार रात यहां भावखेड़ी के पीड़ितों से मिलने पहुंचे थे.

Updated on: 14 Oct 2019, 10:35 PM

नई दिल्ली:

कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया लोकसभा चुनाव की हार के दर्द को अब तक भुला नहीं पाए हैं. यही कारण है कि गाहे बगाहे वह अपना दर्द बयां कर जाते हैं. उन्होंने सोमवार को शिवपुरी में कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे से दिल में दुख है. लोकसभा चुनाव में सिंधिया को गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में कभी अपने सांसद प्रतिनिधि रहे भाजपा उम्मीदवार के. पी. यादव के हाथों लगभग सवा लाख वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. सिंधिया से यहां संवाददाताओं ने क्षेत्र के विकास सहित अन्य मुद्दों पर सवाल किए. इस पर वह भावुक हो गए और कहा, "लोकसभा चुनाव के नतीजे से दिल में दुख है. पर मैं क्षेत्र के लिए अपना काम करता रहूंगा. मेरी जितनी हैसियत है, उतना काम कर रहा हूं. बस इतना कह सकता हूं कि आप लोग मुझमें कुछ कमी नहीं पाओगे. आज मेरी भी सीमा है."

शिवपुरी जिले के दौरे के दौरान कांग्रेस नेता सिंधिया रविवार रात यहां भावखेड़ी के पीड़ितों से मिलने पहुंचे थे. उन्होंने यहां खुले में शौच के नाम पर दो दलित बच्चों की पीट-पीटकर की गई हत्या पर दुख जताया और पीड़ित परिवारों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की मांग की. इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ को चिठ्ठी भी लिखी है, जिसमें पीड़ित परिवार को शिवपुरी शहर में पक्का मकान बनाकर देने की मांग की गई है. इसके अलावा दोषियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला चलाने की भी बात कही है. खुद सिंधिया ने भी पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का वादा किया है.

सिंधिया की इस मांग के बाद आनन-फानन में जिला प्रशासन की ओर से शिवपुरी शहर के पीएसक्यू लाइन में दो सरकारी आवास पीड़ित परिवार को उपलब्ध कराए गए हैं. सिंधिया की मांग के बाद सोमवार को आनन-फानन में पीड़ित परिवार को आवास स्वीकृत कराने के लिए कई प्रशासनिक अधिकारी सक्रिय नजर आए.