जानें अपने अधिकार: यात्रियों को बेहतर सुविधा और सुरक्षा देना रेलवे की ज़िम्मेदारी
रेलवे आपको किसी भी शिकायत की सुनवाई, स्टेशन पर पीने के पानी और शौचालय, विश्राम गृह, रिज़र्वेशन चार्ट, टिकट पर यात्रा का वर्णन, जैसी सुविधाओं से वंचित नहीं कर सकता है।
highlights
- भारतीय रेलवे की ज़िम्मेदारी है कि वो हर यात्री को सुरक्षित यात्रा कराए और उनकी सुविधाओं का ख़्याल रखे
- आप ऑनलाइन टिकट बुक करने पर मात्र 92 पैसे ख़र्च कर 10 लाख रुपये तक की यात्रा बीमा सुनिश्चित कर सकते हैं
नई दिल्ली:
ट्रेन में सफ़र करने वाले यात्री आए दिन किसी न किसी समस्या से जूझते रहते हैं। ख़ासतौर पर तब, जब वो भारतीय रेलवे के द्वारा मिल रही कई सुविधाओं और अपने अधिकारों से अनजान रहते हैं।भारतीय रेलवे की ज़िम्मेदारी है कि वो हर यात्री को सुरक्षित यात्रा कराए और उनकी सुविधाओं का ख़्याल रखे। रेलवे अधिनियम-1989 में यात्रियों की सुविधाओं और उनकी ट्रेन यात्रा में हुए नुकसान के हर्जाने का वर्णन किया गया है।हर स्टेशन और ट्रेन में प्राथमिक उपचार की व्यवस्था होती है। किसी भी तरह की स्वास्थ्य परेशानी होने पर आप टीटीई या किसी रेलवे स्टाफ़ की मदद ले सकते हैं।अगर यात्रा के दौरान आपकी तबियत ज़्यादा बिगड़ी हो, तो अगले स्टेशन पर डॉक्टर और एम्बुलेंस की व्यवस्था रेलवे को करवानी होगी।
जानें रेलयात्री के तौर पर अपने अधिकार...
- आपके कन्फ़र्म टिकट पर आपके परिवार के सदस्य (ब्लड रिलेटिव) भी सफ़र कर सकते हैं, बशर्ते 24 घंटे पहले आपने मुख्य आरक्षित अधिकारी से टिकट ट्रांसफ़र का रिक्वेस्ट किया हो।
- 60 साल से अधिक उम्र के पुरुषों को टिकट बुक कराने पर 40% और 58 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को 50% की छूट दी जाती है। इसके लिए यात्री को ट्रेन में वैध प्रमाण पत्र दिखाना होता है।
- आप ऑनलाइन टिकट बुक करने पर मात्र 92 पैसे ख़र्च कर 10 लाख रुपये तक की यात्रा बीमा सुनिश्चित कर सकते हैं।
- हर पैसेंजर ट्रेन में महिलाओं के लिए एक बोगी आरक्षित होती है, जिसमें पुरुषों का यात्रा करना दंडनीय है। सिर्फ़ 12 साल से कम उम्र के बच्चे अपने रिश्तेदारों के साथ यात्रा कर सकते हैं।
- अगर आप एसी कोच में यात्रा कर रहे हैं और एसी ख़राब है, तो आप टिकट की राशि पर रिफ़ंड का क्लेम कर सकते हैं।
इसके अलावा रेलवे आपको किसी भी शिकायत की सुनवाई, स्टेशन पर पीने के पानी और शौचालय, विश्राम गृह, रिज़र्वेशन चार्ट, टिकट पर यात्रा का वर्णन, जैसी सुविधाओं से वंचित नहीं कर सकता है।
इसके अभाव में आप रेलवे स्टेशन प्रमुख से शिकायत कर सकते हैं। मामले का निपटारा नहीं होने पर ज़ोनल अधिकारी या रेलवे मंत्रालय से शिकायत किया जा सकता है। हाल में भारतीय रेलवे ने ट्विटर सेल के ज़रिए भी कई यात्रियों को मदद पहुंचाया है।
और भी पढ़ें: जानें अपने अधिकार: पीएम और प्रेसिडेंट ऑफिस भी हैं 'सूचना का अधिकार' कानून के दायरे में
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