Praval Bhasma: प्रवाल भस्म क्या है, जानें इसके खाने के चमत्कारी लाभ
यह अपच, एसिडिटी, और कब्ज जैसी पाचन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाता है।
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Praval Bhasma: प्रवाल भस्म, जिसे अंग्रेजी में 'Coral Ash' कहा जाता है, एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है जो स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है। यह मुख्य रूप से कफ और पित्त विकारों, उल्टी, अपच, एसिडिटी, गैस, और पेट की समस्याओं में लाभकारी माना जाता है। इसके अलावा, प्रवाल भस्म को धर्मिक और तांत्रिक कार्यों में भी प्रयोग किया जाता है। यह श्वेत और सुप्रीम प्रकार का होता है और धूप, गर्मी और वायु के प्रभाव से अच्छी तरह से संरक्षित रहता है। आयुर्वेद में, इसे किडनी के लिए भी लाभकारी माना जाता है। यह बाजार में विभिन्न रूपों में उपलब्ध होता है, जैसे कि छूर्ण, गोलियाँ और रसायन। प्रवाल भस्म, एक आयुर्वेदिक औषधि है जो समुद्री प्रवाल से प्राप्त होती है। इसे कैल्शियम का एक प्राकृतिक स्रोत माना जाता है। प्रवाल भस्म खाने के अनेक लाभ बताए जाते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:
प्रवाल भस्म खाने के फायदे:
1. हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है: प्रवाल भस्म कैल्शियम का एक प्राकृतिक स्रोत है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में सहायक होता है। यह ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों की बीमारियों से बचाव करता है। यह दांतों को मजबूत बनाता है और दांतों की सड़न से बचाता है।
2. पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है: प्रवाल भस्म पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में सहायक होता है। यह अपच, एसिडिटी, और कब्ज जैसी पाचन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाता है। यह भूख को बढ़ाता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है।
3. रक्तचाप को नियंत्रित करता है: प्रवाल भस्म रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होता है। यह उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों के लिए लाभदायक होता है। यह रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाता है।
4. मधुमेह को नियंत्रित करता है: प्रवाल भस्म मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायक होता है। यह रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है। यह मधुमेह के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
5. त्वचा और बालों के लिए लाभदायक: प्रवाल भस्म त्वचा और बालों के लिए लाभदायक होता है। यह त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाता है। यह बालों को मजबूत और घना बनाता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रवाल भस्म खाने से पहले किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना आवश्यक है। चिकित्सक आपकी स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर यह बताएगा कि आपको प्रवाल भस्म खानी चाहिए या नहीं, और यदि हाँ, तो आपको कितनी मात्रा में प्रवाल भस्म खानी चाहिए।
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