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एक धमाका और सब खत्म! राजीव के वो आखिरी दर्दनाक पल की दास्तां...

आज बात उस खौफनाक मंजर की, जिसने पूरे देश को दहला दिया. कैसे और कब राजीव गांधी की हत्या की साजिश रची, सबकुछ बताएंगे इस आर्टिकल में...

Updated on: 20 Aug 2023, 09:45 AM

नई दिल्ली:

राजीव गांधी का अंतिम एक घंटा! आज 20 अगस्त 2023 है. पूरे देश में आज भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती मनाई जा रही है. जब-जब राजीव गांधी का नाम हमारे जहन में आता है, तब-तब हमारी नजरें उनके उन्हीं आखिरी खौफनाक मंजरों की तस्दीकी करती हैं. जब तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक आतंकी बम धमाके में उनकी हत्या कर दी गई थी. आज उस घटना के इतने सालों बाद भी वो जख्म मानों जस के तस हैं... कई सवाल हैं, कई गवाह हैं, कई दलीलें हैं और कई कहानियां भी... मगर कुछ नहीं है, तो वो है राजीव...

इसलिए आज इस आर्टिकल में हमारी कोशिश है, आपको बिल्कुल उसी लम्हों से रूबरू कराने की, जब ये खौफनाक आतंकी मंजर पेश आया था... तो इसकी शुरुआत होती है साल 1991 से, तारीख थी 21 मई. भारत के छटे प्रधानमंत्री राजीव गांधी चुनाव प्रचार में व्यस्त थे, जिसके लिए वो अभी-अभी आंध्र प्रदेश के विशाखापटनम पहुंचे थे. यहां से उनका अगला पड़ाव तमिलनाडु का श्रीपेरंबदूर था, वहां उन्हें जीके मूपनार के लिए प्रचार करना था. 

भारी हुजूम के बीच राजीव...

विशाखापटनम से चुनाव प्रचार खत्म कर वो अभी-अभी मद्रास (अब चेन्नई) पहुंचे, करीब दो घंटे बाद वो एक कार में सवार होकर श्रीपेरंबदूर के लिए रवाना हो गए. बीच सफर वो कई बार अन्य चुनाव प्रचार स्थलों पर भी रुके. यूं ही रात के करीब 10 बज चुके थे, राजीव भी श्रीपेरंबदूर लगभग पहुंच ही थे. यहां कांग्रेसी कार्यकर्ता और तमाम स्कूली बच्चे उनके स्वागत के लिए खड़े थे. साथ ही लोगों का भारी हुजूम राजीव गांधी की एक झलक का इंतजार कर रहा था. महज कुछ ही देर में राजीव गांधी रैली स्थल पर पहुंच गए. बड़ी संख्या में लोग उन्हें देखने के लिए शोर मचाने लगे, रात का सन्नाटा उनकी जयकार से गूंज उठा...

मौत को बुलावा?

यहां रैली स्थल पर व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुरुषों और महिलाओं के लिए दो अलग-अलग गैलरी तैयार की गई थीं. राजीव ने पहले पुरुष गैलरी का दौरा किया, अब बारी थी महिलाओं की गैलरी का दौरा करने की. इससे बेखबर कि ये लम्हें उनके आखिरी और दर्दनाक साबित होने वाले थे, वो महिला गैलरी की तरफ बढ़ते गए. तभी कथित तौर पर एक महिला जबरदस्ती राजीव गांधी के पास आने लगी. पुलिसकर्मी और सुरक्षाकर्मी ने उसे रोकने की तमाम कोशिश की, मगर वो राजीव के पास आने की जिद करने लगी...  राजीव ने भी उस महिला को देखा और उसे अपने पास बुला लिया. 

सन्नाटे की गर्द...

इस वक्त घड़ी में रात के करीब 10:10 हो रहे थे. वो महिला आई, राजीव गांधी के पैर छूए अभी राजीव कुछ समझ पाते, इससे पहले ही उस महिला ने अपनी ड्रेस के नीचे बंधी आरडीएक्स विस्फोटक से भरी बेल्ट से विस्फोट कर दिया. जोरदार धमाके के साथ पूरा इलाका सन्नाटे की गर्द में डूब गया. कुछ ही घंटों में पूरे देश में राजीव की हत्या की खबर आग की तरह फैल गई, मालूम चला कि राजीव गांधी के साथ 14 अन्य लोगों की भी मौत हो गई. बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए...

और इसी के साथ देश के छटे प्रधानमंत्री, जवाहरलाल नेहरू के पोते और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सबसे बड़े बेटे की मौत हो गई. आज भी इस घटना को याद कर देश के लोगों की आंखे भर आती है...