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Vedic Ghadi: वैदिक घड़ी क्या है? कहा पर लगाई गई है, जानिए इसकी 10 रोचक बातें

Vedic Ghadi: उज्जैन की पहली वैदिक घड़ी, विक्रमादित्य वैदिक घड़ी, दुनिया की पहली वैदिक गणना पद्धति पर आधारित घड़ी है.

Updated on: 03 Mar 2024, 12:15 PM

नई दिल्ली :

Vedic Ghadi: उज्जैन की पहली वैदिक घड़ी, विक्रमादित्य वैदिक घड़ी, दुनिया की पहली वैदिक गणना पद्धति पर आधारित घड़ी है. इसमें 24 घंटे की बजाय 30 घंटे का दिन और 60 मिनट की बजाय 48 मिनट का घंटा है. यह सूर्योदय से सूर्यास्त तक का समय प्रदर्शित करती है, जो प्राचीन भारतीय समय गणना पद्धति का मूल था. इस घड़ी में विविध जानकारी जैसे तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण, सूर्योदय, सूर्यास्त, और ग्रहों की स्थिति शामिल है. इसमें आधुनिकता भी है, जिसमें एक मोबाइल ऐप और टेलिस्कोप शामिल हैं. इसे भारतीय मंदिरों से जोड़ा गया है, और यह पर्यटन का एक महत्वपूर्ण आकर्षण बन गया है. इस घड़ी का निर्माण एक 85 फीट ऊंचे टावर पर किया गया है, और इसका उद्घाटन 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया.

विश्व की पहली वैदिक घड़ी: उज्जैन में स्थापित यह घड़ी, वैदिक गणना पद्धति पर आधारित विश्व की पहली घड़ी है.
अद्वितीय समय प्रणाली: इसमें 24 घंटे की बजाय 30 घंटे का दिन होता है, और 60 मिनट की बजाय 48 मिनट का घंटा होता है.
सूर्योदय से सूर्यास्त: यह घड़ी सूर्योदय से सूर्यास्त तक के समय को दर्शाती है, जो प्राचीन भारतीय समय गणना पद्धति का आधार था.
विविध जानकारी: यह घड़ी तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण, सूर्योदय, सूर्यास्त, ग्रहों की स्थिति, और पंचांग सम्बन्धी अन्य जानकारी भी प्रदान करती है.
आधुनिक तकनीक: यह घड़ी आधुनिक तकनीक से युक्त है, और इंटरनेट और जीपीएस से जुड़ी हुई है.
ऐप: इसका एक मोबाइल ऐप भी है, जिसके माध्यम से लोग घड़ी से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
टेलिस्कोप: घड़ी के साथ एक टेलिस्कोप भी लगाया गया है, जिसके माध्यम से लोग खगोलीय घटनाओं को देख सकते हैं.
भारतीय मंदिरों से जुड़ाव: यह घड़ी भारत के सभी प्रमुख मंदिरों से जुड़ी हुई है, और उनसे जुड़ी जानकारी भी प्रदान करती है.
सांस्कृतिक महत्व: यह घड़ी भारत की समृद्ध वैज्ञानिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है.
पर्यटन आकर्षण: यह घड़ी उज्जैन में एक लोकप्रिय पर्यटन आकर्षण बन गया है.
अतिरिक्त रोचक तथ्य:

  1. इस घड़ी को विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के नाम से भी जाना जाता है.
  2. इसका निर्माण 85 फीट ऊंचे टावर पर किया गया है.
  3. इसका उद्घाटन 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया.

 आशा है कि आपको यह जानकारी रोचक लगी होगी!

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)