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खुला राज, थमी नहीं नवजोत सिंह सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी में अदावत

इसके पहले लग रहा था कि पंजाब कांग्रेस और राज्य सरकार में सब गिले शिकवे दूर होने लगे हैं, मगर यह सच साबित नहीं हो पाया. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का घमासान रुकने का नाम नहीं ले रहा.

Updated on: 05 Jan 2022, 02:26 PM

highlights

  • सिद्धू के खिलाफ चन्नी सरकार के चार मंत्रियों ने पार्टी आलाकमान से की शिकायत
  • डिप्टी सीएम रंधावा ने कहा कि पंजाब विधानसभा चुनाव कांग्रेस के नाम पर लड़ा जाएगा
  • नवजोत सिंह सिद्धू ने जोर देकर कहा कि पंजाब में लोगों का सरकार से भरोसा टूटा है 

नई दिल्ली:

पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में सब ठीक होने की बात को एक बार फिर पलीता लगता दिख रहा है. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का घमासान रुकने का नाम नहीं ले रहा. चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर सीएम चन्नी और पीसीसी अध्यक्ष सिद्धू आमने-सामने आ गए हैं. सिद्धू के खिलाफ चन्नी सरकार के चार मंत्रियों ने पार्टी आलाकमान से शिकायत की है. अब पंजाब का पंगा दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की दहलीज पर पहुंच गया है.

पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा, भारत भूषण आशु, परगट सिंह और अमरिंदर सिंह वडिंग ने बीते दिन दिल्ली में पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात कर सिद्धू की बयानबाजी पर लगाम लगाने की मांग की है. बैठक के बाद रंधावा ने बताया था कि पंजाब विधानसभा चुनाव कांग्रेस के नाम पर लड़ा जाएगा. पार्टी ही चुनाव प्रचार में चेहरा रहेगी. दूसरी ओर प्रदेश अध्यक्ष सिद्धू लगातार अपनी पार्टी पर पंजाब में मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने का दबाव बना रहे हैं. उन्होंने कई बार साफ तौर पर कहा है कि बिना दूल्हे के बारात निकालने से कांग्रेस को नुकसान होगा.

दोनों ने जाहिर किए सीएम बनने के मंसूबे

इससे पहले सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में सिद्धू से जुड़े सवाल पर उन्हें सेल्फ गोल करने वाला बता दिया. इसके साथ ही ईशारों में खुद को पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा भी बता दिया. साथ ही सिद्धू के सीएम बनने से जुड़े सवाल पर उसे महज सपना करार दे दिया. वहीं, एक दूसरे टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर खुद को कांग्रेस की ओर से बतौर सीएम फेस पेश करने की कोशिश की. पंजाब चुनाव से पहले सिद्धू ने मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी के संकेत देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बनने का हक सभी का है. उन्होंने कहा कि दुनिया में उनके बारे में लोग क्या कहते हैं, वो इसे लेकर कभी भी नहीं सोचते. सिद्धू ने जोर देकर कहा कि पंजाब में लोगों का सरकार से भरोसा टूटा है और इसको वापस लाने की जरूरत है. 

महिलाओं के लिए वादे पर घिरे सिद्धू

इसके पहले बरनाला में सिद्धू ने चुनावी वादा करते हुए कहा था कि हरेक महिला को दो हजार रुपये प्रति माह और हर माह आठ रसोई गैस सिलिंडर दिए जाएंगे. यहीं नहीं पांचवीं पास छात्राओं को पांच हजार रुपए और 12वीं पास छात्रा को बीस हजार रुपए दिए जाएंगे. इसके बाद उन पर एक ओर जहां कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र से पहले ऐलान करने का आरोप लगाया जाने लगा तो दूसरी ओर मंत्री भारत भूषण आशू की पत्नी ने ट्वीट कर उन पर हमला बोल दिया.  मंत्री भारत भूषण आशु की पत्नी ममता ने सभी राजनीतिक दलों को संबोधित करते एक ट्वीट में लिखा कि प्लीज हमारी बोली न लगाएं. अगर राजनीतिक दल महिलाओं को कुछ देना चाहते हैं तो उन्हें सामाजिक सुरक्षा और समानता का अधिकार दें. ट्वीट में अरविंद केजरीवाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी के साथ कई  मीडिया संस्थानों को टैग किया गया था.

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दूर होते दिख रहे थे गिले-शिकवे

इसके पहले लग रहा था कि पंजाब कांग्रेस और राज्य सरकार में सब गिले शिकवे दूर होने लगे हैं, मगर यह सच साबित नहीं हो पाया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार को पंजाब के फगवाड़ा एक रैली के दौरान नवजोत सिद्धू ने सीएम चन्नी की जमकर तारीफ की थी. सिद्धू ने यह भी कहा था कि पंजाब को सात दशक बाद एक दलित सीएम मिला है. सिद्धू ने कहा था कि बहुत ही कम समय में उन्होंने एक 'उद्यमी' पंजाब का मार्ग प्रशस्त किया. साथ ही सभी के लिए समानता और न्याय की आशा जगाई है. वहीं, सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने भी लगातार नवजोत सिंह सिद्धू की तारीफ करके संकेत दिए थे कि पंजाब कांग्रेस और सरकार में सब सही हो गया है.