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Jharkhand Assembly Special Session: विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक स्थगित

फ्लोर टेस्ट में विश्वास मत हासिल करने के बाद चंपई सोरेन के नेतृत्व में बनी सरकार ने झारखंड विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र का आयोजन किया गया.

Updated on: 06 Feb 2024, 04:59 PM

highlights

  • विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक स्थगित
  • सदन में राहुल गांधी के उलिहातु नहीं जाने पर उठा सवाल
  • विपक्ष पर आलम ने लगाए कई गंभीर आरोप

Ranchi:

फ्लोर टेस्ट में विश्वास मत हासिल करने के बाद चंपई सोरेन के नेतृत्व में बनी सरकार ने झारखंड विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र का आयोजन किया गया. जिसे पक्ष और विपक्ष के बीच बहस के बाद कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है. दोनों पक्षों ने राज्यपाल के अभिभाषण के बाद धन्यवाद प्रस्ताव में हिस्सा लिया और फिर एक-दूसरे पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया. वहीं, विपक्ष के विरोध के बीच संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने धन्यवाद प्रस्ताव पर हुए चर्चे का जवाब दिया और फिर कहा कि आपने हम पर विश्वास किया है और हम आपको निराश नहीं करेंगे.

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झारखंड के गठन में हमारा सबसे बड़ा योगदान

इसके साथ ही आलमगीर आलम ने यह भी कहा कि हेमंत सोरेन के किए गए कामों को चंपई सोरेन के नेतृत्व में आगे बढ़ाया जाएगा और सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं. विपक्ष पर निशाना साधते हुए आलमगीर आलम ने कहा कि झारखंड राज्य का गठन भाजपा ने नहीं किया है. अगर राज्य सरकार प्रस्ताव नहीं भेजती तो झारखंड अलग राज्य नहीं बनता. इसके लिए हमारे 11 मंत्रियों ने इस्तीफा दिया था, उस समय बिहार में हम गठबंधन की सरकार में थे. झारखंड के गठन में सबसे बड़ा योगदान हमारा था. 

राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा कम और कांग्रेस पर चर्चा ज्यादा

आगे आलम ने भाजपा के कई आरोपों का भी जवाब दिया. जिसमें राहुल गांधी खूंटी में भगवान बिरसा मुंडा के गांव उलिहातु नहीं जाने वाले आरोप पर आलम ने कहा कि खूंटी में राहुल गांधी ने भगवान बिरसा मुंडा के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सम्मानित भी किया. वहीं, पीएम मोदी जब खूंटी आए थे, तब आदिवासियों को उम्मीद थी कि पीएम सरना कोड की सौगात देंगे, लेकिन उन्होंने आदिवासियों को निराश किया. आलमगीर आलम ने यह भी कहा कि विपक्ष के लोग कांग्रेस के नाम से डर रहे हैं और ये जानते हैं कि आने वाले दिनों में देश कांग्रेसमय होने वाला है. लोकतंत्र को बचाने में सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही सक्षम है. इसलिए विपक्ष ने सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा कम और कांग्रेस पर चर्चा ज्यादा की.