झारखंड में छात्र संगठनों को विपक्ष का मिला साथ, सरकार को दिया करार जवाब
नियोजन नीति के खिलाफ छात्र संगठनों ने 10 अप्रैल को झारखंड बंद का ऐलान किया है. इसके साथ ही 8 अप्रैल को सीएम आवास को घेरने का भी ऐलान किया गया है. जिसके बाद राज्य में राजनीति गर्माती नजर आ रही है. जहां पक्ष ये कह रही है कि छात्रों को रोजगार दिया जाएगा
highlights
- छात्र को आश्रय चाहिए होता है, चाहे वो जहां से भी मिले - राजेश कच्छप
- झारखंड की भावना को कुठाराघात नहीं होने देगें - राजेश कच्छप
- सरकार के पास नहीं है कोई विजन, ये विजन लेस सरकार है - अन्नपूर्णा देवी
Ranchi:
नियोजन नीति के खिलाफ छात्र संगठनों ने 10 अप्रैल को झारखंड बंद का ऐलान किया है. इसके साथ ही 8 अप्रैल को सीएम आवास को घेरने का भी ऐलान किया गया है. जिसके बाद राज्य में राजनीति गर्माती नजर आ रही है. जहां पक्ष ये कह रही है कि छात्रों को रोजगार दिया जाएगा तो दूसरी तरफ विपक्ष सरकार पर हमला कर रही है. छात्र संगठनों के बंद के ऐलान के बाद कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने विपक्ष पर छात्रों के इस्तेमाल का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि छात्र का मन कोमल होता है उनको आश्रय चाहिए होता है, चाहे वो जहां से भी मिले.
कांग्रेस ने कहा छात्रों को मिलेगा उनका हक
कांग्रेस विधायक ने कहा कि आज के तारीख में जिस तरह से विपक्ष ने ड्रामा किया है वो तो पूरा राज्य देख रहा है. उन्होंने कहा कि आप तो प्रायोजित कार्यक्रम करते हैं. आप डीजे पर मार करवाने वाले लोग हैं. हम लोग छात्रों को राजगार देगें पर झारखंड की भावना को कुठाराघात नहीं होने देगें. जिस प्रकार से देश में अव्यवस्था है, संवैधानिक संस्थाओं का कुठाराघात है, छात्र अगर राज्य हित में आंदोलन कर रहे हैं तो निश्चित तौर पर उनका सुझाव स्वागत योग्य है, लेकिन आपने अगर किसी की गलती को छुपाने के लिए प्री प्लान किया है तो ये गलत है. राज्य आपका है, राज्य में विचारों की लड़ाई है. जिस दिन आप थोपे हुए विचारों का अनुसरण करेगें आपका परिवार बर्बाद हो जाएगा. राज्य के छात्र ने कहा कि 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति लाओ हम लेकर आये, कोर्ट ने जब स्टे लगाया तो बीजेपी के एजेंट के रुप में लोग ने कोर्ट में पी आई एल दायर किया था. आप पढ़े लिखे वर्ग हैं आपकी मानसिकता राज्य हित में होनी चाहिए.
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राज्य सरकार के पास नहीं है कोई विजन
वहीं, दूसरी तरफ छात्र संगठनों के द्वारा नियोजन नीति के सवाल पर झारखंड बंद के ऐलान पर केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि इस राज्य सरकार के पास कोई विजन नहीं है, ये विजन लेस सरकार है. इस सरकार ने बनने से लेकर अब तक लोगों को उलझा कर रखा है. कोई नीति तब बनती है जब उसकी जगह दूसरी नीति बनती है, पर इस सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया, उनकी मंशा साफ नहीं है. ये चाहते हैं बेरोजगार ऐसे ही भटकते रहें उन्होंने कहा कि युवाओं के साथ हाल में ही जिस तरीके से इन्होंने लाठी डंडा से बात किया है. आने वाले दिनों में इनको इसका खामियाजा भुगतना होगा. ये सरकार नौजवानों के साथ खिलवाड़ कर रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण हैं. छात्र कई वर्षों से तैयारी कर रहे हैं कि उनको मौका मिलेगा लेकिन राज्य में तो अव्यवहारिक तरीके से सरकार चल रही है.
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