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बिहार में 'काली' हो रही दाल, अचानक बढ़े दाम, चिंता में सरकार!

बिहार में दाल के दामों में अचानक उछाल आ गई है. आखिर दाल के भाव क्यों बढ़ रहे है इसके पीछे की कहानी सरकार को भी नहीं मालूम है.

Updated on: 01 Jun 2023, 06:05 PM

highlights

  • बिहार में अचानक आई दाल की कीमतों में उछाल
  • केंद्र सरकार ने चिट्ठी लिखकर किया आगाह
  • बिहार सरकार भी हरकत में आई, जिलाधिकारियों को दिया निर्देश
  • अवैध तरीके से भंडारण करनेवालों पर नकेल कसने का दिया निर्देश

Patna:

बिहार में दाल के दामों में अचानक उछाल आ गई है. आखिर दाल के भाव क्यों बढ़ रहे है इसके पीछे की कहानी सरकार को भी नहीं मालूम है. एक तरफ राज्य सरकार दाल के बढ़ते दामों को लेकर चिंतित है तो वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने भी चिट्ठी लिखकर बिहार सरकार को दाल की आपूर्ति के प्रति आगाह किया है. बिहार सरकार को ये चिंता है कि दाल के थोक व्यापारी दाल भंडारित कर कृत्रिम कमी की समस्या पैदा कर रहे है. अब इस मामले को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने गंभीरता से लिया है.

एक्शन में बिहार सरकार

विभाग द्वारा राज्य के सभी जिलाधिकारियों को जांच करने और कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. दाल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए विभाग ने सभी डीएम को भेजे पत्र में कहा है कि आमजन को आवश्यक वस्तु अधिनियम अंतर्गत आने वाले वस्तुओं को उचित मूल्य पर उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जाए. इसके लिए जरूरी है कि दाल की कीमतों में अचानक उछाल की जांच की जाये और इसके भंडारण का सत्यापन कराया जाये. वहीं, जानकारों का कहना है कि किसी भी चीज के थोक विक्रेता के जरिए ही माल को भंडारित कर एक साजिश के तहत कृत्रिम कमी की अफवाह फैलाई जाती है. खुलासा तब होता है जब थोक कारोबारियों के गोदामों पर छापेमारी की जाती है और वहां से भारी मात्रा में राशन बरामद किए जाते हैं. पहले भी ऐसा हो चुका है.

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विशेष सचिव ने जिलाधिकारियों को लिखा पत्र

बता दें कि संजय कुमार उपाध्याय, विशेष सचिव, आपूर्ति विभाग द्वारा केंद्र सरकार के पत्र के हवाले से जानकारी दी है. उनके द्वारा निर्देश जारी किया गया है कि हर थोक विक्रेता, दाल के मिलर और व्यापारी को भंडारित दाल के भंडार का दुकान/व्यापार स्थल पर बोर्ड पर भंडार और कीमतों को प्रदर्शित करना अति अनिवार्य है. अगर किसी कारोबारी के द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है तो उसके खिलाफ संबंधित अधिकारी कार्रवाई करेगा. हालांकि, कार्रवाई से पहले अधिकारी को डीएम से परमिशन लेना होगा. अगर डीएम द्वारा अभियोजन की स्वीकृत दी जाती है तो ही संबंधित के खिलाफ कार्रवाई हो पाएगी. 

क्या लिखा है चिट्ठी में?


संजय कुमार द्वारा जिलाधिकारियों को भेजी गई चिट्ठी में लिखा गया है, 'आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत सर्वसाधारण जन को आवश्यक वस्तु अधिनियम अंतर्गत आनेवाले वस्तुओं को उचित मूल्य पर उपलब्ध कराया जाना है. इस संदर्भ में उल्लेखनीय है कि हाल ही के दिनों में दाल के मूल्य में अचानक वृद्धि देखी गई है. इसी  क्रम में भारत सरकार के पत्र संख्या-S-10/03/2019- ECR&E दिनांक 14.05.2021 के माध्यम से  आवश्यक वस्तु अधिनियम के कतिपय भाग का उल्लेख करते हुए दाल के मिलर्स, व्यापारियों, स्टॉकिस्ट एवं आयातकों (Importers) के पास भंडारित दाल के भंडार प्रकटीकरण एवं दाल के मूल्य के नियंत्रण करने हेतु निदेशित किया गया है. साथ ही "Bihar Essential Article (Display of Prices and Stocks) order, 1977, (Re-published in 1986 )" के धारा 03 के तहत प्रत्येक विक्रेता को आदेश की अनुसूची 01 में वर्णित वस्तुओं का मूल्य एवं भण्डार की मात्रा व्यापार करने से पूर्व प्रदर्शनी पट्टीका (Display Board) के माध्यम से अंकित कर प्रत्येक दिन दिखाया /प्रकट किया जाना निदेशित है एवं इसका उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा - 07 अन्तर्गत प्राधिकृत पदाधिकारियों द्वारा कार्रवाई करने का प्रावधान है, परन्तु कार्रवाई करने के पूर्व "Bihar Essential Article (Display of Prices and Stocks) order, 1977. (Re-published in 1986)" के धारा-06 के तहत संबंधित जिला पदाधिकारी / विशिष्ट पदाधिकारी, अनुभाजन / अनुमंडल पदाधिकारी से अभियोजन की स्वीकृति प्राप्त करना आवश्यक है. इस संदर्भ में उल्लेखनीय है कि स्टॉक होल्डर्स के पास भंडारित दाल के भंडार जिसका प्रकटीकरण (stock disclosure) हेतु भारत सरकार द्वारा एक वेब पोर्टल बनाया गया URL:https://fcainfoweb.nic.in/psp है. अंकित पोर्टल पर सभी दाल से संबंधित व्यापारियों एवं मिलरों का सर्वप्रथम निबंधन करना है, तदोपरान्त स्टॉक की मात्रा तथा संबंधित सूचना अंकित की जानी है. अतः अनुरोध है कि अविलम्ब दाल के भण्डार प्रकटीकरण (stock disclosure) के संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जाए, साथ ही सभी जिलों में जिन दाल के व्यापारियों, मिलरों, आयातकों एवं स्टॉकिस्ट के द्वारा अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया है, का अविलम्ब रजिस्ट्रेशन कराने हेतु प्रशासनिक स्तर पर अभियान चलाया जाए. साथ ही भण्डार प्रकटीकरण (stock disclosure), सत्यापन एवं दाल के मूल्य की निगरानी भी अनिवार्य रूप से कराया जाए.'