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लोकसभा चुनाव

नीति आयोग की बैठक से दूरी बनाने वाले मुख्यमंत्रियों पर बाबूलाल मरांडी ने कसा तंज

बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट किया, 'आज नीति आयोग की बैठक हुई, लेकिन 8 राज्यों के मुख्यमंत्री इस बैठक से दूर रहे. नीति आयोग देश के विकास को मूर्तरूप देने वाला, अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने वाला और राज्यों की समस्याओं को सुनने और उनका समाधान करने वाला आयोग है.'

Updated on: 27 May 2023, 05:55 PM

highlights

  • नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुई कई सीएम
  • BJP ने बैठक में शामिल ना होने वाले मुख्यमंत्रियों पर बोला हमला
  • राम मंदिर के बहाने विपक्षियों पर भी बोला हमला

Ranchi:

नीति आयोग की बैठक से कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने दूरी बनाए रखी. अब इसे लेकर बीजेपी हमलावर हो चुकी है. झारखंड के पूर्व सीएम व बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने तंज कसा है. बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट किया, 'आज नीति आयोग की बैठक हुई, लेकिन 8 राज्यों के मुख्यमंत्री इस बैठक से दूर रहे. नीति आयोग देश के विकास को मूर्तरूप देने वाला, देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने वाला और राज्यों की समस्याओं को सुनने और उनका समाधान करने वाला आयोग है. कहा जाता है कि मजबूत राज्य ही मजबूत देश बनाते हैं. जो विपक्षी संविधान रक्षा की बात कर रहे हैं वे इस निंदनीय कृत्य पर क्या कहेंगे? क्या यह "सहकारी संघवाद" के विरुद्ध नहीं है? क्या यह नीति निर्माताओं द्वारा बनाई गई व्यवस्था को बिगाड़ना नहीं है? राजनीतिक लड़ाई की सज़ा अपने प्रदेश की जनता को क्यों दे रहे हैं? विरोध में किस स्तर तक गिरेंगे आप लोग?'

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एक अन्य ट्वीट में बाबूलाल मरांडी ने विपक्षी पार्टियों पर भगवान राम के बहाने हमला करते हुए कहा कि जो कभी श्री राम के मंदिर का विरोध करते थे. आज वो लोकतंत्र के मंदिर का विरोध कर रहे है. भाजपा ने राम का मंदिर भी बनाया और लोकतंत्र का मंदिर भी…जो “लोकतंत्र के प्रतीक” संसद के ख़िलाफ़ आज खड़े है, आने वाले समय में जनता उनके ख़िलाफ़ खड़ी होगी…लोकतंत्र में उनका अस्तित्व मिट जाएगा.

झारखंडियों में अविश्वास है

एक अन्य ट्वीट में झारखंड की हेमंत सरकार पर हमला करते हुए बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट किया, 'हर झारखंडवासी आज अविश्वास से भरा है.लोग सरकारी मशीनरी की तानाशाही और उनकी लूट की प्रवृत्ति से तंग आ गए हैं.जनता को कष्ट है कि हमारे झारखंड को बिचौलियों और दलालों के हाथों में गिरवी रख दिया गया है. "झारखंड में लूट सको तो लूट लो" कि प्रतियोगिता चल रही है.सरकार के संरक्षण में माफिया, अपराधी और पावर ब्रोकर राजस्व पर डकैती डाल रहे हैं. दुर्भाग्य यह है कि यह सब मुख्यमंत्री जी की निगरानी में हो रहा है.लेकिन, अब इस अति का अंत निकट है.लूट के इरादे - पूरा कर रहे वादे वाली सरकार का राजनीतिक पिंडदान होने जा रहा है. जनता के आशीर्वाद से भाजपा आएगी - नया विश्वास जगाएगी - झारखंड को आगे ले जाएगी. जय झारखंड.'