जब पहली बार मिले सचिन तेंदुलकर और एमएस धोनी, जानिए फिर क्या हुआ
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का आज जन्मदिन है. सचिन तेंदुलकर जैसा बल्लेबाज भारत में अब तक नहीं हुआ. सचिन तेंदुलकर ने लंबे अर्से तक क्रिकेट की सेवा की और जब सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट से संन्यास लिया तो सभी की आंखें नम थीं.
New Delhi:
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का आज जन्मदिन है. सचिन तेंदुलकर जैसा बल्लेबाज भारत में अब तक नहीं हुआ. सचिन तेंदुलकर ने लंबे अर्से तक क्रिकेट की सेवा की और जब सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट से संन्यास लिया तो सभी की आंखें नम थीं. आज सचिन तेंदुलकर जन्मदिन है, लेकिन कोरोना वायरस के कारण उन्होंने अपना जन्मदिन मनाने से इन्कार कर दिया है. सचिन तेंदुलकर के संन्यास लेने के बाद अगर भारतीय क्रिकेट में किसी बल्लेबाज ने क्रिकेट फैंस के दिलों पर राज किया है, तो वह बल्लेबाज हैं टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी. महेंद्र सिंह की लोकप्रियता भी किसी भी मायने में सचिन तेंदुलकर से कम नहीं है. सचिन तेंदुलकर और एमएस धोनी ने लंबे अर्से तक साथ साथ क्रिकेट खेला है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सचिन तेंदुलकर और एमएस धोनी की पहली मुलाकात कब हुई थी. अगर आपको नहीं पता तो आज हम आपको यह पूरा किस्सा बताते हैं.
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एमएस धोनी और सचिन तेंदुलकर की पहली मुलाकात साल 2001-02 में हुई थी. तब दिलीप ट्रॉफी का एक मैच पुणे में खेला जा रहा था. तब एमएस धोनी पूर्व क्षेत्र की टीम के लिए खेल रहे थे और धोनी का काम यह था कि अगर कोई खिलाड़ी मैदान पर पानी मंगाता है तो उसे पानी पिलाने के लिए धोनी मैदान में जाएंगे. सचिन तेंदुलकर जब कुल 199 के स्कोर पर खेल रहे थे, तभी सचिन ने पारी मंगाया, धोनी पानी लेकर मैदान में पहुंच गए और सचिन के करीब जाकर खड़े हो गए. धोनी उस वक्त कुछ कहना चाहते थे, लेकिन धोनी की कुछ कहने की हिम्मत ही नहीं पड़ी. धोनी कुछ भी बोल नहीं पाए. पानी पिलाने के बाद वे वापस आ गए, लेकिन कुछ भी कह नहीं पाए. यह बात धोनी ने खुद ही एक इंटरव्यू के दौरान बताई थी. तो ऐसी थी सचिन और धोनी की पहली मुलाकात, लेकिन दोनों के बीच कोई बात नहीं हो पाई.
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आपको बता दें कि सचिन तेंदुलकर ने वन डे क्रिकेट के इतिहास में जब पहली बार दोहरा शतक जड़ा था, तब भी दूसरे छोर पर एमएस धोनी खड़े हुए थे. यानी जब सचिन तेंदुलकर इतिहास रच रहे थे, उस वक्त उनके सबसे करीब धोनी ही थे. साल 2011 से पहले सचिन ने कई बार अपने इंटरव्यू में यह बात कही थी कि उनका एक सपना अभी तक पूरा नहीं हो पाया और वह है वन डे विश्व कप जीतना, लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाया था. इसके बाद जब साल 2011 अप्रैल में भारत ने दूसरी बार विश्व कप जीता तो टीम इंडिया के कप्तान एमएस धोनी ही थे. यानी जो सपना सचिन का अधूरा रह रहा था, उसे धोनी ने ही पूरा किया था. सचिन और एमएस धोनी की जोड़ी ने मिलकर भारत को कई मैच जिताए हैं.
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