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Jharkhand News: गलत इलाज से महिला की बिगड़ी हालत, जिंदगी और मौत से जूझने को मजबूर

अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम में झोला छाप चिकित्सक द्वारा 7 माह की गर्भवती महिला सीमा देवी गलत इलाज के कारण जिंदगी और मौत के बीच जूझने को मजबूर है.

Updated on: 23 Oct 2023, 12:35 PM

highlights

  • गलत इलाज के कारण महिला की बिगड़ी हालत
  • जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही महिला
  • कुछ दिनों पहले ही नर्सिंग होम का हुआ था निरीक्षण 

Latehar:

लातेहार जिले के बालूमाथ एवं बरियातू प्रखंड में 6 से अधिक अवैध नर्सिंग होम संचालित की जा रही है. इन नर्सिंग होम में झोला छाप चिकित्सक के सहारे सिजेरियन ऑपरेशन, भ्रूण हत्या जोरो से की जा रही है. इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को होने के बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग मौन है. शनिवार को बरियातू में अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम में झोला छाप चिकित्सक द्वारा 7 माह की गर्भवती महिला सीमा देवी गलत इलाज के कारण जिंदगी और मौत के बीच जूझने को मजबूर है. 

गलत इलाज से महिला की बिगड़ी हालत 

मिली जानकारी के अनुसार सीमा देवी को शनिवार को पेट में दर्द शुरू हो गया. जिसके बाद परिजन सीमा देवी को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए नर्सिंग होम लेकर पहुंचे. जहां 750 रुपए लेकर अवैध रूप से अल्ट्रासाउंड की गई. वहीं, झोलाछाप चिकित्सक द्वारा गलत इलाज कर 1700 रुपये भी लिया गया. गलत इलाज के कारण महिला की स्थिति बिगड़ने लगी तो परिजन उसे लेकर बालूमाथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. जहां चिकित्सक द्वारा प्राथमिक इलाज के बाद स्थिति को गंभीर देखते हुए बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल लातेहार रेफर कर दिया. उसके बाद सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने भी महिला की स्थिति को गंभीर बताते हुए बेहतर इलाज हेतु रिम्स रेफर कर दिया. जहां सीमा देवी रांची में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है. 

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कुछ दिनों पहले ही नर्सिंग होम का हुआ था निरीक्षण 

बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पूर्व लातेहार सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार द्वारा नर्सिंग होम का औचक निरीक्षण किया था. जहां स्वास्थ्य विभाग के कर्मी द्वारा निरीक्षण की सूचना पूर्व में दे दी गई थी. इस कारण से नर्सिंग होम के संचालक ने अल्ट्रासाउंड मशीन गायब कर दिया था, लेकिन प्रिंटर बरामद हुई थी. जांच के दौरान पाया गया था कि नर्सिंग होम का क्लीनिकल एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन लिए हुए हैं, लेकिन आज तक उस नर्सिंग होम में एक भी एमबीबीएस डॉक्टर ड्यूटी नहीं देते हैं. सिर्फ एमबीबीएस डॉक्टर का सर्टिफिकेट लगाकर फर्जी तरीके से क्लीनिकल एक्ट का रजिस्ट्रेशन करा लिया गया है. बावजूद अबतक अस्पताल प्रबंधन पर कोई कार्रवाई नहीं होने से अस्पताल प्रबंधन की मनमानी बढ़ती जा रही है. इधर इस घटना की सूचना ग्रामीणों ने लातेहार उपायुक्त को भी देकर कार्रवाई की मांग की है.

रिपोर्ट - गोपी कुमार सिंह