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PM Modi ने बनास डेयरी के नए प्लांट का किया उद्घाटन, कही ये बड़ी बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात (PM Modi in Gujarat) में बनास डेयरी के नए प्लांट का उद्घाटन किया. अब बाद शाम को वह वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) से जुड़े प्रोग्राम का भी हिस्सा बनेंगे.

Updated on: 19 Apr 2022, 01:42 PM

highlights

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया बनास डेयरी के नए प्लांट का लोकार्पण
  • बायो-सीएनजी प्लांट का भी लोकार्पण
  • गोबरधन के माध्यम से कई लक्ष्य हो रहे हासिल

 

बनासकांठा:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात (PM Modi in Gujarat) में बनास डेयरी के नए प्लांट का उद्घाटन किया. अब बाद शाम को वह वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) से जुड़े प्रोग्राम का भी हिस्सा बनेंगे. बनासकंठा में नया डेयरी परिसर और आलू प्रसंस्करण संयंत्र 600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित किया गया है. यह कार्यक्रम बनासकांठा के दियोदार में आयोजित हुआ. यहां पीएम मोदी ने आलू प्रोसेसिंग यूनिट का भी उद्घाटन किया.

बनास डेयरी संकुल महिलाओं के सशक्तिकरण का अहम उदाहरण

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में गांव की अर्थव्यवस्था को, माताओं-बहनों के सशक्तिकरण को कैसे बल दिया जा सकता है, Co-operative movement यानि सहकार कैसे आत्मनिर्भर भारत अभियान को ताकत दे सकता है, ये सबकुछ यहां प्रत्यक्ष अनुभव किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि बनास डेयरी संकुल, Cheese और Whey प्लांट, ये सभी तो डेयरी सेक्टर के विस्तार में अहम हैं ही, बनास डेयरी ने ये भी सिद्ध किया है कि स्थानीय किसानों की आय बढ़ाने के लिए दूसरे संसाधनों का भी उपयोग किया जा सकता है. आज यहां एक बायो-CNG प्लांट का लोकार्पण किया गया है और 4 गोबर गैस प्लांट्स का शिलान्यास हुआ है. ऐसे अनेक प्लांट्स बनास डेयरी देशभर में लगाने जा रही है. ये कचरे से कंचन के सरकार के अभियान को मदद करने वाला है.

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पीएम मोदी ने गिनाए गोबरधन के फायदे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गोबरधन के माध्यम से एक साथ कई लक्ष्य हासिल हो रहे हैं. एक तो इससे गांवों में स्वच्छता को बल मिल रहा है. दूसरा, इससे पशुपालकों को गोबर का भी पैसा मिल रहा है. तीसरा, गोबर से बायो-CNG और बिजली जैसे उत्पाद तैयार हो रहे हैं. चौथा, इस पूरी प्रक्रिया में जो जैविक खाद मिलती है, उससे किसानों को बहुत मदद मिल रही है. गुजरात आज सफलता की जिस ऊंचाई पर है, विकास की जिस ऊंचाई पर है वो हर गुजराती को गर्व से भर देता है. इसका अनुभव मैंने कल गांधीनगर के विद्या समीक्षा केंद्र में किया. गुजरात के बच्चों के भविष्य को, हमारी आने वाली पीढ़ियों को संवारने के लिए विद्या समीक्षा केंद्र एक ताकत बन रहा है.