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Luxury Brand: आर्यन खान के ब्रांडेड आइटम्स की कीमतों पर 'बवाल' क्यों... समझें लग्जरी और ऊंची कीमतों का संबंध

लग्जरी या विलासिता वास्तव में गुणवत्ता का पर्याय है और कोई भी ब्रांड इस विचार के इर्दगिर्द केंद्रित रहता है. ब्रांड्स विशिष्टता पर ध्यान केंद्रित करते हैं. ब्रांड्स का दावा होता है कि इसे तैयार करने में शिल्प कौशल और बारीकियों पर ध्यान दिया जाता है.

Updated on: 01 May 2023, 03:31 PM

highlights

  • शाहरुख खान के सुपुत्र आर्यन के ब्रांड की वेबसाइट रविवार को हुई लांच
  • लांचिंग के बाद ब्रांड के आइटम्स की कीमत पर कुछ यूजर्स ने किए कमेंट्स
  • यूजर्स के आर्यन के ब्रांडेड आइटम्स पर 'बेफिजूल महंगे' सरीखे भी कमेंट्स

नई दिल्ली:

आर्यन खान (Aryan Khan) के लग्जरी परिधान व्यवसाय ड्यावोल एक्स (D’YAVOL X) की रविवार को वेबसाइट लांच हुई. इसके कुछ देर बाद ही ऑनलाइन यूजर्स इन पोशाकों की 'ऊंची' कीमतों को देख दंग रह गए. कुछ ने इन्हें बेफिजूल बताते हुए ऑनलाइन कमेंट्स भी करने शुरू कर दिए. गौरतलब है कि कुछ हफ्तों से शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) और आर्यन इस ब्रांड और उसकी लांच की मार्केटिंग कर रहे हैं, जिससे उनके प्रशंसकों में काफी उत्साह पैदा हो गया था. हाल ही में सुपरस्टार शाहरुख खान की मौजूदगी वाला ब्रांड का एक विज्ञापन भी जारी किया गया था. इस एड फिल्म में खान पिता-पुत्र जोड़ी एक जैसे ड्यावोल एक्स के कपड़े पहने दिखाई पड़ते हैं. हालांकि रिलीज के तुरंत बाद ही यूजर्स (Online Users) ने ब्रांड के कपड़ों और अन्य आइटम्स की बेहद ऊंची कीमतों पर आश्चर्य व्यक्त किया. ऑनलाइन यूजर्स का कहना था कि ये आइटम्स मध्यम वर्ग (Middle Class) के लिहाज से सस्ते नहीं हैं, बल्कि ये मध्य वर्ग की पहुंच से ही बाहर हैं. इन प्रतिक्रियाओं के बीच आइए समझते हैं कि एक लग्जरी (Luxury) ब्रांड 'लग्जरी' कैसे बनता है और ऐसे ब्रांड्स की कीमतें इतनी ऊंची कैसे हो जाती हैं.
  
लग्जरी को ऐसे परिभाषित करते हैं
लग्जरी या विलासिता वास्तव में गुणवत्ता का ही  पर्याय है और कोई भी ब्रांड इस विचार के इर्दगिर्द केंद्रित रहता है. ब्रांड्स विशिष्टता पर पूरा ध्यान केंद्रित करते हैं. ब्रांड्स का दावा होता है कि इसे तैयार करने में शिल्प कौशल और बारीकियों पर ध्यान दिया जाता है. जिन ब्रांड्स को लग्जरी के रूप में पहचाना जाने लगा है वे भी इस पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि उनका ब्रांड वास्तव में एक खास जीवन शैली को दिखाने या जीने का एक तरीका है. यह कांसेप्ट एक उपभोक्तावादी वस्तु के बिल्कुल विपरीत है. उदाहरण के लिए लुई विटॉ जैसे पुराने लग्जरी ब्रांड की पहचान लालित्य से जुड़ी हुई है. बैलेंसियागा अधिक समकालीन ब्रांड की छवि रखता है. विशिष्टता की यह भावना आमतौर पर गुणवत्ता, आराम और लालित्य की धारणाओं से उत्पन्न होती है. ई-टेल की एक रिपोर्ट के अनुसार लग्जरी शब्द दुनिया भर में उपभोक्ताओं के लिए कई अतिरिक्त चीजों को शामिल करने के लिए विकसित हो रहा है. लग्जरी शब्द का अर्थ पिछली पीढ़ियों की तुलना में आज काफी अलग हो चुका है.

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लग्जरी का मतलब बहुत या बेहद महंगा भी कतई नहीं
जानकारी के मुताबिक 2022 में मैरियट इंटरनेशनल और स्किफ्ट रिसर्च ने अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, चीन, मैक्सिको और संयुक्त अरब अमीरात में लग्जरी के प्रति दृष्टिकोण और व्यवहार की पहचान करने के लिए 5,000 से अधिक बेहद उच्च आय वाले लग्जरी उपभोक्ताओं का वैश्विक सर्वेक्षण किया था. वैश्वीकरण, इंटरनेट और डिजिटल प्रौद्योगिकी के प्रभाव के परिणामस्वरूप, गुणवत्ता, विलासिता और विशिष्टता क्या हो सकती है इसका एक व्यापक बहुआयामी दृष्टिकोण है. दुनिया भर में बेहद उच्च आय वाले लग्जरी उपभोक्ता किसी भी ब्रांड की गुणवत्ता, सुविधा और लालित्य जैसी लग्जरी की लंबे समय से चली आ रही अवधारणाओं को महत्व देना जारी रखते हैं. हालांकि वे अपनी आकांक्षाओं और जीवन शैली के लक्ष्यों के एक नए प्रतिमान से भी लग्जरी को गढ़ते हैं. सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि बेहद उच्च आय वाले उपभोक्ता अपने समकक्षों से खुद को अलग करने के लिए लग्जरी की वस्तुओं का उपयोग करते हैं. हालांकि यह कतई आश्चर्यजनक नहीं है कि लग्जरी के प्रति नजरिया पिछली पीढ़ियों से बहुत अधिक नहीं बदला है. यह भी पता चला है कि आज के लग्जरी उपभोक्ताओं का मानना ​​है कि सभी लग्जरी खरीदारी सबसे महंगी भी नहीं होनी चाहिए. यह दर्शाता है कि वे संबंधित ब्रांड को खरीद कर जो डींग मारने का अधिकार चाहते हैं, वह उनके लिए जरूरी नहीं है.

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लग्जरी ब्रांड के आइटम इतने महंगे क्यों 
अमेरिका की टू शॉट की एक रिपोर्ट के मुताबिक फास्ट फैशन फैक्ट्रियों के विपरीत, डिजाइनर ब्रांड शायद ही कभी अपने कपड़ों में सिंथेटिक फाइबर का इस्तेमाल करते हैं. उदाहरण के लिए हर्मेज़ और लुई विटॉ अपने बैग में जानवरों का असली चमड़ा लगाते हैं. ये सामग्रियां अन्य कम लागत पर मटेरियल उपलब्ध कराने वाली फर्मों की तुलना में काफी बेहतर होती हैं. अपने ग्राहकों की सुविधा को सुनिश्चित करने के लिए अधिकांश डिजाइनर पोशाकें ऑर्गेनिक और प्राकृतिक रेशों मसलन  रेशम, कपास, ऊन और लिननसे बनाई जाती हैं. डिजाइनर पोशाकों में डिजाइन को और भव्य बनाने के लिए हीरे और सोने का काम भी बारीकी से किया जाता है. जाहिर है इनकी वजह से भी ब्रांड की कीमत कहीं अधिक बढ़ जाती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसी लग्जरी आइटम्स की लागत में लेबर के मेहनताने का भी योगदान होता है. अक्सर हाई एंड ब्रांड्स यूरोप और अमेरिका के लेबर का इस्तेमाल करते हैं. इन लेबर के भारी-भरकम पारिश्रिमक की वजह से भी ब्रांड की कीमत बढ़ जाती है. एक ही डिजाइन पर काम करने वाले एक ही व्यक्ति भी इसकी कीमतों का एक कारक है. बड़ी संख्या में लोग डिजाइनर ब्रांड पर काम करते हैं, जिसके लिए प्रीमियम वेतन देना पड़ता है. इस कारण यह भी ब्रांड की कीमत में जुड़ता है. फैशन डिजाइनर, सिलाई-कढ़ाई करने वालों समेत काश्तकारों का काम कम वेतन वाला बिल्कुल भी नहीं है. लग्जरी ब्रांड के लिए काम करने के एवज में उन्हें बहुत अच्छा मेहनताना दिया जाता है. लग्जरी ब्रांड्स में विशिष्टता का भाव होना सर्वोच्च प्राथमिकता होती है, क्योंकि उनके उत्पाद बेहद उच्च आय वर्ग के लिए होते हैं. लग्जरी ब्रांड अपने ग्राहकों को एक खास कपड़े प्रदान करते हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि पोशाकों की सीमित संख्या या संग्रहणीय आइटम जैसी कुछ मार्केटिंग मंत्रों से डिजाइनर सामानों की आवश्यकता को पूरा करने की गारंटी दी जाती है. उदाहरण के लिए वे 100 पोशाकों बनाने के बजाय केवल दस ही बनाकर उन्हें बेचेंगे. जाहिर है वस्तुओं की मात्रा को सीमित करने के लिए ही उनकी कीमतों में वृद्धि की जाती है.