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सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या पर आनंद मोहन का बयान, कहा- मौत के बदले मौत

बिहार के पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन हमेशा चर्चा में बने रहते हैं. गुरुवार को आनंद मोहन अपने सहरसा जिले के पंचगछिया गांव पहुंचे.

Updated on: 08 Dec 2023, 05:33 PM

highlights

  • आनंद मोहन का बड़ा बयान
  • कहा- मौत के बदले मौत की डिमांड
  • शेर की हत्या कर किया शहीद

Saharsa:

बिहार के पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन हमेशा चर्चा में बने रहते हैं. गुरुवार को आनंद मोहन अपने सहरसा जिले के पंचगछिया गांव पहुंचे. दरअसल, यहां आनंद मोहन अपनी भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए आए हैं. इस दौरान उन्होंने मीडिया से भी बातचीत की और राजपूत के करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या पर प्रतिक्रिया दी और राजस्थान सरकार पर जमकर निशाना साधा. इतना ही नहीं आक्रामक होते हुए आनंद मोहन ने कहा कि मौत के बदले मौत होनी चाहिए सिर्फ मौत. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिस तरह से कायरना हत्या की गई, उसकी मैं निंदा करता हूं. सुखदेव सिंह गोगामेड़ी एक शेर दिल इंसान थे. वो मर्द थे और मर्द की मौत पर मातम नहीं मनाया जाता है, जिस तरह से उनकी हत्या की गई, यह कायरों की निशानी है. धोखे से एक शेर की हत्या कर उसे शहीद कर दिया गया.

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मौत के बदले मौत की डिमांड

आगे मीडिया से बात करते हुए आनंद मोहन ने कहा कि सुखदेव सिंह ना कोई भूमाफिया थे, ना कोई बिल्डर थे और ना ही उनकी संलिप्तता किसी आपराधिक घटना में थी. वो शुद्ध रूप से राजपूत समाज के बड़े नेता थे और कद्दावर नेता थे. उनकी हत्या धोखे से की गई है. साथ ही गुप्तचर एजेंसियों को इसकी जानकारी थी, चाहे वोराज्य सरकार की हो या फिर केंद्र सरकार की हो. उनकी हत्या के लिए एके 47 खरीदे गए थे और उनकी हत्या के लिए कई बड़े गैंग को सुपारी भी दी गई थी. सारी जानकारी मिलने के बाद भी एक व्यक्ति की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई. इसमें कहीं ना कहीं राजनीतिक कनेक्शन है.

सरकार जल्द से जल्द करें कार्रवाई

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एक सरकार के जाने और दूसरे सरकार के आने का समय को चुना गया, ये किसी शातिर दिमाग की ही उपज हो सकती है. जो कुछ भी राजस्थान में घटा, उसकी सिर्फ निंदा नहीं कर सकते और ना ही इस पर सिर्फ मातम मनाया जा सकता है. हम राजपूत समाज के लोग यह चाहते हैं कि मौत के बदले मौत हो. सरकार को यह देखना चाहिए कि जिस तरह से धोखे से घर में घुसकर उनकी हत्या की गई, ये एक नपुंसकता कार्रवाई है और इस पर सरकार को जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए. यह एक क्षत्रिय का बलिदान है और हम क्षत्रिय दूसरों के लिए जीते हैं और मरते हैं.