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पूजा कादियान ने रचा इतिहास, वर्ल्ड वुशू चैम्पियनशिप में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय

रूस के कजान में हुए चैम्पियनशिप में भारतीय दल के चार अन्य सदस्य रमेशचंद्र सिंह मोइरंगथेम, भानू प्रताप सिंह, राजिंद्र सिंह और अनुपमा देवी किशाम ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया।

Updated on: 05 Oct 2017, 03:28 AM

highlights

  • चीनी मार्शल आर्ट्स और कुंग-फू का मिलाजुला रूप वुशू
  • रूस में हुए वर्ल्ड चैम्पियनशिप में पूजा ने जीता स्वर्ण पदक
  • पूजा से पहले किसी भारतीय ने नहीं जीता वुशू वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गोल्ड

नई दिल्ली:

पूजा कादियान वुशू वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय बन गई हैं। हरियाणा की कादियान ने बुधवार को महिलाओं के 75 किलोग्राम के सैंडा वर्ग के फाइनल में इवजेनिया स्टेपानोवा को मात देकर यह मेडल जीता।

रूस के कजान में हुए चैम्पियनशिप में भारतीय दल के चार अन्य सदस्य रमेशचंद्र सिंह मोइरंगथेम, भानू प्रताप सिंह, राजिंद्र सिंह और अनुपमा देवी किशाम ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया।

कादियान ने सेमीफाइनल में मिस्र की हेबा अबदेल्कादेर को 2-0 से हराकर फाइनल का रास्ता तय किया था।

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क्या है वुशू वर्ल्ड चैम्पियनशिप

वुशू दुनिया के बहुत प्रचलित खेलों में शुमार नहीं है। दरअसल, यह खेल चीनी मार्शल आर्ट्स और कुंग-फू का मिलाजुला रूप है। जाहिर है, इस खेल में चीन का दबदबा ज्यादा है।

पूरी दुनिया में इस खेल का संचालन अंतर्राष्ट्रीय वुशू फेडरेशन करती है। वुशू वर्ल्ड चैम्पियनशिप हर दो साल में आयोजित होता है। इसे पहली बार बीजिंग में 1991 में आयोजित किया गया था।

इस खेल के दो प्रारूप है- टूलू और सैंडा। खिलाड़ियों को उनके मार्शल आर्ट पैटर्न और इस खेल के तहत निर्धारित नियमों के हिसाब से अंक दिए जाते हैं।

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