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Jharkhand News: सवालों में झारखंड की कानून व्यवस्था, लॉ एंड ऑर्डर पर सियासी उबाल

रांची में CPI(M) नेता सुभाष मुंडा की हत्या ने राजधानी ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है. हत्या के बाद से ही आम जनता में डर और आक्रोश दोनों है.

Updated on: 28 Jul 2023, 11:36 AM

highlights

  • CPI(M)नेता की गोली मारकर हत्या
  • हत्या के बाद राजधानी रांची में बवाल
  • लॉ एंड ऑर्डर पर सियासी उबाल

Ranchi:

रांची में CPI(M) नेता सुभाष मुंडा की हत्या ने राजधानी ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है. हत्या के बाद से ही आम जनता में डर और आक्रोश दोनों है. आक्रोशित भीड़ ने कई बार सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया तो वहीं अब झारखंड बंद का आवाहन किया गया है. इस बीच हत्या पर सियासत भी गरमा गई है. इस बार सवाल है लॉ एंड ऑर्डर का और प्रदेश सरकार निशाने पर है.

हत्या के बाद राजधानी रांची में बवाल

रांची की सड़कों पर संग्राम मचा है. नेता की हत्या ने जनता को आक्रोश से भर दिया. सड़कों पर उतरी जनता ना सिर्फ आक्रोशित है. बल्कि उनमें डर भी है और सवाल भी. डर ये कि अगर जनप्रतिनिधि की सुरक्षा की गारंटी नहीं है तो आम जनता का क्या होगा और सवाल ये कि क्या प्रदेश की कानून व्यवस्था ठप हो चुकी है. क्या बदमाशों को खुली छूट मिल गई है. रांची में बेखौफ अपराधियों ने गड़ी थाना क्षेत्र के दलादली चौक के पास सीपीआई कार्यालय में घुसकर आदिवासी नेता सुभाष मुंडा को गोली मार दी. आनन फानन में उन्हें निजी अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मौत की खबर मिलते ही जनता आक्रोशित हो गई और भीड़ ने दलादली चौक को जाम कर दिया.

रांची की कानून व्यवस्था पर सवाल

बुधवार रात से शुरू हुआ बवाल का सिलसिला गुरुवार तक चलता रहा. जहां शव के पोस्टमार्टम के बाद एंबुलेंस को रोककर स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया और हत्या से गुस्साए लोगों ने रिंग रोड को पूरी तरह जाम कर दिया. इधर हंगामे को देखते हुए इलाके में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई. इस वारदात ने पूरे झारखंड और खासकर राजधानी रांची की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं. क्योंकि राजधानी में ताबड़तोड़ गोलीबारी और हत्या की खबरें सुर्खियां बटोर रही हैं.

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खत्म हो गया पुलिस का खौफ?

रांची में बदमाशों के मन में पुलिस का कोई खौफ नहीं. जिसका नतीजा है कि एक जाने माने नेता को उसके दफ्तर में घुसकर गोलियों से भून दिया जाता है. हत्या के बाद नगड़ी थानेदार को सस्पेंड कर दिया गया है, लेकिन अब इस मामले पर सियासत ने जोर पकड़ लिया है. रांची की इस वारदात के बाद जो सबसे बड़ा सवाल उठता है वो ये कि कहां है कानून व्यवस्था? कुछ दिनों पहले ही सीएम ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया था कि किसी भी तरह अपराध पर लगाम कसी जाए. तो सीएम के निर्देश का पालन क्यों नहीं हुआ? क्यों बेखौफ बदमाश राजधानी की सड़कों पर मौत का तांडव कर रहे हैं?