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Scrub Typhus : बंगाल में नई बीमारी से दहशत, जानें- कारण, लक्षण और बचाव

स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) नाम की ये बीमारी एक छोटे कीड़े थ्रोम्बोसाइटोपेनिक माइट्स के काटने से फैलता है. ये कीड़े आकार में 0.2 मिमी से 0.4 मिमी तक लंबे होते हैं.

Updated on: 16 Jul 2022, 11:59 AM

highlights

  • कोरोनावायरस महामारी से जूझ रहे देश में एक नई बीमारी की दस्तक
  • नई बीमारी स्क्रब टाइफस मरीज की मौत का कारण भी बन सकती है
  • थ्रोम्बोसाइटोपेनिक माइट्स कीड़े के काटने से स्क्रब टाइफस फैलता है

नई दिल्ली:

कोरोनावायरस महामारी ( Coronavirus pandemic) से जूझ रहे देश में एक और नई बीमारी ने दस्तक दी है. पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में एक नई बीमारी स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) ने 15 लोगों को चपेट में ले लिया है. स्क्रब टाइफस बीमारी की टेस्टिंग बंगाल के कई जिला अस्पतालों में चल रही है. इस बीमारी में लोगों को तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों का सामना करना पड रहा है. बीमारी का पता लगाने में भी डॉक्टर्स को समय लग रहा है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर समय रहते इसकी जांच नहीं की गई तो यह नई बीमारी मरीज की मौत का कारण भी बन सकती है.

थ्रोम्बोसाइटोपेनिक माइट्स के काटने से संक्रमण

रिपोर्ट के मुताबिक स्क्रब टाइफस नाम की ये बीमारी एक छोटे कीड़े थ्रोम्बोसाइटोपेनिक माइट्स के काटने से फैलता है. ये कीड़े आकार में 0.2 मिमी से 0.4 मिमी तक लंबे होते हैं. इसके काटने और कई बार तो शरीर में घुस जाने के बाद शरीर में स्क्रब टाइफस के बैक्टीरिया शरीर में पनपने लगते हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि आमतौर पर स्क्रब टाइफस से संक्रमित होने के 5-7 दिन बाद इसके लक्षण दिखाई देते हैं. बुखार, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ, मांसपेशियों में खुजली, उल्टी होना स्क्रब टाइफस के लक्षण हैं. खासतौर पर पूरी त्वचा पर खुजली होना इसके लक्षणों में से एक है. 

डेंगू से मिलते हैं स्क्रब टायफस के लक्षण

मरीजों की जांच के बाद पता चला है कि शरीर के जिस हिस्से में कीड़ा काटता है, वह पूरा हिस्सा काला हो जाता है. डेंगू और स्क्रब टायफस के लक्षण काफी हद तक एक जैसे होते हैं. ज्यादातर वक्त पर तो इस बीमारी का इलाज करना काफी मुश्किल होता है. अगर ठीक से इलाज न किया जाए तो संक्रमित अंग के पूरी तरह खराब होने की भी आशंका बनी रहती है. इस बीमारी में बुखार के प्रकार और कीड़े के काटने के रिसर्च को देखकर ही मरीजों की पहचान की जाती है.

चूहों, कीड़ों और गंदगी से बनाएं दूरी

डॉक्टर्स ने इस नई बीमारी स्क्रब टाइफस से बचाव को लेकर भी कई तरह की हिदायतें दी हैं. उन्होंने सुरक्षा के लिए सबसे पहले चूहों से सावधान रहने कहा है. क्योंकि चूहा स्क्रब टाइफस बीमारी का सबसे बड़ा कारण है. इसलिए डॉक्टरों का कहना है कि अपने घर में कूड़ा न रखें. इस रोग से बचने के लिए घरों को चूहों से मुक्त रखें. क्योंकि इस प्रकार के कीड़े आमतौर पर जंगल में पाए जाते हैं. इसके अलावा ये कीड़े गंदगी और पुराने धूल भरे फर्नीचर में ठिकाना बनाते हैं. इसलिए घर को कचरे से मुक्त करने और साफ-सफाई रखने की बात कही जा रही है.

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बच्चों और फील्ड वर्कर्स पर ज्यादा ध्यान

डॉक्टर्स ने स्क्रब टाइफस बीमारी से सुरक्षा उपायों में सबसे ज्यादा जोर बच्चों को झाड़ियों से दूर रखने पर दिया है. अगर खेलने के दौरान बच्चे झाड़ियों चले जाते हों तो पहले से ही बच्चों को पूरी बाजू की शर्ट और पैरों को ढके हुए जूते पहनाए जाने की सलाह दी गई है. स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी में बताया है कि खासकर जो लोग फील्ड में काम करते हैं, वे घर लौटने के बाद गर्म पानी से नहाएं और ठीक से कपड़े साफ करें. अगर किसी को बुखार, सिरदर्द, उल्टी, सांस लेने में तकलीफ है तो तुरंत जिला अस्पताल में संपर्क करने की सलाह भी दी गई है.