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सीलिंग पर दिल्ली विधानसभा में प्रस्ताव पारित, केंद्र से जल्द रोकने की मांग, भूख हड़ताल पर बैठेंगे CM

दिल्ली विधानसभा ने सीलिंग के मुद्दे पर शुक्रवार को एक स्वीकृत प्रस्ताव पारित करते हुए केंद्र सरकार से मांग की है कि राष्ट्रीय राजधानी में जल्द से जल्द इसे रोका जाय।

Updated on: 17 Mar 2018, 12:07 AM

highlights

  • प्रस्ताव में कहा गया कि सीलिंग अभियान ने व्यापारियों पर कहर बरपाया है
  • केजरीवाल ने कहा, 31 मार्च तक सीलिंग बंद नहीं हुई तो भूख हड़ताल पर बैठेंगे
  • संसद के मौजूदा बजट सत्र में नया विधेयक लाकर सभी यथासंभव कदम उठाने की मांग

नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा ने सीलिंग के मुद्दे पर शुक्रवार को एक स्वीकृत प्रस्ताव पारित करते हुए केंद्र सरकार से मांग की है कि राष्ट्रीय राजधानी में जल्द से जल्द इसे रोका जाय। विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में चल रहा सीलिंग ड्राइव व्यापारियों के ऊपर खतरनाक हमला है।

विधानसभा में पारित हुए प्रस्ताव में साफ लिखा है कि दिल्ली के विभिन्न बाजारों में चल रहे सीलिंग अभियान ने व्यापारियों पर कहर बरपाया है और हजारों श्रमिकों को बेरोजगार कर दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी कैबिनेट के मंत्री सहित सभी पार्टी के सदस्य इस मुद्दे के समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट के द्वारा गठित मॉनिटरिंग कमेटी से मुलाकात करेंगे।

केजरीवाल ने कहा, 'बाजार में यह अफवाह है कि सीलिंग के जरिये बाजार को बर्बाद कर केंद्र सरकार एफडीआई को लाना चाहती है। मैं इस सदन के जरिये दिल्ली के सातों सांसदों से अपील करता हूं कि वो सीलिंग का मुद्दा उठाए।'

अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'हमारे व्यापारी भूखे मर रहे हैं, हम उन्हें भूखे मरने नहीं देंगे। अगर 31 मार्च तक सीलिंग बंद नहीं हुई तो अपने व्यापारियों के साथ हम भी भूख हड़ताल पर बैठेंगे।'

आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली में व्यापारियों को सीलिंग की मार से राहत दिलाने हेतु इसे रोकने को लेकर विधानसभा में सफलतापूर्वक प्रस्ताव पारित हुआ।

उन्होंने कहा, 'इस सीलिंग को रोकने का सिर्फ एक ही उपाय है कि केंद्र सरकार अध्यादेश लाए और उसमें यह कहे कि कानून के हिसाब से खुद के दुकानों को रेगुलराइज करने के लिए इन सभी व्यापारियों को 2 से 3 साल का वक्त दिया जाता है।'

प्रस्ताव में कहा गया है कि यह सदन बेकसूर व्यापारियों और उनके परिवारों पर बल के प्रयोग और निर्दयता की कड़ी निंदा करता है और विभिन्न बाजारों में जारी सीलिंग को रोकने की मांग करता है।

विधानसभा में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि केंद्र सरकार को तत्काल प्रभाव से सीलिंग को रोकने के लिए संसद के मौजूदा बजट सत्र में नया विधेयक लाकर या मौजूदा कानूनों को संशोधित करके सभी यथासंभव कदम उठाने चाहिए।

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