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Whats App ने माना RBI का फरमान, भारत में ही बनाया डाटा स्टोरेज सिस्टम

आरबीआई ने 6 अप्रैल को अपने सर्कुलर में पेमेंट सेवा देने वाले सभी ऑपरेटर्स को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि पेमेंट संबंधी सभी आंकड़ों का संग्रहण उन्हें केवल भारत में ही स्थापित एक प्रणाली में करना होगा.

Updated on: 10 Oct 2018, 08:54 AM

नई दिल्ली:

दुनिया की सबसे लोकप्रिय मेसेजिंग सेवा एप व्हाट्सएप ने मंगलवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों के हिसाब से उसने देश के भीतर ही पेमेंट संबंधी डाटा रखने की प्रणाली स्थापित की है.

आरबीआई ने 6 अप्रैल को अपने सर्कुलर में पेमेंट सेवा देने वाले सभी ऑपरेटर्स को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि पेमेंट संबंधी सभी आंकड़ों का संग्रहण उन्हें केवल भारत में ही स्थापित एक प्रणाली में करना होगा. रिजर्व बैंक ने ऐसा करने के लिए कंपनियों को 15 अक्टूबर तक की मोहलत दी थी.

व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने कहा, ‘भारत में करीब 10 लाख लोग सुरक्षित और साधारण तरीके से एक-दूसरे को पैसा भेजने के लिए व्हाट्सएप की पेमेंट सेवा का प्रायोगिक उपयोग कर रहे हैं. रिजर्व बैंक के डाटा संग्रहण संबंधी सर्कुलर के अनुपालन के लिए हमने एक प्रणाली स्थापित की है जो पेमेंट संबंधी सभी आंकड़ों का भारत में ही स्थानीय तौर पर संग्रहण करेगी.’ 

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उन्होंने कहा कि जल्द ही इस सेवा को देशभर में शुरू किए जाने की योजना है, ताकि यह देश के ‘वित्तीय समावेश लक्ष्यों’ को पूरा करने में अपना योगदान कर सके.

अप्रैल में अपने आदेश में रिजर्व बैंक ने कहा था कि पेमेंट सेवा ऑपरेटर्स की बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि इन आंकड़ों तक अनौपचारिक निगरानी पहुंच हो. साथ ही यह पहुंच पेमेंट सेवा से जुड़े सेवा प्रदाताओं, बिचौलियों और तीसरे पक्ष के सेवा प्रदाताओं के आंकड़ों तक भी हो.

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रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि इन आंकड़ों में पेमेंट के शुरू से लेकर आखिर तक के लेनदेन की पूरी जानकारी रखना होगी.