स्कूलों में अंडा परोसने को लेकर सहमति नहीं बनने पर घरों में अंडा पहुंचाने का आदेश
राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने यहां बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग ने मंगलवार को जिला कलेक्टरों को मध्याह्न भोजन के मेन्यू के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया है.
नई दिल्ली:
छत्तीसगढ़ के स्कूलों में मध्याह्न भोजन में अंडा परोसने के फैसले का विरोध होने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने कलेक्टरों से कहा है कि यदि स्कूलों में अंडा मुहैया कराने को लेकर सहमति नहीं बनें, तो मांसाहारी बच्चों के घरों में अंडा पहुंचाने की कोशिश की जाए. राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने यहां बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग ने मंगलवार को जिला कलेक्टरों को मध्याह्न भोजन के मेन्यू के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया है. अधिकारियों ने बताया कि विभाग के जनवरी माह के एक पत्र में प्रोटीन और कैलोरी की पूर्ति के लिए छात्रों को मध्याह्न भोजन में सप्ताह में कम से कम दो दिन अण्डा, दूध या समतुल्य पोषक मूल्य का खाद्य पदार्थ दिए जाने का उल्लेख और सुझाव है. चूंकि शाकाहारी परिवार के बच्चे भी सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन करते हैं, इसलिए स्कूल शिक्षा विभाग ने कलेक्टरों को स्पष्टीकरण जारी किया है.
यह भी पढ़ें- मॉनसून सत्र खत्म होते ही छत्तीसगढ़ में मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगी कांग्रेस
उन्होंने बताया कि इस स्पष्टीकरण के तहत स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि स्कूली स्तर पर आगामी दो सप्ताह में शाला विकास समिति एवं अभिभावकों की बैठक आयोजित कराई जाए. इस बैठक में ऐसे छात्र-छात्राओं को चिह्नित किया जाए जो मध्याह्न भोजन में अण्डा ग्रहण नहीं करना चाहते हैं. मध्याह्न भोजन तैयार करने के बाद अलग से अंडे उबालने या पकाने की व्यवस्था की जाए. जिन छात्र-छात्राओं को चिह्नित किया गया है, उन्हें मध्याह्न भोजन के समय पृथक पंक्ति में बैठाकर भोजन परोसा जाए.
अधिकारियों ने बताया कि पत्र में कहा गया है कि जिन शालाओं में अण्डा वितरण किया जाना हो, वहां शाकाहारी छात्र-छात्राओं के लिए अन्य प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि सुगंधित सोया दूध, सुगंधित दूध, प्रोटीन क्रंच, फोर्टिफाइड बिस्किट, फोर्टिफाइड सोयाबड़ी, सोया मूंगफली चिकी, सोया पापड़, फोर्टिफाइड दाल इत्यादि विकल्प की व्यवस्था की जाए. पत्र में यह भी कहा गया है कि यदि बैठक में मध्याह्न भोजन में अण्डा परोसे जाने पर आम सहमति न बने, तो ऐसे स्कूलों में मध्याह्न भोजन के साथ अण्डा न दिया और विकास समिति अंडा घर में पहुंचाने की व्यवस्था करे.
यह भी पढ़ें- लड़की को फेसबुक पोस्ट करना पड़ा मंहगा, अदालत ने सुनाया हैरान कर देने वाला फैसला
छत्तीसगढ़ में स्कूलों में मध्याह्न भोजन के दौरान बच्चों को अंडा मुहैया कराने के फैसले का विरोध शुरू हो गया है. राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ :जे: के विधायकों ने इस मामले को विधानसभा में उठाया था और सरकार पर आरोप लगाया था कि संत कबीर के अनुयायियों के विरोध के बाद भी सरकार ने यह फैसला किया है. कांग्रेस का कहना है कि राज्य के बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए यह फैसला लिया गया है.
यह वीडियो देखें-
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
-
Arti Singh Wedding: आरती की शादी में पहुंचे गोविंदा, मामा के आने पर भावुक हुए कृष्णा अभिषेक, कही ये बातें
-
Lok Sabha Election 2024: एक्ट्रेस नेहा शर्मा ने बिहार में दिया अपना मतदान, पिता के लिए जनता से मांगा वोट
धर्म-कर्म
-
Vaishakh month 2024 Festivals: शुरू हो गया है वैशाख माह 2024, जानें मई के महीने में आने वाले व्रत त्योहार
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर बनेगा गजकेसरी योग, देवी लक्ष्मी इन राशियों पर बरसाएंगी अपनी कृपा
-
Pseudoscience: आभा पढ़ने की विद्या क्या है, देखते ही बता देते हैं उसका अच्छा और बुरा वक्त
-
Eye Twitching: अगर आंख का ये हिस्सा फड़क रहा है तो जरूर मिलेगा आर्थिक लाभ