logo-image

CAA के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए बंद किया गया था इंटरनेट, दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

इंटरनेट बंदी के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने मंगलवार को खारिज कर दिया.

Updated on: 24 Dec 2019, 02:48 PM

नई दिल्‍ली:

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के 19 दिसंबर को दिए आदेश के बाद राष्ट्रीय राजधानी (Delhi) के कुछ हिस्सों में दूरसंचार सेवाओं (INternet Services) को निलंबित कर दिया गया था. इस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने मंगलवार को खारिज कर दिया. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की अध्यक्षता में याचिका को खारिज करते हुए अदालत की एक खंडपीठ ने कहा, "हमें रिट याचिका का कोई कारण नजर नहीं आता है. 19 दिसंबर, 2019 को सुबह नौ बजे से अपराह्न् एक बजे तक चार घंटे के लिए सेवाएं रोक दी गई थीं. यह अस्थायी था और उक्त अवधि पहले ही खत्म हो चुकी है."

यह भी पढ़ें : दिल्‍ली में चुनाव से पहले क्‍या बीजेपी करेगी CBI का इस्‍तेमाल? केजरीवाल बोले- छिपाने को कुछ नहीं

अदालत ने कहा, "रिट याचिका न्यायालय की प्रमुख शक्ति है. हम अनुच्छेद 226 के तहत इस शक्ति का प्रयोग करने का कोई कारण नहीं देख पा रहे हैं."

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली के कुछ हिस्सों में वॉयस कॉल (Voice Call), एसएमएस (SMS) और इंटरनेट सेवाओं (Internet Sevices) को निलंबित करने के आदेश डीसीपी स्पेशल सेल प्रमोद सिंह कुशवाहा ने 18 दिसंबर को दिए थे.

यह भी पढ़ें : मोदी सरकार जल्‍द ही चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ की नियुक्‍ति करेगी, CDS चार्टर भी सामने आएगा

अदालत ने आगे कहा, "18 दिसंबर, 2019 को डीसीपी द्वारा दिए गए आदेश से यदि कोई व्यक्ति व्यथित हुआ, तो वह स्वयं अपनी रिट याचिका दायर कर सकता है और कानून के अनुसार समाधान खोज सकता है."