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बेंगलुरु में झारखंड की 11 नाबालिग बच्चियों का रेस्क्यू, तस्करों के चंगुल से बची

झारखण्ड और ह्यूमन ट्रैफिकिंग का पुराना नाता है. तमाम कोशिशों के बाद भी राज्य से ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला थमने का नाम ही नहीं ले रहा.

Updated on: 05 May 2023, 05:16 PM

highlights

  • झारखंड की 11 नाबालिग बच्चियों का रेस्क्यू
  • बेंगलुरु में तस्करों के हाथों से छुड़ाया
  • बेंगलुरु से सुरक्षित पहुंची रांची

Ranchi:

झारखण्ड और ह्यूमन ट्रैफिकिंग का पुराना नाता है. तमाम कोशिशों के बाद भी राज्य से ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला थमने का नाम ही नहीं ले रहा. यहां की बच्चियां आए दिन ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार हो रही है. आदिवासी इलाकों से बच्चियों को नौकरी का झांसा देकर बेचा जा रहा है. ऐसे ही मामले में झारखंड सरकार की पहल पर एक बार फिर 11 नाबालिग बच्चियों को बेंगलुरु से रेस्क्यू कर वापस रांची लाया गया है. सरकार को नाबालिग लड़कियों को बेंगलुरु में तस्करों के चंगुल से छुड़ाने में तो कामयाबी मिली है, लेकिन यह अपने आप में ही बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है. आखिर कब तक राज्य से ऐसे ही आदिवासी बच्चियों को इस तरह से ह्यूमन ट्रैफिकिंग का शिकार होना पड़ेगा. इसमें सभी बच्चियां पाकुड़ और साहिबगंज इलाके की बताई जा रही है. सभी बच्चियां पहाड़िया जनजाति से है. ऐसा पहली बार हुआ है कि जब झारखंड सरकार ने सभी बच्चियों को फ्लाइट से वापस लाया है.

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11 नाबालिग बच्चियों का हुआ रेस्क्यू

भोले भाले आदिवासी लोगों को मानव तस्कर पैसे का लालच देकर बाहर प्रदेशों में बेच दिया करते हैं. झारखंड में ऐसा मामला आए दिन सामने आता है, लेकिन अब सरकार के साथ मिलकर बाल संरक्षण आयोग लगातार बच्चियों को रेस्क्यु करने का काम कर रहा है. अब तमाम बच्चियां वापस अपने राज्य लौट गई है. इन्हें रांची एयरपोर्ट पर रिसीव करने के लिए बाल संरक्षण आयोग के सदस्य मौजूद थे.

एयरपोर्ट पर श्रम अधिकारी अविनाश कृष्ण भी थे, उन्होंने बताया कि सरकार को सूचना मिली थी कि झारखंड की बच्चियों को बैंगलोर ले जाया गया है. इसके बाद बैंगलोर के अधिकारियों से मिलकर त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी को वापस अपने राज्य लाया गया है. फिलहाल, रांची में सभी को ट्रेनिंग देने की नियोजन की योजना है.

राजधानी दिल्ली से 13 बच्चियों को छुड़ाया गया था

बता दें कि हाल ही में झारखंड की 13 नाबालिग लड़कियों को तस्करों के हाथों राजधानी दिल्ली से छुड़ाया गया था. जिसमें 14 साल की नाबालिग गर्भवती अवस्था में मिली थी. ज्यादतर मामलों में बच्चियों को नौकरी या पैसों का लालच देकर देह व्यापार या अंग तस्करों के हवाले कर दिया जाता है.