logo-image

ब्लैक होल के बारे मे पढ़ा होगा, पर अब देख पाएँगे कैसा होता है इसका संसार

वैज्ञानिकों का एक समूह पहली बार अंतरिक्ष मे ब्लैक होल के निर्माण की प्रक्रिया की लाइव फोटोज को क़ैद करने जा रहा हैं। वैज्ञानिक इसके लिए रेडियो दूरबीनों के वैश्विक नेटवर्क पर स्विच कर रहे हैं।

Updated on: 06 Apr 2017, 01:18 PM

नई दिल्ली:

वैज्ञानिकों का एक समूह पहली बार अंतरिक्ष मे ब्लैक होल के निर्माण की प्रक्रिया की लाइव फोटोज को क़ैद करने जा रहा हैं। वैज्ञानिक इसके लिए रेडियो दूरबीनों के वैश्विक नेटवर्क पर स्विच कर रहे हैं।

गुरुवार से शुरू होने वाले इस समारोह 'इवेंट होराइज़न टेलीस्कॉप' मे ब्लैक होल 'सजिटेरियस ए' का निरीक्षण करने के लिए दुनिया भर की लेबर्ट्रीस को 14 अप्रैल तक लिंक किया जाएगा।

SRH vs RCB: हैदराबाद के गेंदबाजों के आगे नहीं टिक सके बेंगलुरु के बल्लेबाज, 35 रन से दी मात

'सजिटेरियस ए' को सीधे तौर पर कभी नहीं देखा गया है, लेकिन वैज्ञानिकों को स्टार्स पर होने वाले इसके प्रभाव के कारण इसकी उपस्थिति का अनुमान है। यह फोटोस आइंस्टीन की 'थ्योरी ऑफ ग्रैविटी' के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा होंगी और हो सकता है कि हमें अपनी बेसिक फिज़िक्स की समझ को फिर से लिखना पड़े।

'सजिटेरियस ए' की पृथ्वी से दूरी 26,000 प्रकाश वर्ष अर्थात लगभग 20 मिलियन किलोमीटर है। पहली बार वैज्ञानिक इस इवेंट को कैप्चर कर पाने की उम्मीद मे है, इसके लिए वैज्ञानिक पृथ्वी के बराबर 'वर्चुअल टेलिस्कोप' को बना रहे हैं, जिसे बहुत सारे छोटे छोटे रिसीवर को जोड़कर बनाया जा रहा है।

यह टेलिस्कोप सभी देशों को दक्षिण ध्रुव से, उत्तरी ध्रुव तक, अमेरिका और यूरोप में रेडियो एंटेना के ज़रिए एक दूसरे से जोड़ेगा। यह टेलिस्कोप, एपर्चर की नकल करता है जो 'सजिटेरियस ए' को कैप्चर करने के लिए ज़रूरी रेज़ल्यूशन का निर्माण करेगा।