एमपी में बैन हुई सिंगल यूज प्लास्टिक का असर, वैकल्पिक व्यवस्था पर उठे सवाल
देश भर में आज से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लग चुका है. करीब 19 ऐसी प्लास्टिक की चीजे हैं जो अब बाजार में नजर नहीं आएंगी. कुछ चीजें लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में प्रयोग होने वाली भी हैं, जो अब उन्हें नहीं मिल पाएंगी.
highlights
- 19 ऐसी प्लास्टिक की चीजे हैं जो अब बाजार में नजर नहीं आएंगी
- मध्यप्रदेश में इसका मिला जुला असर देखने को मिल रहा है
- कई जगहों पर इन्हें पूरी तरह से बैन कर दिया गया है
भोपाल:
देश भर में आज से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लग चुका है. करीब 19 ऐसी प्लास्टिक की चीजे हैं जो अब बाजार में नजर नहीं आएंगी. कुछ चीजें लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में प्रयोग होने वाली भी हैं, जो अब उन्हें नहीं मिल पाएंगी. हालांकि मध्यप्रदेश में इसका मिला जुला असर देखने को मिल रहा है. कई जगहों पर इन्हें पूरी तरह से बैन कर दिया गया है. तो कई जगह आज भी ये प्रयोग में आ रही हैं. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के मुख्य बाजारों की बात करें तो यहां से प्लास्टिक की जो चीजें बैन कर दी गई है वो गायब है. लेकिन छोटी-छोटी दुकानों की अगर बात करें तो जिन दुकानों में फल, सब्जी जैसी वस्तुओं मिलती है, वहां आज भी पॉलिथिन मिल रही है.
लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया
देश में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन करने का स्वागत हर प्राकृतिक प्रेमी कर रहा है. क्योंकि वो जानता है कि प्लास्टिक पर्यावरण को कितना नुकसान पहुंचा रही है. लेकिन इन चीजों के बदले वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग भी बड़ी है. बाजारों में आने वाले ग्राहकों का भी यही कहना है कि फैसला काफी अच्छा है, लेकिन जल्द ही इनकी वैकल्पिक व्यवस्था के साथ उसकी उपलब्धता पर जोर दिया जाना चाहिए.
वैकल्पिक चीजें इको फेंडली लेकिन पॉकेट फ्रेंडली नहीं
व्यापारियों के अनुसार सरकार ने फैसला सही लिया है और बाजारों में इसका असर भी है, क्योंकि अब व्यापारी इसे मंगवा भी नहीं रहे है. मगर उनका कहना है कि ग्राहक अभी भी उन्ही चीजों की मांग कर रहे है, जो बैन हुई हैं. क्योंकि वैकल्पिक व्यवस्था इकों फ्रेंडली जरूर है, लेकिन पॉकेट फ्रेंडली नहीं. थर्माकोल की प्लेट पहले 2 रुपए की एक आया करती थी, उसकी अल्टरनेंट चीज 10 रुपये की एक मिल रही है.
बड़े कारखानों पर लगना चाहिए बैन
बैन की गई इन सभी चीजों पर रोक पहली सीडी से लगाना चाहिए. ताकि लोगों में जागरूकता आए. इसके लिए सरकार बड़े कारखानों में इसके निर्माण पर पूरी तरह रोक लगाए. अगर बाजार में कारखानों से ही ये वस्तुएं नहीं आएंगी तो ग्राहक मांगेगा भी नहीं. इसके अलावा इन सभी चीजों की वैकल्पिक व्यवस्था की उपलब्धता बड़ाने के साथ ही उनके मुल्यों में कमी करनी चाहिए.
केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने इन वस्तुओं को किया बैन
- कांटे
- चम्मच
- चाकू
- ट्रे
- स्ट्रो
- प्लास्टिक के कप
- प्लास्टिक की प्लेट
- प्लास्टिक के गिलास
- कैंडी स्टिक, आईसक्रीम स्टिक
- थर्माकोल (पॉलीस्ट्रीन)
- प्लास्टिक के झंडे
- गुब्बारों के लिए प्लास्टिक स्टिक
- प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स
- प्लास्टिक कैरी बैग, पॉलीथीन (75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले)
- मिठाई के डिब्बे को रैप या पैक करने वाली फिल्म
- सिगरेट के पैकेट
- स्टिरर (चीनी आदि मिलने वाली चीज)
- 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक पीवीसी बैनर
- इन्विटेशन कार्ड
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