अपने पिता अजीत जोगी को याद करते हुए अमित जोगी ने लिखा भावुक खत
किसी भी तरह की चिंता होने पर सुकून पाने के लिए बच्चा मां की गोद और पिता के हाथ को खोजता है, जिसे मजबूती से पकड़ कर वो हर समस्या से मुक्त महसूस करता है. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी ने एक ऐसा ही भावनात्मक भरा खत लिखा है,
नई दिल्ली:
इस दुनिया में बच्चों का और माता-पिता का रिश्ता सबसे सर्वश्रेष्ठ और अनोखा होता है, जहं प्यार पूरी तरह निश्छल, निस्वार्थ होता है. बच्चा कितना भी बड़ा क्यों न हो जाए वो हमेशा अपने मां-बाप के वात्सल्य में जीना चाहता है. किसी भी तरह की चिंता होने पर सुकून पाने के लिए बच्चा मां की गोद और पिता के हाथ को खोजता है, जिसे मजबूती से पकड़ कर वो हर समस्या से मुक्त महसूस करता है. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी ने एक ऐसा ही भावनात्मक भरा खत लिखा है, जिसे पढ़कर हर कोई भावुक हो जाएगा.
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अमिता जोगी ने अपने पिता को याद करते हुए एक चिट्टी लिखी है, जिसे उन्होंने फेसबुक पर शेयर किया है, अमित जोगी ने लिखा, 'पापा मुझे बहुत कुछ दे गए और कुछ ले भी गए. पापा हमेशा कहते थे, "जो अपने क्रोध को पीता है, वही दूसरों के दिल में जीता है". वो हमेशा कहते थे, देखना "जब मैं ईश्वर के पास जाऊँगा तो अपने साथ तुम्हारे क्रोध को भी संग ले जाऊँगा". पापा नहीं रहे, लेकिन उनके इन शब्दों ने मुझे अंदर तक आत्मचिंतन और आत्मशुद्धि के लिए प्रेरित किया है. मैं प्रण लेता हूँ कि जो कुछ वो मुझ में नहीं चाहते थे, उसे मैं आज त्यागता हूँ. मुझे, मेरे अंदर के इस भयंकर अवगुण को सार्वजनिक रूप से स्वीकारने और उसे त्यागने में गर्व है. अपने जीवन काल में, मैं उन सभी लोगों से हॄदय से, हाथ जोड़कर, क्षमायाचना करता हूँ जिन्हें मैंने अपने क्रोध से जाने-अनजाने दुखी किया हो. हो सके तो मुझे क्षमा कीजियेगा और प्रायश्चित करने का एक अवसर दीजिएगा. मैं आज आपके प्यार और सहयोग के बल पर यह संकल्प लेता हूँ कि चाहे कितनी भी विषम परिस्थितियाँ मेरे जीवन में आये, मैं पापा की तरह क्रोध को कभी अपने ऊपर हावी नहीं होने दूँगा. पापा की इच्छा पूरी करूँगा.'
बता दें कि विभाजित मध्यप्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहने के बाद राजनीति के क्षेत्र में आकर छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री होने का गौरव पाने वाले अजीत जोगी का 29 मई को रायपुर के एक अस्पताल में निधन हो गया था. आदिवासी बहुल राज्य में जोगी एक बहुत बड़ा नाम था. उन्होंने एक गरीब आदिवासी से खनिज-समृद्ध राज्य के पहले मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया.
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अप्रैल 2004 में लोकसभा चुनाव के दौरान एक भीषण सड़क दुर्घटना के बाद जोगी व्हीलचेयर पर आ गए थे. राजनीति में आने से पहले वह एक शानदार भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी भी रहे. इसके बाद उन्होंने एक उत्कृष्ट राजनेता के तौर पर अपनी छाप छोड़ी. उनके दोस्तों और विरोधियों दोनों का ही यह कहना रहा है कि वह एक दुर्लभ इच्छा शक्ति वाले व्यक्तित्व थे.
जोगी का जन्म 29 अप्रैल, 1946 को जोगीसर (छत्तीसगढ़ में मरवाही विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत) गांव में एक गरीब परिवार में हुआ था. उन्होंने तमाम संघर्षों का सामना करते हुए 1970 में आईएएस की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया. उन्होंने मध्य प्रदेश में कलेक्टर के रूप में कार्य किया. वह गांधी परिवार की सलाह पर 1986 में राजनीति में आ गए.
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