झारखंड के सबसे बड़े जंगलों के रेंज में मिली मानवीय शक्ल की 'मकड़ी'
झारखंड के सबसे बड़े जंगलों के रेंज दलमा में एक अनोखी चीज वन विभाग के हाथ लगी है, जहां जीव-जंतुओं पर शोध करने वाले राजा घोष नाम के एक व्यक्ति ने दलमा के जंगलों से मानवीय शक्ल के मकड़ी की खोज की है.
highlights
- दलमा में एक अनोखी चीज लगी वन विभाग के हाथ
- मानवीय शक्ल की 'मकड़ी
- दूसरे ग्रह से आया कोई जीव
- मानवता को ला सकता है खतरे में
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झारखंड के सबसे बड़े जंगलों के रेंज दलमा में एक अनोखी चीज वन विभाग के हाथ लगी है, जहां जीव-जंतुओं पर शोध करने वाले राजा घोष नाम के एक व्यक्ति ने दलमा के जंगलों से मानवीय शक्ल के मकड़ी की खोज की है. खबर के वायरल होने के बाद आसपास के लोगों ने कहा है कि यह दूसरे ग्रह से आया कोई जीव है, जो मानवता को खतरे में ला सकता है. वहीं, वन विभाग की टीम से जानकारी मिलने के बाद जीव-जंतुओं पर शोध करने वाले टीम के साथ जेड एसआई से संबंधित टीम ने जंगल की ओर अपना रुख अख्तियार कर लिया है. जानकारी देते हुए दलमा रेंज के आई एफ एस डॉक्टर अभिषेक कुमार ने उस जंतु की पहचान क्रैब स्पाइडर के रूप में बताई है.
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दूसरे ग्रह से आया कोई जीव
इसके साथ ही बताया कि जीव जंतुओं से लेकर कई जानवरों में जंगल के अंदर मिमिक्री करने का एक गुण होता है, जो अपनी सुरक्षा के लिए वह इस्तेमाल करते हैं ताकि उन्हें सामने वाले जंतु या जानवर से नुकसान ना पहुंच सके. हालांकि यह दलमा के जंगलों में पहली बार पाया गया है.
क्रैब स्पाइडर की जांच की जाएगी
इसकी जानकारी अब जेड एसआई को दी जाएगी और राजा घोष के द्वारा पाए गए इस क्रैब स्पाइडर की जांच की जाएगी. यह एक बहुत अनोखी बात है और अच्छी बात है कि दलमा के जंगलों को सिर्फ हाथियों को ही जाना जाता था, लेकिन इस तरह की चीज सामने आने से अन्य भी विशेष जंतुओं की जानकारी लोगों को मिल रही है. यह बहुत अच्छी बात है कि प्रकृति से जुड़ाव रखने वाले लोगों में अब दलमा को लेकर काफी ज्यादा उत्साह बनेगा. ज्यादातर लोग जो दलमा की ओर जाते हुए सिर्फ करीब क्षेत्रों में जाकर हाथियों को देखकर ही आ जाते हैं. अब सैंक्चुअरी घूमने में लोगों में और भी ज्यादा उत्साह देखे जाने की आशंका है.
ज्यादातर मामलों में वन विभाग छोटे-छोटे पंछियों के लिए वॉटरहोल्स बनाते हैं. जहां दूसरे जंगलों से आ रहे शरणार्थी पंछियों के लिए पानी-पीने की व्यवस्था की जाती है, लेकिन प्राकृतिक रूप से उन छोटे-छोटे गड्ढों में कई जीव जंतुओं के पनपने की आशंका होती है. हालांकि दलमा रेंज में गर्मी ज्यादा होता है और पानी की किल्लत होती है, जो जानवर और पंछियों को भी बराबर के रूप में एहसास कराता है.
दलमा में सैकड़ों ऐसे कीड़े-मकोड़े हैं, जो अभी तक अनदेखें हैं. शोधकर्ताओं के बढ़ते उत्सुकता के कारण दलमा के वन्य प्राणी जीवों के प्रति भी रूझान बढ़ा है, जोकि वन विभाग व जैविक विभाग के लिए एक अच्छी पहल है.
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