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लोकसभा चुनाव

Jharkhand Politics: बाउरी से बीजेपी के मिशन-24 वाली आस कितनी पूरी होगी? सत्ताधारी दल लगातार हमलावर

झारखंड में बीजेपी ने विधायक अमर बाउरी को लगभग चार साल बाद बीजेपी विधायक दल की जिम्मेदारी देकर नेता प्रतिपक्ष बनवाया है.

Updated on: 18 Oct 2023, 01:32 PM

highlights

  • बाउरी से बीजेपी के मिशन-24 वाली आस कितनी पूरी होगी? 
  • अमर बाउरी से कोई फर्क नहीं पड़ता : जेएमएम
  • मंत्री आलमगीर आलम ने साधा निशाना
  • बीजेपी ने विरोधियों पर साधा निशाना

Ranchi:

झारखंड में बीजेपी ने विधायक अमर बाउरी को लगभग चार साल बाद बीजेपी विधायक दल की जिम्मेदारी देकर नेता प्रतिपक्ष बनवाया है. चुनाव से पहले एक तरफ बाबूलाल मरांडी को प्रदेश अध्यक्ष बना कर बीजेपी ने एसटी वोटर को साधने की कवायद की है तो वहीं अमर बाउरी को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी देकर एससी कार्ड खेला है. मिशन 24 को साधने के लिए बीजेपी के एससी-एसटी कार्ड पर सूबे की सत्ताधारी दल जोरदार तरीके से हमलावर है. बीजेपी के बाउरी वाली सियासत से आखिर कितनी बदलेगी भविष्य की सियासत ये सवाल एक बार फिर चर्चा में है. बीजेपी ने जहां बाबूलाल मरांडी को प्रदेश अध्यक्ष बना कर एसटी कार्ड वाला दांव चली तो वहीं अब अमर बाउरी को नेता विधायक दल की जिम्मेदारी देकर एसटी कार्ड खेला है. 

अमर बाउरी से कोई फर्क नहीं पड़ता : जेएमएम

एससी और एसटी वाले बीजेपी के इस दाव पर जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडे पलटवार करने से नहीं चूके. जेएमएम की मानें तो चंदनक्यारी विधानसभा के बाहर कोई अमर कुमार बाउरी को जानता तक नहीं है. अगली बार वो चंदनक्यारी जीत पाएंगे ये भी बड़ा सवाल है. आगे जेएमएम प्रवक्ता सवालिया लहजे में पूछते हैं कि वो दलित हरिजन के नेता हैं क्या? कोई पहचान है क्या उनकी? वो विधायक हैं, उनको विधायक दल का नेता बनाया गया. पौने चार साल बाद सुबुद्धि आई बीजेपी. अगर कुछ खुश फहमी पाल रखी है कि दलित कार्ड खेल दिए. दलित वोट बैंक मेरा तैयार हो गया तो वो भारी गलत फहमी में हैं. झारखंड की पूरी जनता आज जाति धर्म से ऊपर उठकर हेमंत सोरेन के साथ चलना चाहती है. हेमंत सोरेन की आज जितनी लोकप्रियता है उसी से बौखलाए हुए लोगों की जमात है भारतीय जनता पार्टी. अमर बाउरी से कोई फर्क नहीं पड़ता है.

मंत्री आलमगीर आलम ने साधा निशाना

झारखंड सरकार में मंत्री आलमगीर आलम भी अमर बाउरी को नेता विधायक दल बनाने और नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी मिलने पर कहते हैं कि इससे कुछ नहीं होता है. हम जिस समुदाय से आते हैं अगर हम चाहेंगे तो सारा वोट दिला सकते हैं क्या? ये संभव नहीं है. नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी मिलने पर अमर बाउरी को हम बधाई दे चुके हैं, क्योंकि चार साल के अंतराल के बाद हमें विपक्ष का नेता मिला है. बाउरी कोई फैक्टर नहीं बन पायेंगे, किसी को बना देने से कुछ नहीं होता. झारखंड में 2024 का विधानसभा चुनाव जो होगा वो, विगत दिनों उपचुनाव में जो नतीजा देखा है वही होगा.

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बीजेपी ने विरोधियों पर साधा निशाना

बीजेपी विरोधियों ने अमर बाउरी के बहाने बीजेपी पर निशाना साधा तो बीजेपी नेता सुबोध सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा पार्टी ने एक जमीनी स्तर के कार्यकर्ता, लो प्रोफाइल नेता, मृदु भाषी और पूर्व मंत्री को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी प्रदेश नेतृत्व और केंद्रीय नेतृत्व ने दिया है. इससे पूरे प्रदेश में जमीनी स्तर के नेता में खुशी है और इसी का नाम बीजेपी है. एक साधारण से साधारण कार्यकर्ता को भी बीजेपी फर्श से अर्श तक पहुंचाती है और इसका उदाहरण अमर बाउरी हैं. अमर बाउरी एससी मोर्चा के बहुत बेहतर काम किए हैं. विरोधी बौखलाये हुए हैं.

बीजेपी ने ट्राइबल वोटरों को साधने के लिए पहले बाबूलाल मरांडी को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी फिर एससी वोटरों को लुभाने और एससी प्लस एसटी फैक्टर को मजबूत करने के लिए बाउरी को नेता विधायक दल की जिम्मेदारी दी. अब बड़ा सवाल ये कि बाउरी से बीजेपी के मिशन 24 वाली आस कितनी पूरी होगी?

रिपोर्ट : कुमार चन्दन