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रूस के माउंट एलब्रुस पर लहराएगा 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का झंडा

मेघा परमार 'ट्रस्ट मी'- 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का झण्डा लेकर 2 अगस्त को माउंट एलब्रुस पर चढ़ाई करेंगी.

Updated on: 01 Aug 2019, 09:55 AM

नई दिल्ली:

रूस के 18 हजार 510 फीट ऊचे माउंट एलब्रुस पर जल्द ही मध्यप्रदेश का 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान का झंडा लहराएगा. विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली मध्य प्रदेश की पहली महिला पर्वतारोही कुमारी मेघा परमार को महिला बाल विकास द्वारा अभियान का ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया है. मेघा परमार 'ट्रस्ट मी'- 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का झण्डा लेकर 2 अगस्त को माउंट एलब्रुस पर चढ़ाई करेंगी. कुमारी मेघा इस अभियान के माध्यम से माता-पिता को अपनी बेटियों पर भरोसा करने का संदेश देंगी.

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कुमारी मेघा परमार ने प्रमुख सचिव महिला बाल विकास अनुपम राजन से मुलाकात कर उन्हें अभियान की जानकारी दी है. अनुपम राजन ने कुमारी मेघा को माउंट एलब्रुस पर विजय हासिल करने के लिए शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि कुमारी मेघा बेटियों के लिए नई प्रेरणा स्त्रोत बनकर उभरी हैं. राजन ने कहा कि इस अभियान के लिए विभाग उनकी हर सम्भव मदद करेगा.

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इससे पहले मेघा परमार ने मुख्य सचिव एसआर मोहंती और खेल मंत्री जीतू पटवारी से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने मुख्य सचिव से माउंट एवरेस्ट के कैंप नंबर- 4 से एवरेस्ट शिखर तक के संर्घषपूर्ण सफर की यादों को साझा किया. मेघा परमार ने बताया कि माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचने के बाद दुनिया गोल होने का अहसास होता है. बता दें कि 24 वर्षीय मेघा परमार मध्यप्रदेश के सीहोर की रहने वाली हैं. वो माउंट एवरेस्ट फतेह करने वाली मध्यप्रदेश की पहली महिला पर्वतारोही हैं. उन्होंने 22 मई की सुबह पांच बजे एवरेस्ट समिट कंप्लीट किया.

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