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गुमला की प्राकृतिक सुंदरता की अलग पहचान, गोवा और मसूरी भी इसके आगे फेल

गुमला जिला की प्राकृतिक सुंदरता इन दिनों को अनायास अपनी ओर आकर्षित कर रही है. लोग अभी से ही पूरे परिवार के साथ इन स्थलों पर वर्तमान साल की विदाई व नए साल के जश्न मनाने की योजना बना रहे हैं.

Updated on: 10 Dec 2023, 08:19 PM

highlights

  • प्राकृतिक सुंदरता गुमला की अलग पहचान
  • गोवा और मसूरी से भी सुंदर गुमला
  • स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का अवसर

Gumla:

गुमला जिला की प्राकृतिक सुंदरता इन दिनों को अनायास अपनी ओर आकर्षित कर रही है. लोग अभी से ही पूरे परिवार के साथ इन स्थलों पर वर्तमान साल की विदाई व नए साल के जश्न मनाने की योजना बना रहे हैं. लोगों ने कहा कि पूरे देश मे गुमला जैसी प्राकृतिक सुंदरता कही नहीं होगी. ऐसे तो गुमला जिला एक आदिवासी बहुल पिछड़े जिले के रूप में लोगों के बीच चर्चा में रहता है. साथ ही नक्सली घटनाओं व आपराधिक सक्रियता के कारण गुमला की नकारात्मक तस्वीर लोगों के दिमाग में बना हुआ है, लेकिन इन सब के बीच गुमला की प्राकृतिक सुंदरता भी गुमला को एक अलग पहचान देती है.

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प्राकृतिक सुंदरता गुमला की अलग पहचान

पहाड़ों व पर्वतों से घिरा यह इलाका नदियों की बहती धारा के कारण प्राकृतिक सुंदरता में काफी धनी है. आप मुख्य सड़क से कुछ अंदर चले जाएं तो जो सुंदरता देखने को मिलेगी, उसे देखकर आपका मन पूरी तरह से प्रसन्न हो जाता है. यही कारण है कि गुमला के विभिन्न इलाकों के साथ ही इसके आसपास के जिलों से भी काफी संख्या में स्थानीय लोग इन स्थलों पर पिकनिक मनाने के लिए आते हैं. बात कोयल नदी की हो या संख नदी की, दोनों नदिया जब चट्टानों के बीच से बहते हुए निकलती है, तो वह नजारा देखते ही बनता है. वहीं, पास में मौजूद जंगल की इसकी खूबसूरती को चार चांद लगता है. स्थानीय लोग भी इसकी सुंदरता की प्रशंसा करते नहीं थकते हैं.

गोवा और मसूरी से भी सुंदर गुमला

गुमला की प्राकृतिक खूबसूरती का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि जो कोई भी यहां एक बार आता है, बार बार आने की चाहत रखता है. स्थानीय व्यक्ति विनय कुमार तिवारी की मानें तो इस स्थान को सरकार अगर पर्यटक स्थल के रूप में सही रूप से विकसित कर दें, तो गोवा और मसूरी की सुंदरता भी इसके सामने फीकी पड़ जायेगी. उन्होंने कहा कि इस जिला में ऐसे कई स्थल है, जो पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने की तमाम संभावनाएं रखते हैं, लेकिन दुर्भगय है कि आज तक सूबे में बनी किसी सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. इन स्थलों पर बहुत कुछ करने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि इसके प्राकृतिक बनावट में कुछ छेड़छाड़ किए बिना केवल सुविधा बहाल कर दी जाए.

स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का अवसर

वहीं, स्थानीय युवक की मानें तो इन स्थानों का सही रूप से विकास किया जाए तो स्थानीय लोगों के लिए एक रोजगार का अवसर भी मिलेगा. बस जरूरत है कि सरकार थोड़ा ध्यान दें. वहीं, स्थानीय लोगों ने कहा कि जब बाहर से पर्यटक आएंगे तो यहां के लोगों को व्यवसाय का भी अवसर मिलेगा. अब तक सूबे में बनी सरकारों ने केवल झारखंड की खनिज संपदा को ही महत्व दिया और उसी में लगे रहे, जबकि यहां की प्राकृतिक सुंदरता अपने आप में काफी धनी है. अगर उस ओर सरकार ध्यान देते तो गुमला सहित झारखंड के कई जिले पूरी तरह से पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो जाता. जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार का अवसर तो मिलता ही साथ ही सरकार को राजस्व भी प्राप्त होगा.