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jharkhand assembly winter session: 1932 खतियान आधारित नीति विधेयक का प्रस्ताव विधानसभा से पारित

बुधवार को झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का चौथा दिन भी हंगामेदार रहा. बीजेपी विधायकों ने सदन में खूब हंगामा किया.

Updated on: 20 Dec 2023, 04:49 PM

highlights

  • 3 बीजेपी विधायकों को किया गया निलंबित
  • 16 मिनट तक चला विधानसभा
  • स्पीकर तानाशाही है- बीजेपी

Ranchi:

बुधवार को झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का चौथा दिन भी हंगामेदार रहा. बीजेपी विधायकों ने सदन में खूब हंगामा किया, जिसकी वजह से मंगलवार को स्पीकर ने बीजेपी के तीन विधायकों भानु प्रताप शाही, बिरंची नारायण और जयप्रकाश पटेल को पूरे सत्र से निलंबित कर दिया है. वहीं, निलंबित विधायक बुधवार सुबह से ही विधानसभा पर धरना दे रहे हैं. बता दें कि जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने स्पीकर से तीनों विधायकों का निलंबन वापस लेने का आग्रह किया. जिसके बाद बीजेपी के सभी विधायक वेल में पहुंचे और आसन निलंबन मामले में न्याय की मांग की.

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3 बीजेपी विधायकों को विधानसभा से किया गया निलंबित

बीजेपी विधायक अमित मंडल ने स्पीकर से कहा कि आप दोनों पक्ष के कस्टोडियन हैं. बीजेपी के तीनों विधायतक नियोजन नीति की मांग कर रहे थे और इसी को लेकर विधानसभा में हंगामा कर रहे थे, लेकिन इस तरह से निलंबन करने का फैसला काफी कठोर हो गया. इसलिए उदारता दिखाते हुए विधायकों का निलंबन वापस लें. 

16 मिनट तक चला सदन

वहीं, बीजेपी विधायकों के हंगामे के बीच प्रश्नकाल शुरू हो गया, लेकिन सदन 16 मिनट तक ही चल सका. जिसके बाद बीजेपी विधायकों ने ये सरकार निकम्मी है, हेमंत सोरेन सरकार गद्दी छोड़ों के नारे लगाए. हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. 

स्पीकर तानाशाही है- बीजेपी

निलंबित विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि सरकार सदन में बेरोजगारों के मुद्दे नहीं उठने देना चाहती है. वे राज्य की नियोजन नीति को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव पारित करना चाहते थे. इसी वजह से उन्हें विधानसभा से निलंबित कर दिया गया. जो कि स्पीकर की तानाशाही है. 

1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक स्वीकृत

बुधवार को विधानसभा में झारखंड पदों एवं सेवाओं में रिक्तियों में आरक्षण को लेकर विधेयक 2023 पारित किया गया. जिसके तहत झारखंड आंदोलनकारियों को 5 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जाएगा. वहीं, ओबीसी के 27 फीसदी आरक्षण मामले में भी संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि इसपर सरकार पहल कर रही है. 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक को बिना किसी संशोधन के स्वीकृत किया गया. विधेयक पारित होते ही सत्ता पक्ष ने जय झारखंड के नारे लगाए.