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Lakshmi Ganesh Pauranik Katha: दिवाली पर माता लक्ष्मी के साथ क्यों करते हैं गणेश जी की पूजा, जानें इनका रिश्ता

Lakshmi Ganesh Pauranik Katha: लक्ष्मी गणेश की पूजा एक साथ करने के बारे में हमारे शास्त्रों में कई जगह कहा गया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनकी पूजा एक साथ क्यों की जाती है.

Updated on: 06 Nov 2023, 01:37 PM

New Delhi :

Lakshmi Ganesh Pauranik Katha: भगवान विष्णु की धर्म पत्नी माता लक्ष्मी की पूजा सारा संसार करता है. माता के अष्ट रुपों को अगर आप अपनी मनोकामना के अनुरूप पूजते हैं तो आपकी मनोकामना जल्द पूरी होती है. दीपावली के दिन खास तौर पर माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है, लेकिन उनके साथ भगवान गणेश की पूजा करना अनिवार्य होता है. क्या आपने कभी ये सोचा है कि माता लक्ष्मी के साथ विघ्नहरण की पूजा क्यों की जाती है. भगवान गणेश माता पार्वती और महादेव के पुत्र हैं. लेकिन माता लक्ष्मी को गणेश जी की माता के रूप में भी जाना जाता है. आखिर ये कहानी क्या है. तो आइए माता लक्ष्मी और गणपति के रिश्ते और इससे जुड़ी पौराणिक कथा जानते हैं. 

माता लक्ष्मी को हुआ घमंड 

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार माता लक्ष्मी को इस बात का घमंड हुआ कि उनकी पूजा संसार में सभी करते हैं और उन्हें पाने के लिए सभी लोग लालायित भी रहते हैं. जैसे ही ये भावना माता लक्ष्मी के मन में आयी ये बात उनके पति परमेश्वर भगवान विष्णु को समझ में आ गई. 

विष्णु जी ने माता लक्ष्मी का अहंकार तोड़ने के लिए उनसे कहा कि ' देवी भले ही आपको सारा संसार पूजता है, धरती का हर प्राणी भले ही आपको पाना चाहते है. लेकिन आपमें एक बहुत बड़ी कमी है जिस वजह से आप अभी भी अपूर्ण हैं '

ये बात सुनकर माता लक्ष्मी व्याकुल हो गईं और उन्होनें पूछा कि मुझमें ऐसी कौन सी कमी है. तब विष्णु जी ने माता लक्ष्मी से कहा 'जब तक कोई स्त्री मां नहीं बनती तब तक वह पूर्णता को प्राप्त नहीं करती, आप नि:संतान हैं जिस कारण आप अभी भी अपूर्ण ही हैं.' ये बात सुनकर माता लक्ष्मी को बहुत दुख हुआ. 

लक्ष्मी और गणेश जी में क्या रिश्ता है?

माता लक्ष्मी इस बात से बहुत परेशान थीं. एक दिन वो अपनी सहेली माता पार्वती से मिलने गईं. उन्होंने अपने मन की बात माता पार्वती को बतायी. संतान सुख पाने के लिए उन्होंने माता पार्वती से आग्रह किया कि वो उन्हें अपना एक पुत्र गोद दे दें. सहेली की पीड़ा देखकर माता पार्वती ने उन्हें गणेश जी को गोद दे दिया. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस तरह माता लक्ष्मी के दत्तक पुत्र भगवान गणेश बन गए. 

माता लक्ष्मी ने जब गणेश को पुत्र रूप में पाया तो वो इस बात से बेहद प्रसन्न हुईं. उन्होंने अपने पुत्र गणेश को ये वरदान दिया कि जो भी मेरी पूजा के साथ तुम्हारी पूजा नहीं करेगा मैं उसके पास नहीं रहूंगी. 

तो इस वजह से माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा की जाती है. दीपावली के दिनों में भी मार्केट में माता लक्ष्मी और गणेश जी की मुर्ति एक साथ लोग खरीदकर अपने घर लेकर जाते हैं. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)