logo-image
लोकसभा चुनाव

लालू यादव के साले को भेजा गया जेल, जमानत अर्जी खारिज, बढ़ी मुश्किलें

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साले और पूर्व सांसद सुभाष यादव के लिए बुरी खबर है. सुभाष यादव को अब जेल में ही रहना पड़ेगा.

Updated on: 16 Feb 2024, 02:41 PM

highlights

  • लालू यादव के साले को भेजा गया जेल
  • जमानत याचिक हुई खारिज
  • नीतीश के कहने पर दर्ज हुआ था FIR

Patna:

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साले और पूर्व सांसद सुभाष यादव के लिए बुरी खबर है. सुभाष यादव को अब जेल में ही रहना पड़ेगा. बता दें कि एमपी\एमएलए के विशेष कोर्ट की न्यायिक दंडाधिकारी सारिका बहालिया ने गुरुवार को सुनवाई की और सुनवाई करते हुए उनकी नियमित जमानत अर्जी को खारिज कर दिया. बता दें कि उनकी जमानत अर्जी पर अभियोजन पदाधिकारी उमेश प्रसाद ने विरोध किया. आपको बता दें कि जमीन खरीद-बिक्री मामले में रंगदारी, धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में पूर्व सांसद सुभाष यादव ने मंगलवार को पटना सिविल कोर्ट स्थित एमपी एमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था.

यह भी पढ़ें- लालू यादव ने नीतीश कुमार को दिया ऑफर, कहा- आरजेडी का दरवाजा है खुला

लालू यादव के साले को भेजा गया जेल 

जिसके बाद विशेष कोर्ट ने आरोपित पूर्व सांसद को न्यायिक हिरासत में लेते हुए उन्हें 26 फरवरी तक के लिए बेउर जेल भेज दिया था. जिसके बाद उनकी अग्रिम जमानत अर्जी पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में खारिज कर दिया गया था. यह मामला पटना के बिहटा थाने में साल 2023 में दर्ज किया गया था, जिसकी जांच बिहटा पुलिस कर रही है. इससे पहले सुभाष यादव ने मंगलवार को पटना की एमएपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में सरेंडर किया था. सुभाष यादव के घर पुलिस बुलडोजर लेकर पहुंच गई और कुर्की जब्ती के डर से उन्होंने सरेंडर कर दिया. अदालत ने पहले ही सुभाष यादव को भगोड़ा घोषित किया हुआ था और साथ ही उनकी संपत्ति को कुर्क करने का आदेश भी दिया था.

नीतीश के कहने पर दर्ज हुआ था FIR

बता दें कि लालू यादव के साले सुभाष के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक उन्होंने पीड़ित भीम वर्मा की मां से अपनी पत्नी के नाम पर 7 कट्टा जमीन 96 लाख में खरीदा था. जिसके बाद 27 फरवरी, 2021 को भीम यादव पर 60 लाख रुपये वापस करने का दवाब बनाया जा रहा था. जिसकी वजह से पूर्व सांसद ने उनकी मां और भाई को अपने घर में बंधक बना लिया और पैसा वापस करने की धमकी दी. जब 6 जून, 2022 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में यह मामला पहुंचा तो सीएम के कहने पर सुभाष यादव के समेत कई लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया.