क्या सच में हो जाएगी इमरान खान की हत्या? क्यों 'जल रहा है' पाकिस्तान... समझें पूरी सियासत
बीते कुछ सप्ताहों में यह दूसरी बार है जब पुलिस को राजधानी इस्लामाबाद से पूर्वी शहर लाहौर में खान के घर पर गिरफ्तारी वारंट तामील करने के लिए भेजा गया. वह सुरक्षा चिंताओं का हवाला दे भ्रष्टाचार के एक मामले में कई अदालती तारीखों पर हाजिर नहीं हुए थे.
highlights
- इमरान खान के खिलाफ रद्द नहीं हुआ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट
- इसके बाद से पीटीआई समर्थकों और पुलिस का संघर्ष हुआ तेज
- अपनी हत्या की साजिश रचे जाने का लगातार आरोप लगा रहे हैं खान
इस्लामाबाद:
इस्लामाबाद की जिला अदालत ने गुरुवार को पाकिस्तान के पूर्व वजीर-ए-आजम इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट को रद्द करने से इंकार कर दिया है. इसके साथ ही सत्तारूढ़ शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार और इमरान खान के बीच राजनीतिक वर्चस्व की जंग और तेज हो गई है. इस बीच पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों की रात भर पुलिस से बार-बार झड़प हुई, क्योंकि नियाजी खान अपनी गिरफ्तारी के प्रयासों को धता बताते हुए बुधवार तड़के से अपने लाहौर (Lahore) स्थित आवास में छिपे हैं. इमरान खान को पिछले साल अविश्वास मत से पद से हटा दिया गया था. उसके बाद से वह कानूनी मामलों की एक श्रृंखला में फंसे हुए हैं. वह समय से पहले चुनाव और सत्ता में वापसी के लिए प्रयासरत हैं और इसके लिए दबाव की राजनीति कर रहे हैं. पुलिस की रात भर उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के समर्थकों के साथ ज़मान पार्क आवास के पास संघर्ष चलता रहा. गुस्साई भीड़ द्वारा पत्थरबाजी पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. खान ने भोर से कुछ देर पहले एक वीडियो जारी किया. इसमें वह आंसूगैस के कनस्तरों से सजाए गए डेस्क पर पाकिस्तान और पीटीआई के झंडे के सामने बैठे हुए हैं. उन्होंने कहा, 'मैं आज पूरे देश को बता रहा हूं कि वे एक बार फिर तैयार हैं, वे फिर से आने वाले हैं. वे हमारे लोगों पर गैस के गोले छोड़ेंगे और इस तरह के अन्य काम करेंगे, लेकिन आपको पता होना चाहिए कि उनके पास ऐसा करने का कोई तर्कसंगत स्पष्टीकरण नहीं है.'
इमरान खान को आखिर पुलिस क्यों चाहती है गिरफ्तार करना
बीते कुछ सप्ताहों में यह दूसरी बार है जब पुलिस को राजधानी इस्लामाबाद से पूर्वी शहर लाहौर में खान के घर पर गिरफ्तारी वारंट तामील करने के लिए भेजा गया. वह सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए भ्रष्टाचार के एक मामले में कई अदालती तारीखों पर हाजिर नहीं हुए थे. इस्लामाबाद पुलिस के उप महानिरीक्षक सैयद शहजाद नदीम बुखारी ने खान के आवास के बाहर संवाददाताओं से कहा, 'हम यहां मूल रूप से वारंट तामील कराने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए आए हैं.' हालांकि पुलिस अधिकारियों का सामना खान के लाहौर स्थित घर के बाहर लाल और हरे पीटीआई के झंडों में लिपटे हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से हुआ. हाथों में डंडे लिए पीटीआई समर्थकों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. यह देख पुलिस को उन पर पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले दागने पड़े. इसके बावजूद वे खान के घर की ओर जाने का रास्ता साफ करने में सफल नहीं हो सके. इसके लिए पुलिस कर्मियों ने अपने हाथों में 70 वर्षीय विपक्षी नेता की गिरफ्तारी वारंट लिखे पोस्टर लिए हुए थे. पीटीआई के उप नेता शाह महमूद कुरैशी ने संवाददाताओं से कहा कि हम शांतिपूर्ण रहना चाहते हैं. कुरैशी ने जोर देकर कहा कि पुलिस को उन्हें गिरफ्तारी वारंट देना चाहिए और वह 'रक्तपात से बचने के लिए समाधान खोजने' की कोशिश करेंगे.
यह भी पढ़ेंः आतंक फैलाने वाला पाकिस्तान अब खुद बना आतंकवाद का सबसे बड़ा शिकार
इमरान खान के खिलाफ आखिर भ्रष्टाचार का मामला है क्या
इमरान खान को उन आरोपों का जवाब देने के लिए अदालती नोटिस तामील किया गया है कि उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में प्राप्त उपहारों या उन्हें बेचने से प्राप्त लाभ की घोषणा नहीं की. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान पर तोशाखाना नामक सरकारी डिपॉजिटरी से रियायती मूल्य पर प्रधानमंत्री के रूप में प्राप्त एक महंगी ग्रैफ कलाई घड़ी सहित उपहार खरीदने और लाभ के लिए उन्हें बेचने का आरोप है. अगस्त 2022 में तोशखाना विवाद फिर से सतह पर आ गया था, जब पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने इमरान खान के खिलाफ मामला दायर किया. इसमें आरोप लगाया गया कि वह तोशाखाना को दिए गए उपहारों के बारे में जानकारी का खुलासा करने में विफल रहे. साथ ही तोशखाना के कुछ उपहारों की 'अवैध' बिक्री से हुई आमदनी को भी उन्होंने सार्वजनिक नहीं किया. तोशाखाना 1974 में स्थापित किया गया था और इसके नियमों के अनुसार सत्तारूढ़ नेताओं के लिए प्राप्त उपहारों और ऐसी अन्य सामग्रियों की घोषणा करना अनिवार्य है. हालांकि जब इमरान खान 2018 में सत्ता में आए, तो उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान प्राप्त कई उपहारों का विवरण प्रकट करने से इंकार कर दिया. उनका कहना था कि ऐसा करने से अन्य देशों के साथ संबंध खतरे में पड़ जाएंगे.
इमरान खान को अपनी हत्या की आशंका
पूर्व प्रधानमंत्री नवंबर के बाद से अदालत के समक्ष उपस्थित होने से परहेज कर रहे हैं. खासकर पूर्वी पंजाब प्रांत में एक सरकार विरोध रैली के दौरान बंदूक के छर्रों से घायल होने के बाद. अदालत के समक्ष पेश नहीं होने पर उन्होंने सफाई दी कि वह अभियोग का सामना करने के लिए लाहौर से इस्लामाबाद यात्रा करने के लिए चिकित्सकीय रूप से फिट नहीं थे. पिछले हफ्ते वह जरूर तीन अदालतों में पेशी के लिए इस्लामाबाद गए, लेकिन भ्रष्टाचार के मामले में अभियोग का सामना करने के लिए चौथी अदालत में पेश नहीं हुए, जो कि उनके खिलाफ मुकदमे को शुरू करने की एक कानूनी प्रक्रिया है. इमरान खान का आरोप है कि उनके खिलाफ आतंकवाद के आरोप सहित तमाम मामले प्रधान मंत्री शाहबाज शरीफ की सरकार द्वारा उन्हें बदनाम करने की साजिश है.
यह भी पढ़ेंः पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमतें आसमान पर, 272 पीकेआर प्रति लीटर मिल रहा अब
शरीफ सरकार पर हत्या की साजिश रचने का आरोप
इमरान खान बार-बार आरोप लगा रहे हैं, 'वे (सत्ता प्रतिष्ठान) अदालत में पेशी के दौरान रास्ते में मारना चाहता था.' उन्होंने फिर आरोप दोहराते हुए कहा, 'उन्होंने अदालत में पेशी के दौरान मुझे मारने की एक और योजना बनाई है.' अपने आरोप के समर्थन में इमरान खान पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी अदालत के जज, उनकी पत्नी और दो बच्चों की हत्या का भी जिक्र करते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के इस्लामाबाद के स्वाबी जिले में अज्ञात बंदूकधारियों ने उनके वाहन पर गोलियां चलाईं, जिससे परिवार की मौत हो गई. इमरान खान शीर्ष आईएसआई अधिकारी के संदर्भ में 'डर्टी हैरी' का भी नाम लेते हैं, जिसने उनकी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की क्रूर यातना दी. वह कहते हैं, 'डर्टी हैरी एक मनोरोगी है. वह एक बीमार आदमी है. ऐसे लोगों से मेरी जान को खतरा है.' मीडिया रिपोर्टों के अनुसार खान का 'डर्टी हैरी' का संदर्भ आईएसआई महानिदेशक नदीम अंजुम के लिए कर रहे हैं.
पाकिस्तान में राजनीतिक हिंसा का लंबा इतिहास
पाकिस्तान में राजनीतिक हिंसा का लंबा इतिहास रहा है. पूर्व प्रधान मंत्री बेनजीर भुट्टो की दिसंबर 2007 में इस्लामाबाद के पास रावलपिंडी शहर में एक चुनावी रैली के दौरान बंदूकों और बम हमले में हत्या कर दी गई थी. हालांकि इमरान खान की सबसे नई चुनौती तब सामने आई जब पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने उन्हें तोशाखाना मामले में पांच साल के लिए सार्वजनिक पद संभालने से प्रतिबंधित कर दिया. हालांकि उन्होंने अपनी अयोग्यता को कानूनी चुनौती दी है. मई में उन्होंने दावा किया था कि उनका जीवन खतरे में है. इसके साथ ही उन्होंने एक वीडियो भी सार्वजनिक किया, जिसमें उन सभी का नाम लिया गया था जो उनके लिहाज से साजिश रच रहे थे.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Pramanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Shri Premanand ji Maharaj: मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है? जानें प्रेमानंद जी महाराज से
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
May 2024 Vrat Tyohar List: मई में कब है अक्षय तृतीया और एकादशी? यहां देखें सभी व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट