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Naresh Goyal: कौन हैं नरेश गोयल, जिसे ईडी ने किया है गिरफ्तार, जाने इनके अर्श से फर्श तक पहुंचने की कहानी

Naresh Goyal: नरेश गोयल का साम्राज्य 25 वर्ष में कैसे बना और बिगड़ा, गरीब घर से निकले नरेश ने रची थी सफलता की इबारत, लेकिन एक चूक बनी बर्बादी की वजह

Updated on: 02 Sep 2023, 01:00 PM

New Delhi:

Naresh Goyal: जेट एयरवेज के पूर्व फाउंडर और दिग्गज कारोबारी रहे नरेश गोयल को प्रवर्तन निदेशायल ने बीते दिन गिरफ्तार कर लिया है. नरेश गोयल पर 538 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग केस के चलते ये कार्रवाई की गई है. गोयल को शुक्रवार देर रात अरेस्ट किया गया.  2 सितंबर को नरेश गोयल की स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा. यहां से ईडी नरेश गोयल को रिमांड पर लेगी. इस मामले को समझने के साथ आइए जानते हैं कौन है नरेशन गोयल, कैसे अर्श से फर्श तक पहुंचे और आगे क्या होने वाला है. 

कौन हैं ईडी की गिरफ्त में आए नरेश गोयल
नरेश गोयल का जन्म आजाद भारत में हुआ. 1949 को पंजाब के संगरूर में जन्मे नरेश गोयल शुरू से आर्थिक तंगी के माहौल में रहे. 18 वर्ष की उम्र में उन्होंने मामा की एक ट्रैवल एजेंसी में कैशियर के रूप में नौकरी कर ली. यहां पर उन्हें शुरुआती तौर पर 300 रुपए प्रति माह वेतन मिलता था. यहीं से नरेश ने कॉमर्स में ग्रेजुएशन पूरा किया. 
ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद नरेश  एक जीएसए नाम की इंटरनेशनल एयरलाइंस कंपनी के साथ बिजनेस में शामिल हो गए. इसके बाद 1997 से 1974 नरेश कई विदेशी एयरलाइंस के साथ जुड़े रहे. उन्होंने एविएशन इंडस्ट्री और एयरलाइंस के बारे में कई अहम जानकारियां भी हासिल कीं. 

1969 में इराकी एयरवेज में बने पीआर अधिकारी
नरेश गोयल ने 1969 में एक इराकी एयरवेज में बतौर जनसंपर्क अधिकारी नौकरी कर ली. इसके बाद उन्होंने अलग-अलग एयरलाइंस कंपनियों में उच्च पदों पर काम किया. इसके साथ ही मिडिल ईस्ट के इंडियन ऑफिस में भी उन्होंने अपने सेवाएं दीं. इस दौरान लगातार नरेश गोयल का फोकस टिकटिंग से लेकर रिजर्वेशन और एयरलाइंस के बिजनेस की बारीकियों को समझने में बीता. 

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1974 में जेट का हुई शुरुआत
नरेश गोयल के लिए वो वक्त आ गया जब उन्होंने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया. 1974 में नरेश गोयल ने अपनी मां से 15000 रुपए लिए और जेट एयरवेज नामक ट्रैवल एजेंसी की शुरुआत की. इसमें उन्होंने एयर फ्रांस, ऑस्ट्रेलियन एयरलाइंस जैसी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती थीं. 

90 के दशक में गोयल ने एयर टैक्सी की भी शुरुआत की. दो साल में ही उन्होंने चार विमान अपने नाम कर लिए और धीरे-धीरे आसमान में जेट उड़ान भरने लगा. इसके बाद वो ऐतिहासिक दिन आया 5 मई 1993 को जेट एयरवेज के बोइंग ने रनवे पर उड़ान भरी और पहला सवारी विमान आसमान में उड़ता नजर आया. 

फोर्ब्स मैगजीन में बनाई जगह
2002 में जेट एयरवेज ने इंडियन एयरलाइंस को भी पीछे छोड़ दिया. इसके बाद गोयल लगातार आगे बढ़ते नजर आए. 2005 में उन्होंने एयरलाइन के कैपिटल मार्केट में अपना दखल बढ़ााय और 20 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ उनकी कुल संपत्ति 8000 करोड़ रुपए तक पहुंच गई. फोर्ब्स मैगजीन ने भी उन्हें अमीर भारतीयों की सूची में 16वें पायदान पर खड़ा कर दिया. 

सहारा एयरलाइन को खरीदना पड़ा महंगा
2006 में नरेश गोयल जब अपने करियर के पीक पर थे, उन्होंने एक बड़ा सौदा किया. ये सौदा था सहारा एयरलाइंस को खरीदने का. ये डील 1450 करोड़ रुपए में हुई. मकसद था इन विमानों को खरीदकर सस्ती फ्लाइट्स का संचालन करना. लेकिन नरेशन ये काम कर नहीं पाए और लगातार वित्तीय संकट से जूझने लगे. नतीजा कंपनी एक बड़े घाटे की ओर बढ़ने लगी. 

2012 में इंडियन एविएशन सेक्टर में बड़ा चेंज देखने को मिला. इसके साथ ही रुपए की घटती वैल्यू और फ्यूल चार्जेज के बढ़ने से नरेश गोयल लगातार जेट को लेकर घाटे में जाते चले गए. वित्तीय घाटे को कवर करने के लिए नरेश गोयल ने जेट में 13000 हजार कर्मचारियों में से 1900 को हाथों हाथ नौकरी से निकाल दिया. 2013 में भी जेट की 24 फीसदी हिस्सेदारी यूएई की एहतियाद ने खरीदी. 

2018 में जेट के तिमाही नतीजे फिर गिरे. 25 बैंकों का करीब 8500 करोड़ रुपए का कर्ज , इसके अलावा कर्मचारियों की पगार समेत अन्य खर्च मिलाकार 13000 करोड़ रुपए अतिरिक्त कर्ज गोयल पर बकाया हो गया. लाख कोशिशों के बाद भी नरेश गोयल कर्ज चुकाने में नाकाम रहे. देखते ही देखते उनका अर्श तक पहुंचने का सफर फर्श तक पहुंच गया.  

क्या है नरेश गोयल पर आरोप
अब ईडी ने उन्हें 538 करोड़ रुपए धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया है. बैंक का आरोप है कि नरेश गोयल ने उनसे 848.86 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था. इसमें से 538.62 करोड़ रुपए नहीं चुकाए हैं. उनके खाते को भी 2021 में फ्रॉड घोषित कर दिया गया.